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लाहौल घाटी के मयाड घाटी के तिंगरेट गांव मे पुलिस चौकी स्थापित की जाने की मांग ज़ोर पकड़ती जा रही है। भारत - चीन सीमा विवाद से सहमे लोगों ने प्रशासन से यह मांग सरकार के समक्ष रखी है। कारोना संकट के बीच भले ही लाहौल के दुर्गम क्षैत्र म्याड के तिंगरेट मे लगने वाली हिमाचल पुलिस की अस्थाई चौकी की उतनी अहमियत नही रही हो, लेकिन अब लदाख मे चीन के साथ हुई भारतीय सेना के झडप के बाद इस ओर जिला पुलिस की सर्तकता को अहम माना जा रहा है। इस ओर से कांगला ग्लेशियर से हो कर लेह लदाख की जसंकर की ओर आवाजाही का एक रूट भी है। विश्व का सबसे लम्बा रूट पर्यटकों की पहली पंसदीदा रूट है। इस बार कोरोना महामारी के चलते आवाजाही न होने से तिंगरेट मे अभी तक अस्थाई चौकी स्थापित नही की गई है! लाहौल स्पीति जिला की 105 किलोमीटर लम्बा रूट चीन के सीमा के साथ लगता है।ऐसे मे हिमाचल पुलिस की सीमावार्ता इलाकों अहम भूमिका होनी चाहिए ।
लाहौल घाटी के मयाड घाटी के तिंगरेट गांव मे पुलिस चौकी स्थापित की जाने की मांग ज़ोर पकड़ती जा रही है। भारत - चीन सीमा विवाद से सहमे लोगों ने प्रशासन से यह मांग सरकार के समक्ष रखी है। कारोना संकट के बीच भले ही लाहौल के दुर्गम क्षैत्र म्याड के तिंगरेट मे लगने वाली हिमाचल पुलिस की अस्थाई चौकी की उतनी अहमियत नही रही हो, लेकिन अब लदाख मे चीन के साथ हुई भारतीय सेना के झडप के बाद इस ओर जिला पुलिस की सर्तकता को अहम माना जा रहा है। इस ओर से कांगला ग्लेशियर से हो कर लेह लदाख की जसंकर की ओर आवाजाही का एक रूट भी है। विश्व का सबसे लम्बा रूट पर्यटकों की पहली पंसदीदा रूट है। इस बार कोरोना महामारी के चलते आवाजाही न होने से तिंगरेट मे अभी तक अस्थाई चौकी स्थापित नही की गई है! लाहौल स्पीति जिला की 105 किलोमीटर लम्बा रूट चीन के सीमा के साथ लगता है।ऐसे मे हिमाचल पुलिस की सीमावार्ता इलाकों अहम भूमिका होनी चाहिए ।
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