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चम्बा ! युवाओं को स्वरोज़गार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से राजकीय महाविद्यालय सलूणी में उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा संचालित रेज़िंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई प्रोग्राम (रैम्प) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से संपन्न हुआ। आयोजन महाविद्यालय के अनुसंधान एवं नवाचार प्रकोष्ठ तथा कामधेनु चेयर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहिंदर सलारिया द्वारा किया गया। उन्होंने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का संदेश देते हुए कहा कि सलूणी क्षेत्र में कृषि, बागवानी, औषधीय पौधों, दुग्ध उत्पादन एवं पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों के सही उपयोग से क्षेत्र के युवाओं को बड़े स्तर पर रोज़गार के अवसर मिल सकते हैं। साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में तीन दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा। कार्यक्रम में परियोजना प्रतिनिधि गौरव शर्मा ने योजना के उद्देश्य, संरचना एवं प्रशिक्षण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उद्यमी सोच विकसित करने पर ज़ोर देते हुए प्रतिभागियों को समूह आधारित गतिविधियों के माध्यम से व्यवसायिक विचार तैयार करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान सफेद मक्की आधारित उत्पाद, स्थानीय वस्तुओं के प्रचार हेतु डिजिटल माध्यम तथा ग्रामीण पर्यटन जैसे संभावित उद्यम क्षेत्रों की पहचान की गई। उद्यमी एवं शोधकर्ता रियाज़ मोहम्मद ने अपने जीवन के संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद लगन और निरंतर प्रयास से किस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र से सफल उद्यम स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कौशल को और निखारने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक शुभम डोगरा द्वारा किया गया। आयोजन के अंत में प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। यह कार्यक्रम सलूणी सहित पूरे चंबा क्षेत्र में उद्यमिता संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
चम्बा ! युवाओं को स्वरोज़गार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से राजकीय महाविद्यालय सलूणी में उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा संचालित रेज़िंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई प्रोग्राम (रैम्प) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से संपन्न हुआ। आयोजन महाविद्यालय के अनुसंधान एवं नवाचार प्रकोष्ठ तथा कामधेनु चेयर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहिंदर सलारिया द्वारा किया गया। उन्होंने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का संदेश देते हुए कहा कि सलूणी क्षेत्र में कृषि, बागवानी, औषधीय पौधों, दुग्ध उत्पादन एवं पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों के सही उपयोग से क्षेत्र के युवाओं को बड़े स्तर पर रोज़गार के अवसर मिल सकते हैं। साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में तीन दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा।
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कार्यक्रम में परियोजना प्रतिनिधि गौरव शर्मा ने योजना के उद्देश्य, संरचना एवं प्रशिक्षण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उद्यमी सोच विकसित करने पर ज़ोर देते हुए प्रतिभागियों को समूह आधारित गतिविधियों के माध्यम से व्यवसायिक विचार तैयार करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान सफेद मक्की आधारित उत्पाद, स्थानीय वस्तुओं के प्रचार हेतु डिजिटल माध्यम तथा ग्रामीण पर्यटन जैसे संभावित उद्यम क्षेत्रों की पहचान की गई।
उद्यमी एवं शोधकर्ता रियाज़ मोहम्मद ने अपने जीवन के संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद लगन और निरंतर प्रयास से किस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र से सफल उद्यम स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कौशल को और निखारने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक शुभम डोगरा द्वारा किया गया। आयोजन के अंत में प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। यह कार्यक्रम सलूणी सहित पूरे चंबा क्षेत्र में उद्यमिता संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
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