

*स्वास्थ्य मंत्री ने दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में की शिरकत*
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शिमला , 31 मई [ विशाल सूद ] ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और सैनिक कल्याण मंत्री डॉ (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया जा रहा है ताकि आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। यह बात आज डॉ. शांडिल ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के अटल सभागार में संक्रमण के प्रति शून्य सहनशीलता विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कही। स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आपके दृष्टिकोण, नेतृत्व और हमारे राज्य में स्वास्थ्य देखभाल मानकों को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पहल स्वास्थ्य सुरक्षा और व्यावसायिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण, विशेष रूप से "जीरो टॉलरेंस" की थीम के तहत, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के तहत आईपीसी वैकल्पिक नहीं अपितु अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में हिमाचल और पंजाब के प्रतिष्ठित संस्थानों से राष्ट्रीय स्तर के वक्ता इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं, जिन्होंने अपने अनुभव और व्यावहारिक ज्ञान को साझा किया ।मंत्री ने कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न जिलों से हिस्सा ले रहे कॉलेजों को भी सम्मानित किया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए नर्सिंग स्कॉलर सोसाइटी को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी शिमला डॉ. राहुल राव, प्रधानाचार्य आईजीएमसी शिमला डॉ. सीता ठाकुर, नर्सिंग स्कॉलर सोसाइटी की राज्य अध्यक्ष सीमा ब्रागटा , सचिव सुमन बोध सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
शिमला , 31 मई [ विशाल सूद ] ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और सैनिक कल्याण मंत्री डॉ (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया जा रहा है ताकि आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। यह बात आज डॉ. शांडिल ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के अटल सभागार में संक्रमण के प्रति शून्य सहनशीलता विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कही।
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आपके दृष्टिकोण, नेतृत्व और हमारे राज्य में स्वास्थ्य देखभाल मानकों को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पहल स्वास्थ्य सुरक्षा और व्यावसायिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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उन्होंने कहा कि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण, विशेष रूप से "जीरो टॉलरेंस" की थीम के तहत, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के तहत आईपीसी वैकल्पिक नहीं अपितु अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में हिमाचल और पंजाब के प्रतिष्ठित संस्थानों से राष्ट्रीय स्तर के वक्ता इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं, जिन्होंने अपने अनुभव और व्यावहारिक ज्ञान को साझा किया ।मंत्री ने कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न जिलों से हिस्सा ले रहे कॉलेजों को भी सम्मानित किया।
उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए नर्सिंग स्कॉलर सोसाइटी को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी शिमला डॉ. राहुल राव, प्रधानाचार्य आईजीएमसी शिमला डॉ. सीता ठाकुर, नर्सिंग स्कॉलर सोसाइटी की राज्य अध्यक्ष सीमा ब्रागटा , सचिव सुमन बोध सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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