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हमीरपुर, 19 नवम्बर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता और सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अपने ही बयानों में उलझकर परस्पर विरोधाभासी स्थिति पैदा कर रहे हैं। राणा ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ पंचायती राज चुनाव न कराने की वजह प्रदेश में टूटी सड़कों को बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ उन्हीं टूटी सड़कों का हवाला देकर अपने तीन साल का जश्न मंडी में मनाने की तैयारियाँ जोर-शोर से की जा रही हैं जिन पर जनता के खून-पसीने की कमाई यानी आयकरदाताओं का पैसा दोनों हाथों से लुटाया जाएगा। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जब सरकार आपदा पीड़ितों को अभी तक राहत तक नहीं पहुंचा पाई है और न ही प्रदेश की सड़कें सुधार पाईं है, तो इस महंगे जश्न का औचित्य क्या बनता है। उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस सरकार पंचायती राज चुनावों से इसलिए भाग रही है क्योंकि उसे अच्छी तरह पता है कि जनता इन चुनावों में कांग्रेस का “सुपड़ा साफ” करने को तैयार बैठी है। इसी के साथ राजेंद्र राणा ने प्रदेश की आर्थिक अव्यवस्था पर भी मुख्यमंत्री को घेरा। राणा ने कहा कि नवंबर महीने की 19 तारीख हो चुकी है, लेकिन एचआरटीसी कर्मचारियों को अभी तक पिछले महीने की पेंशन नहीं मिली है। ठेकेदारों का हाल इससे भी खराब है—सरकारी भुगतान न आने के कारण वे बैंक के कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। कई ठेकेदारों ने रिश्तेदारों से उधार लेकर सरकारी कार्य पूरे किए थे, अब वही रिश्तेदार अपना पैसा मांगने उनके घर पहुंच रहे हैं। जिन थोड़े बहुत ठेकेदारों को सरकार पेमेंट कर रही है, वे ठेकेदार भी सरकार के करीबियों के रिश्तेदार हैं । राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर भी इसी अव्यवस्था का शिकार हैं, क्योंकि उनके मेडिकल बिलों का भुगतान महीनों से अटका हुआ है। इतना ही नहीं, इन्हें पंजाब पै स्केल का एरियर भी अब तक नहीं मिला है। राजेंद्र राणा ने कहा कि “सड़कों के नाम पर चुनाव टालना और दूसरी तरफ जश्न पर करोड़ों उड़ाना—यही सुक्खू सरकार का असली चरित्र है। उन्होंने कहा प्रदेश की जनता सब देख रही है और समय आने पर इसका जवाब देगी।
हमीरपुर, 19 नवम्बर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता और सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अपने ही बयानों में उलझकर परस्पर विरोधाभासी स्थिति पैदा कर रहे हैं। राणा ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ पंचायती राज चुनाव न कराने की वजह प्रदेश में टूटी सड़कों को बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ उन्हीं टूटी सड़कों का हवाला देकर अपने तीन साल का जश्न मंडी में मनाने की तैयारियाँ जोर-शोर से की जा रही हैं जिन पर जनता के खून-पसीने की कमाई यानी आयकरदाताओं का पैसा दोनों हाथों से लुटाया जाएगा।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जब सरकार आपदा पीड़ितों को अभी तक राहत तक नहीं पहुंचा पाई है और न ही प्रदेश की सड़कें सुधार पाईं है, तो इस महंगे जश्न का औचित्य क्या बनता है। उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस सरकार पंचायती राज चुनावों से इसलिए भाग रही है क्योंकि उसे अच्छी तरह पता है कि जनता इन चुनावों में कांग्रेस का “सुपड़ा साफ” करने को तैयार बैठी है।
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इसी के साथ राजेंद्र राणा ने प्रदेश की आर्थिक अव्यवस्था पर भी मुख्यमंत्री को घेरा। राणा ने कहा कि नवंबर महीने की 19 तारीख हो चुकी है, लेकिन एचआरटीसी कर्मचारियों को अभी तक पिछले महीने की पेंशन नहीं मिली है। ठेकेदारों का हाल इससे भी खराब है—सरकारी भुगतान न आने के कारण वे बैंक के कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। कई ठेकेदारों ने रिश्तेदारों से उधार लेकर सरकारी कार्य पूरे किए थे, अब वही रिश्तेदार अपना पैसा मांगने उनके घर पहुंच रहे हैं। जिन थोड़े बहुत ठेकेदारों को सरकार पेमेंट कर रही है, वे ठेकेदार भी सरकार के करीबियों के रिश्तेदार हैं ।
राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर भी इसी अव्यवस्था का शिकार हैं, क्योंकि उनके मेडिकल बिलों का भुगतान महीनों से अटका हुआ है। इतना ही नहीं, इन्हें पंजाब पै स्केल का एरियर भी अब तक नहीं मिला है। राजेंद्र राणा ने कहा कि “सड़कों के नाम पर चुनाव टालना और दूसरी तरफ जश्न पर करोड़ों उड़ाना—यही सुक्खू सरकार का असली चरित्र है। उन्होंने कहा प्रदेश की जनता सब देख रही है और समय आने पर इसका जवाब देगी।
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