- विज्ञापन (Article Top Ad) -
सुंदरनगर ! भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की 990 मेगावाट की बीएसएल परियोजना सुंदरनगर मानसून के लिए पूरी तरह से तैयार है। पंडोह डैम में पानी का लेवल मैंनटेन किया जा रहा है। जिससे सुंदरनगर नहर के बीएसएल जलाशय से कम से कम सिल्ट निकलेगी। पानी का लेवल मैंनटेन करने से ड्रेजिंग कम होगी और सुकेती खड्ड में प्रदूषण भी कम फैलेगा। इसी कड़ी के तहत बीएसएल सुंदरनगर के जलाशय से हाई कोर्ट के आदेशों के तहत नौ माह बाद सिल्ट निकासी का कार्य शुरू हो गया है। जुलाई अगस्त और सितंबर माह के अंतिम तारीख तक जलाशय से सिल्ट निकासी का कार्य दिन रात चलेगा। बीएसएल परियोजना उपमुख्य अभियंता वीके मीणा ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए जलाशय में तीन तीन ड्रेजर स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में जलाशय में तकरीबन 620 एकड़ फीट सिल्ट जमा है। जिसे ड्रेजर की मदद से निकाला जा रहा है। एक दिन में छह से आठ एकड फीट के हिसाब से सिल्ट उगलेगा और सुकेती खड्ड में प्रवाह होगा। इस बार प्रबंधन ने सिल्ट निकासी का कार्य दो चरणों में करने जा रहा है। जिसमें सुबह तीन ड्रेजर छह बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक और दूसरी शिफ्ट में दो ड्रेजर दोपहर दो बजे से शुरू होगी। यहां बता दें कि सिल्ट निकालने का कार्य शुरू होने से सुकेती खड्ड में मछलियां जहद में आएंगी। इन दिनों प्रजनन प्रक्रिया भी होती है। जिसके कारण मछलियां मरने के अलावा प्रजनन प्रक्रिया भी पूरी तरह से प्रभावित होगी। वहीं सिल्ट के प्रवाह होने से किसानों के खेत व फसलें भी तबाह होंगी। जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।
सुंदरनगर ! भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की 990 मेगावाट की बीएसएल परियोजना सुंदरनगर मानसून के लिए पूरी तरह से तैयार है। पंडोह डैम में पानी का लेवल मैंनटेन किया जा रहा है। जिससे सुंदरनगर नहर के बीएसएल जलाशय से कम से कम सिल्ट निकलेगी। पानी का लेवल मैंनटेन करने से ड्रेजिंग कम होगी और सुकेती खड्ड में प्रदूषण भी कम फैलेगा। इसी कड़ी के तहत बीएसएल सुंदरनगर के जलाशय से हाई कोर्ट के आदेशों के तहत नौ माह बाद सिल्ट निकासी का कार्य शुरू हो गया है। जुलाई अगस्त और सितंबर माह के अंतिम तारीख तक जलाशय से सिल्ट निकासी का कार्य दिन रात चलेगा। बीएसएल परियोजना उपमुख्य अभियंता वीके मीणा ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए जलाशय में तीन तीन ड्रेजर स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में जलाशय में तकरीबन 620 एकड़ फीट सिल्ट जमा है। जिसे ड्रेजर की मदद से निकाला जा रहा है।
एक दिन में छह से आठ एकड फीट के हिसाब से सिल्ट उगलेगा और सुकेती खड्ड में प्रवाह होगा। इस बार प्रबंधन ने सिल्ट निकासी का कार्य दो चरणों में करने जा रहा है। जिसमें सुबह तीन ड्रेजर छह बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक और दूसरी शिफ्ट में दो ड्रेजर दोपहर दो बजे से शुरू होगी। यहां बता दें कि सिल्ट निकालने का कार्य शुरू होने से सुकेती खड्ड में मछलियां जहद में आएंगी। इन दिनों प्रजनन प्रक्रिया भी होती है। जिसके कारण मछलियां मरने के अलावा प्रजनन प्रक्रिया भी पूरी तरह से प्रभावित होगी। वहीं सिल्ट के प्रवाह होने से किसानों के खेत व फसलें भी तबाह होंगी। जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -