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कांगड़ा , 20 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! सशस्त्र सीमा बल (SSB) का 62वाँ स्थापना दिवस केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केन्द्र (CTC), सपड़ी, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में अत्यंत हर्षोल्लास, अनुशासन एवं गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर माननीय श्री संजय संजय रत्तन (Sanjay Rattan), विधायक, ज्वालामुखी; श्री अशोक तिवारी, पुलिस महानिदेशक, हिमाचल प्रदेश; शहीदों के परिजन, सेवानिवृत्त अधिकारीगण, बल के वरिष्ठ अधिकारी, जवान एवं परिवारजन तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।यह प्रथम अवसर था जब सशस्त्र सीमा बल की स्थापना दिवस परेड का आयोजन हिमाचल प्रदेश में किया गया। समारोह का शुभारंभ “शहीद स्मारक” पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले SSB के 51 वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल श्री संजय सिंघल ने परेड का निरीक्षण कर, भव्य परेड की सलामी ली।इस अवसर पर जवानों ने बल के ध्येय वाक्य “सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व” के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। सशस्त्र सीमा बल भारत–नेपाल की 1751 किलोमीटर तथा भारत–भूटान की 699 किलोमीटर लंबी खुली अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियानों एवं विशेष प्रचालनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।परेड में बल की विभिन्न सीमांत इकाइयों एवं विशेष प्रचालनों से संबंधित 08 पैदल टुकड़ियों ने भाग लिया। अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों द्वारा प्रस्तुत अनुशासित मार्च-पास्ट ने बल की उच्च प्रशिक्षण क्षमता, पेशेवर दक्षता एवं अनुकरणीय अनुशासन का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। ब्रास बैंड, पाइप्स एवं ड्रम्स बैंड तथा श्वान दस्ते का प्रदर्शन समारोह के प्रमुख आकर्षण रहे। महिला प्लाटून की प्रभावशाली सहभागिता ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की। महिला जवानों द्वारा हथियारों के साथ प्रस्तुत सशक्त, आत्मविश्वास से परिपूर्ण मार्च ने बल में महिलाओं की प्रभावी भूमिका एवं परिचालन क्षमता का सशक्त संदेश दिया।इस अवसर पर संचार निदेशालय द्वारा पहली बार प्रस्तुत की गई संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें आधुनिक संचार प्रणालियों, तकनीकी नवाचारों एवं उन्नत सूचना प्रबंधन क्षमताओं का प्रभावी प्रदर्शन किया गया।प्रतिकूल मौसम और उड़ान दस्ता की तकनीकी समस्या के कारण केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके। उनकी अनुपस्थिति में महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल द्वारा उनका व्यक्तिगत संदेश पढ़कर सुनाया गया। अपने संदेश में माननीय गृह मंत्री ने SSB के सभी अधिकारियों, जवानों एवं उनके परिवारों को 62वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बल के साहस, समर्पण, अनुशासन तथा सीमाओं की सुरक्षा में अतुलनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कठोर भौगोलिक एवं मौसमीय परिस्थितियों में भी सीमावर्ती समाज में सुरक्षा एवं विश्वास स्थापित करने के लिए SSB की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया तथा 51 वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।अपने संबोधन में महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल श्री संजय सिंघल ने कहा कि SSB ने बदलती सीमावर्ती और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद स्वयं को एक सशक्त, सक्षम और बहुआयामी बल के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने सीमा सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, नक्सल विरोधी अभियानों, महिला सशक्तिकरण, खेलों में उत्कृष्टता, पर्यावरण संरक्षण एवं विकासात्मक पहलों में बल के योगदान को रेखांकित किया। महानिदेशक ने गृहमंत्री के संदेश के लिए पूरे बल परिवार की ओर से श्री अमित शाह जी का आभार व्यक्त किया।महानिदेशक ने महिला जवानों को कॉम्बैट रोल में शामिल किए जाने, अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त करने तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उत्कृष्ट संचालन को SSB की बहुआयामी क्षमता का उदाहरण बताया। उन्होंने बल के अधिकारियों, जवानों एवं उनके परिवारों के समर्पण, अनुशासन और निष्ठा के लिए आभार व्यक्त किया। समारोह के दौरान महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल द्वारा बल के सेवानिवृत्त अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं कार्मिकों को उनकी वर्ष 2023 एवं 2024 में सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। वर्ष 2025 में नक्सल प्रभावित एवं विशेष प्रचालन क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु 29वीं वाहिनी, गया (बिहार) को सम्मानित किया गया।भारत–नेपाल सीमा पर सर्वश्रेष्ठ वाहिनी के रूप में 50वीं वाहिनी, उतरौला (उ.प्र.) तथा भारत–भूटान सीमा पर सर्वश्रेष्ठ वाहिनी के रूप में 64वीं वाहिनी, बरामा (असम) को “बेस्ट बटालियन ट्रॉफी” प्रदान की गई। सर्वश्रेष्ठ बीओपी के रूप में 42वीं वाहिनी, बहराइच (उ.प्र.) – रूपईडीहा एवं 64वीं वाहिनी, बरामा (असम) – सुखानजोली को सम्मानित किया गया।समारोह के अंत में राइफल टैटू ड्रिल, मास पीटी, पारकोर एक्सरसाइज एवं डेयर डेविल्स जैसे रोमांचक प्रदर्शनों ने दर्शकों को अत्यंत उत्साहित किया। फ्यूजन डांस के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश का हिमाचली नाटी, उत्तराखंड का छोलिया नृत्य, भारत–नेपाल सीमा का थारू नृत्य, मिथिला क्षेत्र का झीझीया नृत्य, सिक्किम का भूटिया नृत्य, असम का बीहू नृत्य तथा अरुणाचल प्रदेश की बौद्ध परंपरा से जुड़ा लायन डांस प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इसकी धुन की विशेष प्रस्तुति दी गई। एशियन गेम्स, वर्ल्ड पुलिस गेम्स सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले SSB के खिलाड़ियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को और बढ़ाया।
कांगड़ा , 20 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! सशस्त्र सीमा बल (SSB) का 62वाँ स्थापना दिवस केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केन्द्र (CTC), सपड़ी, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में अत्यंत हर्षोल्लास, अनुशासन एवं गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर माननीय श्री संजय संजय रत्तन (Sanjay Rattan), विधायक, ज्वालामुखी; श्री अशोक तिवारी, पुलिस महानिदेशक, हिमाचल प्रदेश; शहीदों के परिजन, सेवानिवृत्त अधिकारीगण, बल के वरिष्ठ अधिकारी, जवान एवं परिवारजन तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
यह प्रथम अवसर था जब सशस्त्र सीमा बल की स्थापना दिवस परेड का आयोजन हिमाचल प्रदेश में किया गया। समारोह का शुभारंभ “शहीद स्मारक” पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले SSB के 51 वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल श्री संजय सिंघल ने परेड का निरीक्षण कर, भव्य परेड की सलामी ली।
इस अवसर पर जवानों ने बल के ध्येय वाक्य “सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व” के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। सशस्त्र सीमा बल भारत–नेपाल की 1751 किलोमीटर तथा भारत–भूटान की 699 किलोमीटर लंबी खुली अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियानों एवं विशेष प्रचालनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
परेड में बल की विभिन्न सीमांत इकाइयों एवं विशेष प्रचालनों से संबंधित 08 पैदल टुकड़ियों ने भाग लिया। अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों द्वारा प्रस्तुत अनुशासित मार्च-पास्ट ने बल की उच्च प्रशिक्षण क्षमता, पेशेवर दक्षता एवं अनुकरणीय अनुशासन का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। ब्रास बैंड, पाइप्स एवं ड्रम्स बैंड तथा श्वान दस्ते का प्रदर्शन समारोह के प्रमुख आकर्षण रहे।
महिला प्लाटून की प्रभावशाली सहभागिता ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की। महिला जवानों द्वारा हथियारों के साथ प्रस्तुत सशक्त, आत्मविश्वास से परिपूर्ण मार्च ने बल में महिलाओं की प्रभावी भूमिका एवं परिचालन क्षमता का सशक्त संदेश दिया।
इस अवसर पर संचार निदेशालय द्वारा पहली बार प्रस्तुत की गई संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें आधुनिक संचार प्रणालियों, तकनीकी नवाचारों एवं उन्नत सूचना प्रबंधन क्षमताओं का प्रभावी प्रदर्शन किया गया।
प्रतिकूल मौसम और उड़ान दस्ता की तकनीकी समस्या के कारण केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके। उनकी अनुपस्थिति में महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल द्वारा उनका व्यक्तिगत संदेश पढ़कर सुनाया गया। अपने संदेश में माननीय गृह मंत्री ने SSB के सभी अधिकारियों, जवानों एवं उनके परिवारों को 62वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बल के साहस, समर्पण, अनुशासन तथा सीमाओं की सुरक्षा में अतुलनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कठोर भौगोलिक एवं मौसमीय परिस्थितियों में भी सीमावर्ती समाज में सुरक्षा एवं विश्वास स्थापित करने के लिए SSB की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया तथा 51 वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अपने संबोधन में महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल श्री संजय सिंघल ने कहा कि SSB ने बदलती सीमावर्ती और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद स्वयं को एक सशक्त, सक्षम और बहुआयामी बल के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने सीमा सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, नक्सल विरोधी अभियानों, महिला सशक्तिकरण, खेलों में उत्कृष्टता, पर्यावरण संरक्षण एवं विकासात्मक पहलों में बल के योगदान को रेखांकित किया। महानिदेशक ने गृहमंत्री के संदेश के लिए पूरे बल परिवार की ओर से श्री अमित शाह जी का आभार व्यक्त किया।
महानिदेशक ने महिला जवानों को कॉम्बैट रोल में शामिल किए जाने, अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त करने तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उत्कृष्ट संचालन को SSB की बहुआयामी क्षमता का उदाहरण बताया। उन्होंने बल के अधिकारियों, जवानों एवं उनके परिवारों के समर्पण, अनुशासन और निष्ठा के लिए आभार व्यक्त किया।
समारोह के दौरान महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल द्वारा बल के सेवानिवृत्त अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं कार्मिकों को उनकी वर्ष 2023 एवं 2024 में सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। वर्ष 2025 में नक्सल प्रभावित एवं विशेष प्रचालन क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु 29वीं वाहिनी, गया (बिहार) को सम्मानित किया गया।
भारत–नेपाल सीमा पर सर्वश्रेष्ठ वाहिनी के रूप में 50वीं वाहिनी, उतरौला (उ.प्र.) तथा भारत–भूटान सीमा पर सर्वश्रेष्ठ वाहिनी के रूप में 64वीं वाहिनी, बरामा (असम) को “बेस्ट बटालियन ट्रॉफी” प्रदान की गई। सर्वश्रेष्ठ बीओपी के रूप में 42वीं वाहिनी, बहराइच (उ.प्र.) – रूपईडीहा एवं 64वीं वाहिनी, बरामा (असम) – सुखानजोली को सम्मानित किया गया।
समारोह के अंत में राइफल टैटू ड्रिल, मास पीटी, पारकोर एक्सरसाइज एवं डेयर डेविल्स जैसे रोमांचक प्रदर्शनों ने दर्शकों को अत्यंत उत्साहित किया। फ्यूजन डांस के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश का हिमाचली नाटी, उत्तराखंड का छोलिया नृत्य, भारत–नेपाल सीमा का थारू नृत्य, मिथिला क्षेत्र का झीझीया नृत्य, सिक्किम का भूटिया नृत्य, असम का बीहू नृत्य तथा अरुणाचल प्रदेश की बौद्ध परंपरा से जुड़ा लायन डांस प्रस्तुत किया गया।
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राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इसकी धुन की विशेष प्रस्तुति दी गई। एशियन गेम्स, वर्ल्ड पुलिस गेम्स सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले SSB के खिलाड़ियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को और बढ़ाया।
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