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बिलासपुर , 09 अप्रैल [ राकेश शर्मा ] ! हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज से सुबह की आरती के साथ माता जी के चैत्र नवरात्रे बड़ी धूमधाम के साथ शुरू हो गए है। इन नवरात्रों में पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली यूपी बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता जी के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए हैं। श्रद्धालु जहां पर माता की पूजा अर्चना कर रहे है वहीं पर मंदिर के प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी डाल कर अपने घर परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पुख्ता बंदोबस्त किए है। जगह-जगह पर पुलिसकर्मी तैनात है इसके अलावा श्रद्धालुओं को लाइनों में ही माता जी के दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है। ज्यादा भीड़ हो जाने पर श्रद्धालुओं को छोटे-छोटे जत्थों में रोका जाता है और फिर उन्हें माता जी के दर्शनों के लिए भेजा जाता है। मंदिर क्षेत्र में साफ सफाई की पूर्ण व्यवस्था की गई है। कहते हैं कि माता श्री नैना देवी के दरबार में माता सती के नेत्र गिरे है इसीलिए इस मंदिर का नाम श्री नैना देवी पड़ा है और यह भी मानना है की माता श्री नैना देवी श्रद्धालुओं के आंखों के रोगों को ठीक करती है। श्री नैना देवी का मंदिर श्री आनंदपुर साहिब से 18 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित है समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 5000 फिट है।
बिलासपुर , 09 अप्रैल [ राकेश शर्मा ] ! हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज से सुबह की आरती के साथ माता जी के चैत्र नवरात्रे बड़ी धूमधाम के साथ शुरू हो गए है। इन नवरात्रों में पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली यूपी बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता जी के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए हैं। श्रद्धालु जहां पर माता की पूजा अर्चना कर रहे है वहीं पर मंदिर के प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी डाल कर अपने घर परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पुख्ता बंदोबस्त किए है। जगह-जगह पर पुलिसकर्मी तैनात है इसके अलावा श्रद्धालुओं को लाइनों में ही माता जी के दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है।
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ज्यादा भीड़ हो जाने पर श्रद्धालुओं को छोटे-छोटे जत्थों में रोका जाता है और फिर उन्हें माता जी के दर्शनों के लिए भेजा जाता है। मंदिर क्षेत्र में साफ सफाई की पूर्ण व्यवस्था की गई है।
कहते हैं कि माता श्री नैना देवी के दरबार में माता सती के नेत्र गिरे है इसीलिए इस मंदिर का नाम श्री नैना देवी पड़ा है और यह भी मानना है की माता श्री नैना देवी श्रद्धालुओं के आंखों के रोगों को ठीक करती है।
श्री नैना देवी का मंदिर श्री आनंदपुर साहिब से 18 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित है समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 5000 फिट है।
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