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चम्बा , 11 ऑक्टूबर [ शिवानी ] ! जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने चम्बा जिला की ग्राम पंचायत वाट के दिव्यांग युवक त्रिलोक को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर प्रदान की है। आपको बता दे कि त्रिलोक चलने फिरने में असमर्थ है जिसके बाबजूद भी त्रिलोक ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीत कर अपनी प्रतिभा के लोहा मनवाया हैं। क्रिया वार्ड के जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने त्रिलोक के घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी है और साथ में उन्हें सम्मानित भी किया। त्रिलोक ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगित में 15 राज्यों से आए हुए प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए डिस्कस थ्रो और ग़ल्ब थ्रो में स्वर्ण पदक जीते। त्रिलोक ने बीपीएल सूची में शामिल किए जाने का अनुरोध किया था जिसे जिला परिषद सदस्य ने पूरा किया। अब उन्हें मिली इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर से दैनिक जीवन में आवाजाही में उन्हें काफी सुविधा हो रही है। त्रिलोक ने बताया कि करीब 8 वर्ष पहले एक दुर्घटना में उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। उनका कहना है कि प्रदेश में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए कोई विशेष सुविधाएं नहीं है जिससे उन्हें प्रतियोगिताओं में भाग लेने में मदद मिल सके। त्रिलोक के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे है और वे आर्थिक कठिनाइयों से जुंज रहे है। वहीं जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने कहा कि त्रिलोक का हौसला ओर संघर्ष सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की है कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए विशेष नीतियां और योजना तैयार की जाएं।
चम्बा , 11 ऑक्टूबर [ शिवानी ] ! जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने चम्बा जिला की ग्राम पंचायत वाट के दिव्यांग युवक त्रिलोक को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर प्रदान की है। आपको बता दे कि त्रिलोक चलने फिरने में असमर्थ है जिसके बाबजूद भी त्रिलोक ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीत कर अपनी प्रतिभा के लोहा मनवाया हैं। क्रिया वार्ड के जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने त्रिलोक के घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी है और साथ में उन्हें सम्मानित भी किया।
त्रिलोक ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगित में 15 राज्यों से आए हुए प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए डिस्कस थ्रो और ग़ल्ब थ्रो में स्वर्ण पदक जीते। त्रिलोक ने बीपीएल सूची में शामिल किए जाने का अनुरोध किया था जिसे जिला परिषद सदस्य ने पूरा किया। अब उन्हें मिली इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर से दैनिक जीवन में आवाजाही में उन्हें काफी सुविधा हो रही है। त्रिलोक ने बताया कि करीब 8 वर्ष पहले एक दुर्घटना में उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था।
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उनका कहना है कि प्रदेश में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए कोई विशेष सुविधाएं नहीं है जिससे उन्हें प्रतियोगिताओं में भाग लेने में मदद मिल सके। त्रिलोक के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे है और वे आर्थिक कठिनाइयों से जुंज रहे है।
वहीं जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने कहा कि त्रिलोक का हौसला ओर संघर्ष सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की है कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए विशेष नीतियां और योजना तैयार की जाएं।
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