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शिमला ,28 जनवरी [ विशाल सूद ] ! अनुबंध कर्मचारियों ने नई कॉन्ट्रैक्ट पालिसी का विरोध करते हुए नई पालिसी को रद्द कर पुरानी पालिसी को बहाल करने की मांग उठाई है।उन्होंने न्यू कॉन्ट्रैक्ट पालिसी पर एतराज जताया है कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की शर्त में किए गए बदलाव का खामियाजा 6 हजार कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा। ये कर्मचारी इस साल सितंबर महीने में नियमित होने थे। सरकार द्वारा साल में एक ही बार नियमित करने की शर्त के चलते अब वे मार्च 2025 में नियमित हो पाएंगे। इससे हर माह उन्हें वित्तीय नुकसान तो होगा ही साथ में वरिष्ठता में भी नुकसान होगा। भविष्य में पद्दोन्नति पर इसका असर पड़ेगा। सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार से पूरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग उठाई है। विओ : महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अनुबंध कर्मचारी पहले दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर साल में दो बार नियमित होते थे । परन्तु नई व्यवस्था के तहत कार्मिक विभाग 2दिसंबर 2023 को जो अधिसूचना जारी की गई उसके तहत अब केवल मार्च में ही नियमित किए जाएंगे। महासंघ ने कहा कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो उस समय ऐसी कोई शर्त नहीं थी। नियुक्ति के समय नियमित करने के लिए साल में दो बार की शर्त थी। अब वे नियमित होने वाले हैं तब इस शर्त को बदला गया है।उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा प्रदेश के 6 हजार कर्मियों को भुगतना पड़ेगा।यह कर्मचारी सितंबर माह में नियमित होने थे। उन्होंने कहा कि यदि शर्त लगानी ही है नए नियुक्त होने वाले कर्मचारियों पर लगाई जाए। कोई भी निर्णय जब लागू होता है तो वह बैकडेट से लागू नहीं होता। इस आदेश को उन पर भी लगा दिया गया है जिनकी नियुक्तियां दो साल पहले हुई है। महासंघ ने कहा कि 3 फरवरी काे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की बैठक होगी। इस मामले को उस बैठक में ले जाए व कोई निर्णय लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैशी है। सरकार ने पुरानी पैंशन बहाल कर कर्मचारियों से किए अपने वायदे को पूरा किया है। महासंघ को पूरी उम्मीद है कि इस मामले में भी बीच का रास्ता निकाला जाएगा।
शिमला ,28 जनवरी [ विशाल सूद ] ! अनुबंध कर्मचारियों ने नई कॉन्ट्रैक्ट पालिसी का विरोध करते हुए नई पालिसी को रद्द कर पुरानी पालिसी को बहाल करने की मांग उठाई है।उन्होंने न्यू कॉन्ट्रैक्ट पालिसी पर एतराज जताया है कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की शर्त में किए गए बदलाव का खामियाजा 6 हजार कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा। ये कर्मचारी इस साल सितंबर महीने में नियमित होने थे।
सरकार द्वारा साल में एक ही बार नियमित करने की शर्त के चलते अब वे मार्च 2025 में नियमित हो पाएंगे। इससे हर माह उन्हें वित्तीय नुकसान तो होगा ही साथ में वरिष्ठता में भी नुकसान होगा। भविष्य में पद्दोन्नति पर इसका असर पड़ेगा। सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार से पूरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग उठाई है। विओ : महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अनुबंध कर्मचारी पहले दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर साल में दो बार नियमित होते थे ।
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परन्तु नई व्यवस्था के तहत कार्मिक विभाग 2दिसंबर 2023 को जो अधिसूचना जारी की गई उसके तहत अब केवल मार्च में ही नियमित किए जाएंगे। महासंघ ने कहा कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो उस समय ऐसी कोई शर्त नहीं थी। नियुक्ति के समय नियमित करने के लिए साल में दो बार की शर्त थी। अब वे नियमित होने वाले हैं तब इस शर्त को बदला गया है।उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा प्रदेश के 6 हजार कर्मियों को भुगतना पड़ेगा।यह कर्मचारी सितंबर माह में नियमित होने थे।
उन्होंने कहा कि यदि शर्त लगानी ही है नए नियुक्त होने वाले कर्मचारियों पर लगाई जाए। कोई भी निर्णय जब लागू होता है तो वह बैकडेट से लागू नहीं होता। इस आदेश को उन पर भी लगा दिया गया है जिनकी नियुक्तियां दो साल पहले हुई है। महासंघ ने कहा कि 3 फरवरी काे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की बैठक होगी। इस मामले को उस बैठक में ले जाए व कोई निर्णय लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैशी है। सरकार ने पुरानी पैंशन बहाल कर कर्मचारियों से किए अपने वायदे को पूरा किया है। महासंघ को पूरी उम्मीद है कि इस मामले में भी बीच का रास्ता निकाला जाएगा।
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