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शिमला , 30 जून [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है। अब तक प्रदेश को 75 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। बाढ़ और भूस्खलन से 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सड़क हादसों में 19 लोगों की जान गई है। प्रदेश में आज सुबह तक 285 छोटी-बड़ी सड़कें बाधित थीं। हालांकि प्रशासन ने शाम तक अधिकतर सड़कों को बहाल करने का दावा किया है। आपदा के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्य में कुल 968 ट्रांसफार्मर बंद हैं। वहीं, जलापूर्ति की 23 योजनाएं भी ठप हो गई हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि अब प्रदेश में डैम सेफ्टी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जल विद्युत परियोजना कंपनियों को डैम से पानी छोड़ने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। यह निगरानी कम से कम 4 से 5 किलोमीटर क्षेत्र में की जाएगी ताकि किसी भी स्थिति में समय रहते अलर्ट दिया जा सके। आपदा से राहत के लिए केंद्र सरकार की ओर से मिली सहायता पर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में प्रदेश को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, लेकिन केंद्र से मात्र 2006 करोड़ रुपये की मामूली मदद ही मिली। इसके उलट बिहार और बीजेपी शासित राज्यों को कहीं अधिक सहायता दी गई। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए अनुचित और निंदनीय बताया। प्रदेश सरकार ने केंद्र से फिर से आपदा राहत में निष्पक्ष सहयोग की मांग की है और जल विद्युत परियोजनाओं की जिम्मेदारी तय करने की बात कही है।
शिमला , 30 जून [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है। अब तक प्रदेश को 75 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। बाढ़ और भूस्खलन से 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सड़क हादसों में 19 लोगों की जान गई है। प्रदेश में आज सुबह तक 285 छोटी-बड़ी सड़कें बाधित थीं। हालांकि प्रशासन ने शाम तक अधिकतर सड़कों को बहाल करने का दावा किया है।
आपदा के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्य में कुल 968 ट्रांसफार्मर बंद हैं। वहीं, जलापूर्ति की 23 योजनाएं भी ठप हो गई हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि अब प्रदेश में डैम सेफ्टी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जल विद्युत परियोजना कंपनियों को डैम से पानी छोड़ने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। यह निगरानी कम से कम 4 से 5 किलोमीटर क्षेत्र में की जाएगी ताकि किसी भी स्थिति में समय रहते अलर्ट दिया जा सके।
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आपदा से राहत के लिए केंद्र सरकार की ओर से मिली सहायता पर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में प्रदेश को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, लेकिन केंद्र से मात्र 2006 करोड़ रुपये की मामूली मदद ही मिली। इसके उलट बिहार और बीजेपी शासित राज्यों को कहीं अधिक सहायता दी गई। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए अनुचित और निंदनीय बताया। प्रदेश सरकार ने केंद्र से फिर से आपदा राहत में निष्पक्ष सहयोग की मांग की है और जल विद्युत परियोजनाओं की जिम्मेदारी तय करने की बात कही है।
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