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चम्बा ! उपायुक्त डीसी राणा ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि 14 नवंबर को मनाए जाने वाले दीपावली पर्व को इस बार ग्रीन दीपावली के रूप में मनाएं। पटाखों और आतिशबाजी के प्रयोग से ना केवल ध्वनि और वायु प्रदूषण होता है बल्कि वातावरण में विषाक्त गैसें और कई तरह के धातु लवण घुल जाते हैं। इनमें सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर शामिल हैं। इसके अलावा एल्युमीनियम ,मैग्नीज, कैडमियम जैसे धातु लवण भी वायु की गुणवत्ता को खराब करते हैं। उपायुक्त ने कहा कि लोग पटाखों और आतिशबाजी के प्रयोग के खिलाफ लड़ाई में अपनी पूरी सहभागिता निभाने को लेकर आगे आएं। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के इस दौर में मरीजों के लिए भी ध्वनि और वायु प्रदूषण खतरनाक साबित हो सकता है। लोग इन परिस्थितियों के अलावा अपने परिवार, आसपास के परिवेश और समाज को पटाखों और आतिशबाजी के प्रयोग से मिलने वाले प्रतिकूल प्रभाव से मुक्त करने की इस मुहिम के महत्व को समझते हुए ग्रीन दीपावली मना कर एक नई और सकारात्मक शुरुआत करने में अपनी अहम भूमिका अवश्य निभाएं।
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