- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ,24 फरवरी ! हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी जिला चंबा के नॉट ऑन मैप मिस्टिक विलेज(भलोली) नजदीक खज्जियार को आउटलुक ट्रैबलर की ओर से इंडियन रिस्पांसिबल टूरिज्म कैटेगिरी में सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मिस्टिक विलेज को शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित समारोह में यह सम्मान मिला है। दिल्ली में यह सम्मान नॉट ऑन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा, रेणू शर्मा, शंकर, अनूप, मगनदीप, तनविंदर सिंह तथा जिवेश ने प्राप्त किया। स्वयं सहायता समूह शंकर व अनूप ने खुशी जताते हुए कहा कि पहली बार अवार्ड हासिल करके उन्हें खुशी मिली है। इससे पूर्व मिस्टिक विलेज को ट्रिप एडवाइजर द्वारा 2020 में सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में सम्मानित जा चुका है। मिस्टिक विलेज गद्दी जनजाति का पहला पर्यटन आधारित सामुदायिक गांव है, जिसका संचालन स्वयं सहायता समूह की ओर से किया जा रहा है। मिस्टिक विलेज जिला चंबा की ग्राम पंचायत सिंगी में स्थित है। यह गांव मिनी स्वीट्जरलैंड के नाम से विश्वविख्यात पर्यटन नगरी खजियार से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर का सफर ट्रैकिंग करते हुए पूरा होता है। मिस्टिक विलेज में वर्तमान समय में पांच होमस्टे चलाए जा रहे हैं। इन होमस्टे का संचालन गाबदिका स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। समुद्र तल से करीब 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह रमणीय गांव है। इसकी चंबा मुख्यालय से दूरी करीब 25 किलोमीटर और डलहौजी से 20 किलोमीटर है। मिस्टिक विलेज में लोग सामूहिक प्रयासों से इसके सतत विकास में योगदान करते हुए पर्यटकों को एक प्रामाणिक, गहन अनुभव प्रदान करते हैं। पर्यटकों को परिवेश की शांति का आनंद लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। जैसे ही यहां पर पर्यटक पहुंचते हैं तो यहां सांस्कृतिक आदान-प्रदान और जिम्मेदार पर्यटन का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण बनता है। इस गांव की तस्वीर तब बदल गई, जब यहां के लोगों का परिचय नॉट-ऑन-मैप संस्था से हुआ। नॉट ऑन मैप संस्था समुदाय आधारित जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन के लिए लगातार कार्य कर रही है। संस्था की ओर से यहां पर पारंपरिक रूप से तैयार किए गए पुश्तैनी मिट्टी-पत्थर के घरों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को पहचाना गया। ये मकान 65 से 200 साल पुराने थे। संस्था ने इन्हें संभावित होमस्टे के रूप में देखा। नॉट-ऑन-मैप ने इन घरों का नवीनीकरण करके, सेवा वितरण में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके और अद्वितीय अनुभवों के विकास में सहायता करके समुदाय की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने होमस्टे की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में भी अहम भूमिका निभाई। मिस्टिक विलेज पहला गद्दी सामुदायिक आधारित गांव है। यहां के लोगों ने बिना किसी आर्थिक सहायता के अपने प्रयासों से गांव को विकसित किया है। इसका संचालन स्वयं सहायता समूह की ओर से किया जाता है। चलो चंबा अभियान को भी इस तरह की गतिविधियों से प्रोत्साहन मिलेगा। नॉट ऑन मैप संस्था की ओर से पूरे देशभर में सामुदायिक आधारित जिम्मेदार पर्यटन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इससे ग्रामीणों की आर्थिकी भी मजबूत हो रही है।
चम्बा ,24 फरवरी ! हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी जिला चंबा के नॉट ऑन मैप मिस्टिक विलेज(भलोली) नजदीक खज्जियार को आउटलुक ट्रैबलर की ओर से इंडियन रिस्पांसिबल टूरिज्म कैटेगिरी में सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मिस्टिक विलेज को शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित समारोह में यह सम्मान मिला है।
दिल्ली में यह सम्मान नॉट ऑन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा, रेणू शर्मा, शंकर, अनूप, मगनदीप, तनविंदर सिंह तथा जिवेश ने प्राप्त किया। स्वयं सहायता समूह शंकर व अनूप ने खुशी जताते हुए कहा कि पहली बार अवार्ड हासिल करके उन्हें खुशी मिली है। इससे पूर्व मिस्टिक विलेज को ट्रिप एडवाइजर द्वारा 2020 में सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में सम्मानित जा चुका है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
मिस्टिक विलेज गद्दी जनजाति का पहला पर्यटन आधारित सामुदायिक गांव है, जिसका संचालन स्वयं सहायता समूह की ओर से किया जा रहा है। मिस्टिक विलेज जिला चंबा की ग्राम पंचायत सिंगी में स्थित है।
यह गांव मिनी स्वीट्जरलैंड के नाम से विश्वविख्यात पर्यटन नगरी खजियार से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर का सफर ट्रैकिंग करते हुए पूरा होता है। मिस्टिक विलेज में वर्तमान समय में पांच होमस्टे चलाए जा रहे हैं। इन होमस्टे का संचालन गाबदिका स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है।
समुद्र तल से करीब 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह रमणीय गांव है। इसकी चंबा मुख्यालय से दूरी करीब 25 किलोमीटर और डलहौजी से 20 किलोमीटर है। मिस्टिक विलेज में लोग सामूहिक प्रयासों से इसके सतत विकास में योगदान करते हुए पर्यटकों को एक प्रामाणिक, गहन अनुभव प्रदान करते हैं। पर्यटकों को परिवेश की शांति का आनंद लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।
जैसे ही यहां पर पर्यटक पहुंचते हैं तो यहां सांस्कृतिक आदान-प्रदान और जिम्मेदार पर्यटन का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण बनता है। इस गांव की तस्वीर तब बदल गई, जब यहां के लोगों का परिचय नॉट-ऑन-मैप संस्था से हुआ। नॉट ऑन मैप संस्था समुदाय आधारित जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन के लिए लगातार कार्य कर रही है। संस्था की ओर से यहां पर पारंपरिक रूप से तैयार किए गए पुश्तैनी मिट्टी-पत्थर के घरों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को पहचाना गया।
ये मकान 65 से 200 साल पुराने थे। संस्था ने इन्हें संभावित होमस्टे के रूप में देखा। नॉट-ऑन-मैप ने इन घरों का नवीनीकरण करके, सेवा वितरण में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके और अद्वितीय अनुभवों के विकास में सहायता करके समुदाय की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने होमस्टे की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में भी अहम भूमिका निभाई।
मिस्टिक विलेज पहला गद्दी सामुदायिक आधारित गांव है। यहां के लोगों ने बिना किसी आर्थिक सहायता के अपने प्रयासों से गांव को विकसित किया है। इसका संचालन स्वयं सहायता समूह की ओर से किया जाता है। चलो चंबा अभियान को भी इस तरह की गतिविधियों से प्रोत्साहन मिलेगा। नॉट ऑन मैप संस्था की ओर से पूरे देशभर में सामुदायिक आधारित जिम्मेदार पर्यटन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इससे ग्रामीणों की आर्थिकी भी मजबूत हो रही है।- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -