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हमीरपुर , 07 दिसंबर [ निंदिया ठाकुर ] ! 15 वर्षों की लंबी जुदाई के बाद जब बलदेव अपने गांव बनाल की धरती पर लौटे, तो पूरा इलाका भावनाओं से भर गया। पंचायत प्रधान कांटा देवी ने बिल्कुल खास अंदाज़ में बलदेव का स्वागत किया। गांव के लोग दरवाज़ों पर खड़े थे, महिलाएँ थाल लेकर प्रतीक्षा कर रही थीं और ढोल-नगाड़ों की गूंज से माहौल उत्सव जैसा बन चुका था। प्रधान कांटा देवी ने कहा—“बलदेव की वापसी सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरे गांव की जीत है। वर्षों बाद घर लौटे इस बेटे ने हम सभी का मान बढ़ा दिया। सोशल मीडिया की ताकत और परिवार की दुआएं आखिरकार रंग लाई हैं।” इधर घर पर भी भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जैसे ही बलदेव ने चौखट लांघी, उनकी भाभी की आंखें भर आईं। उन्होंने गले लगाकर कहा— “आज 15 साल बाद हमारा घर फिर पूरा हुआ है। हमने उम्मीद कभी छोड़ी नहीं थी… और आज भगवान ने हमारी सुन ली।” बलदेव की वापसी ने पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ा दी—एक गुमशुदा नहीं, पूरा गांव लौट आया है!
हमीरपुर , 07 दिसंबर [ निंदिया ठाकुर ] ! 15 वर्षों की लंबी जुदाई के बाद जब बलदेव अपने गांव बनाल की धरती पर लौटे, तो पूरा इलाका भावनाओं से भर गया। पंचायत प्रधान कांटा देवी ने बिल्कुल खास अंदाज़ में बलदेव का स्वागत किया। गांव के लोग दरवाज़ों पर खड़े थे, महिलाएँ थाल लेकर प्रतीक्षा कर रही थीं और ढोल-नगाड़ों की गूंज से माहौल उत्सव जैसा बन चुका था।
प्रधान कांटा देवी ने कहा—“बलदेव की वापसी सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरे गांव की जीत है। वर्षों बाद घर लौटे इस बेटे ने हम सभी का मान बढ़ा दिया। सोशल मीडिया की ताकत और परिवार की दुआएं आखिरकार रंग लाई हैं।”
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इधर घर पर भी भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जैसे ही बलदेव ने चौखट लांघी, उनकी भाभी की आंखें भर आईं। उन्होंने गले लगाकर कहा— “आज 15 साल बाद हमारा घर फिर पूरा हुआ है। हमने उम्मीद कभी छोड़ी नहीं थी… और आज भगवान ने हमारी सुन ली।”
बलदेव की वापसी ने पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ा दी—एक गुमशुदा नहीं, पूरा गांव लौट आया है!
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