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बद्दी ! औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत भटौलीकला स्थित कैंपस ग्रुप द्वारा मंगलवार को अपना 1000 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। उद्योग प्रबन्धन ने उद्योग के बाहर पड़ी शामलात भूमि में यह पौधारोपण किया ताकि जंगली जानवरों केा फलदार पौधों का फायदा मिल सके। जानकारी देते हुए उद्योग के प्लांट हैड आशू असवाल व सौरव श्रीवास्तव ने बताया कि उद्योग द्वारा यह मुहिम वर्ष 2019 में शुरू की गई थी व उद्योग प्रांगण व इसके बाहर पड़ी शामलात भूमि में एक हजार फलदार, छायादार व आर्यूवैदिक पौधे लगाने का निर्णय लिया था। इस मुहिम के तहत आम, अनार, कचनार, सिल्वरओक, आंवला, नींव, अर्जून, तुनी, गुलमोहर, जामून समेत अनेक प्रकार के फलदार व छायादार पौधे उद्योग प्रांगण में लगाए गये वहीं उद्योग में ही एक अनार वाटिका बनाई गई है जिसमें 70 पौधे अनार के लगाए है। उन्हेांने कहा कि मंगलवाल केा जो 100 पौधे लगाए गये हैं वो उद्योग के साथ लगती शामलात भूमि में लगाए गये हैं ताकि इनके फलों से जंगली जानवर अपनी भूख मिटा सके। यह सभी पौधे विभाग से परमिशन लेने के बाद ही उक्त भूमि पर लगाए गये हैं। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि उनके द्वारा लगाए सभी पौधे जीवित है व कुछ ने तेा फल देने भी शुरू कर दिए हैं। उक्त उद्योग ने एक मिसाल पैदा की है व जहंा ज्यादातर उद्योगपतियों का शामलात भूमि पर पौधारोपण करने का अर्थ होता है कि वो साथ लगती भूमि पर कुंडली मार लें परन्तु उक्त उद्योग द्वारा जंगली जानवरों का पेट भरने के लिए इस शामलात भूमि पर 100 से ज्यादा पौधे लगाए हैं।
बद्दी ! औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत भटौलीकला स्थित कैंपस ग्रुप द्वारा मंगलवार को अपना 1000 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। उद्योग प्रबन्धन ने उद्योग के बाहर पड़ी शामलात भूमि में यह पौधारोपण किया ताकि जंगली जानवरों केा फलदार पौधों का फायदा मिल सके। जानकारी देते हुए उद्योग के प्लांट हैड आशू असवाल व सौरव श्रीवास्तव ने बताया कि उद्योग द्वारा यह मुहिम वर्ष 2019 में शुरू की गई थी व उद्योग प्रांगण व इसके बाहर पड़ी शामलात भूमि में एक हजार फलदार, छायादार व आर्यूवैदिक पौधे लगाने का निर्णय लिया था। इस मुहिम के तहत आम, अनार, कचनार, सिल्वरओक, आंवला, नींव, अर्जून, तुनी, गुलमोहर, जामून समेत अनेक प्रकार के फलदार व छायादार पौधे उद्योग प्रांगण में लगाए गये वहीं उद्योग में ही एक अनार वाटिका बनाई गई है जिसमें 70 पौधे अनार के लगाए है।
उन्हेांने कहा कि मंगलवाल केा जो 100 पौधे लगाए गये हैं वो उद्योग के साथ लगती शामलात भूमि में लगाए गये हैं ताकि इनके फलों से जंगली जानवर अपनी भूख मिटा सके। यह सभी पौधे विभाग से परमिशन लेने के बाद ही उक्त भूमि पर लगाए गये हैं। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि उनके द्वारा लगाए सभी पौधे जीवित है व कुछ ने तेा फल देने भी शुरू कर दिए हैं। उक्त उद्योग ने एक मिसाल पैदा की है व जहंा ज्यादातर उद्योगपतियों का शामलात भूमि पर पौधारोपण करने का अर्थ होता है कि वो साथ लगती भूमि पर कुंडली मार लें परन्तु उक्त उद्योग द्वारा जंगली जानवरों का पेट भरने के लिए इस शामलात भूमि पर 100 से ज्यादा पौधे लगाए हैं।
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