*परीक्षा व्यवस्था में गंभीर अनियमितताओं के विरोध में एबीवीपी का परीक्षा नियंत्रक कार्यालय घेराव*
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शिमला , 16 दिसंबर [ विशाल सूद ] !आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में व्याप्त गंभीर अव्यवस्थाओं, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रक्रिया एवं परिणामों में लगातार सामने आ रही खामियों के विरोध में परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव किया गया। इस घेराव के माध्यम से परिषद ने छात्रों के शैक्षणिक भविष्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को एक साथ उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक जिम्मेदार छात्र संगठन होने के नाते सदैव छात्रों के अधिकारों और शैक्षणिक हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत रही है। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय की परीक्षा एवं मूल्यांकन व्यवस्था छात्रों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। विशेष रूप से वर्ष 2018 onwards के Special Chance प्राप्त छात्रों को Late College क्षमता में भेजे जाने, जबकि उन्हें केवल फेल विषयों की परीक्षा देने का अवसर मिलना चाहिए; बी.टेक पाठ्यक्रम के परिणामों में भारी अनियमितताएं एवं तकनीकी त्रुटियां सामने आना; पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) के परिणामों का लंबे समय तक लंबित रहना; तथा परीक्षा में लागू ऑनलाइन जांच प्रणाली के कारण पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगना—ये सभी समस्याएं एक साथ छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रही हैं। परिषद का स्पष्ट कहना है कि ऑनलाइन मूल्यांकन प्रणाली के कारण परिणामों में बार-बार त्रुटियां सामने आ रही हैं, जिससे छात्रों को मानसिक तनाव, समय की हानि और शैक्षणिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही, गलत या विलंबित परिणामों के कारण छात्रों का अगला सेमेस्टर, प्रवेश प्रक्रिया एवं करियर योजनाएं बाधित हो रही हैं, जो किसी भी दृष्टि से स्वीकार्य नहीं है। घेराव के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण एवं अनुशासित तरीके से अपनी बात रखी और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन सभी समस्याओं का एक समग्र समाधान तुरंत किया जाए। परिषद ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा शीघ्र सकारात्मक और ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो विद्यार्थी परिषद छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन को और व्यापक रूप देगी। इस अवसर पर इकाई अध्यक्ष अक्षय ठाकुर ने कहा कि “परीक्षा व्यवस्था में लगातार हो रही लापरवाहियां यह दर्शाती हैं कि प्रशासन छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। एबीवीपी किसी भी स्थिति में छात्रों के भविष्य के साथ समझौता नहीं होने देगी।” साथ हे साथ उन्होंने कहा की परीक्षाओं के बाद जो मूल्यांकन की व्यवस्था है उसे ऑनलाइन से हटाकर ऑफलाइन मोड में किया जाए हम देखते हैं कि वर्ष 2021 से यह ऑनलाइन सिस्टम मूल्यांकन के लिए किया गया था इसके बाद हमें लगा था की इससे सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा परंतु हम देखते हैं कि इसकी वजह से एक तो परिणाम लेट आ रहे हैं दूसरा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है उसमें विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई चेक नहीं है जिसकी वजह से अमीरज़यादे लोग डायरेक्टली कंपनी के साथ मिलकर धांधली कर रहे हैं और ऑफलाइन प्रक्रिया के मुताबिक ऑनलाइन प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन को भी भारी भरकम पैसा इसके लिए देना पड़ रहा है इतना पैसा देने के बावजूद भी ऑफलाइन सिस्टम से ज्यादा खामियां इसमें देखने को मिल रही है इसलिए दोबारा ऑफलाइन व्यवस्था को लागू किया जाए। वहीं इकाई सचिव सुशील शर्मा ने कहा कि “यह घेराव छात्रों की सामूहिक पीड़ा की अभिव्यक्ति है। जब तक परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, समयबद्ध परिणाम और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक परिषद का संघर्ष जारी रहेगा।” अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई विश्वविद्यालय प्रशासन से अपेक्षा करती है कि वह छात्रों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए परीक्षा व्यवस्था में व्याप्त सभी खामियों का शीघ्र समाधान करे, ताकि विश्वविद्यालय की अकादमिक गरिमा बनी रहे और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
शिमला , 16 दिसंबर [ विशाल सूद ] !आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में व्याप्त गंभीर अव्यवस्थाओं, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रक्रिया एवं परिणामों में लगातार सामने आ रही खामियों के विरोध में परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव किया गया। इस घेराव के माध्यम से परिषद ने छात्रों के शैक्षणिक भविष्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को एक साथ उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक जिम्मेदार छात्र संगठन होने के नाते सदैव छात्रों के अधिकारों और शैक्षणिक हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत रही है। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय की परीक्षा एवं मूल्यांकन व्यवस्था छात्रों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। विशेष रूप से वर्ष 2018 onwards के Special Chance प्राप्त छात्रों को Late College क्षमता में भेजे जाने, जबकि उन्हें केवल फेल विषयों की परीक्षा देने का अवसर मिलना चाहिए; बी.टेक पाठ्यक्रम के परिणामों में भारी अनियमितताएं एवं तकनीकी त्रुटियां सामने आना; पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) के परिणामों का लंबे समय तक लंबित रहना; तथा परीक्षा में लागू ऑनलाइन जांच प्रणाली के कारण पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगना—ये सभी समस्याएं एक साथ छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रही हैं।
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परिषद का स्पष्ट कहना है कि ऑनलाइन मूल्यांकन प्रणाली के कारण परिणामों में बार-बार त्रुटियां सामने आ रही हैं, जिससे छात्रों को मानसिक तनाव, समय की हानि और शैक्षणिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही, गलत या विलंबित परिणामों के कारण छात्रों का अगला सेमेस्टर, प्रवेश प्रक्रिया एवं करियर योजनाएं बाधित हो रही हैं, जो किसी भी दृष्टि से स्वीकार्य नहीं है।
घेराव के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण एवं अनुशासित तरीके से अपनी बात रखी और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन सभी समस्याओं का एक समग्र समाधान तुरंत किया जाए। परिषद ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा शीघ्र सकारात्मक और ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो विद्यार्थी परिषद छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन को और व्यापक रूप देगी।
इस अवसर पर इकाई अध्यक्ष अक्षय ठाकुर ने कहा कि “परीक्षा व्यवस्था में लगातार हो रही लापरवाहियां यह दर्शाती हैं कि प्रशासन छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। एबीवीपी किसी भी स्थिति में छात्रों के भविष्य के साथ समझौता नहीं होने देगी।” साथ हे साथ उन्होंने कहा की परीक्षाओं के बाद जो मूल्यांकन की व्यवस्था है उसे ऑनलाइन से हटाकर ऑफलाइन मोड में किया जाए हम देखते हैं कि वर्ष 2021 से यह ऑनलाइन सिस्टम मूल्यांकन के लिए किया गया था इसके बाद हमें लगा था की इससे सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा परंतु हम देखते हैं कि इसकी वजह से एक तो परिणाम लेट आ रहे हैं दूसरा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है उसमें विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई चेक नहीं है जिसकी वजह से अमीरज़यादे लोग डायरेक्टली कंपनी के साथ मिलकर धांधली कर रहे हैं और ऑफलाइन प्रक्रिया के मुताबिक ऑनलाइन प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन को भी भारी भरकम पैसा इसके लिए देना पड़ रहा है इतना पैसा देने के बावजूद भी ऑफलाइन सिस्टम से ज्यादा खामियां इसमें देखने को मिल रही है इसलिए दोबारा ऑफलाइन व्यवस्था को लागू किया जाए।
वहीं इकाई सचिव सुशील शर्मा ने कहा कि “यह घेराव छात्रों की सामूहिक पीड़ा की अभिव्यक्ति है। जब तक परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, समयबद्ध परिणाम और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक परिषद का संघर्ष जारी रहेगा।” अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई विश्वविद्यालय प्रशासन से अपेक्षा करती है कि वह छात्रों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए परीक्षा व्यवस्था में व्याप्त सभी खामियों का शीघ्र समाधान करे, ताकि विश्वविद्यालय की अकादमिक गरिमा बनी रहे और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
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