- विज्ञापन (Article Top Ad) -
हमीरपुर , 24 नवंबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! आज 25 नवंबर को राजकीय महाविद्यालय सुजानपुर टीहरा में भारतीय समाज सुधारक एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटेकर जी का आगमन हुआ। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ विभा ठाकुर जी ने मेधा पाटेकर जी का महाविद्यालय में आने हेतु स्वागत एवं धन्यवाद किया। मेधा पाटेकर जी ने इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष को ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व को प्रकृति संरक्षण के विषय में गंभीर चिंतन करना चाहिए। उन्होंने भारतवर्ष सहित यूरोप एवं विश्व के विभिन्न देशों की परिवर्तनशील भौगोलिक स्थिति को छात्रों में सांझा किया और प्राकृतिक बदलावों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और पहाड़ी राज्य जिन्हें कभी बिजली से संबंधित छोटी परियोजनाओं के माध्यम से जाना जाता था आज इन राज्यों में अधिकाधिक वनों का कटाव किया जा रहा है तथा सीमा से अधिक औद्योगि करण किया जा रहा है जिसके फलस्वरुप प्रत्येक वर्ष पहाड़ी राज्यों में अत्यधिक त्रासदी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हम सबको प्रकृति के प्रति सजग रहने की अत्यधिक आवश्यकता है और हम सबको पृथ्वी, जल, वायु इत्यादि अमूल्य संसाधनों का बचाव करते हुए जीवन यापन करना चाहिए जिससे हम स्वयं भी चिरकाल तक स्वस्थ एवं दीर्घायु होंगे। उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो युवाओं में प्रकृति संरक्षण के विषय में जागृति होना बहुत आवश्यक है । साथ में उन्होंने महिला उत्पीडन, लिंग भेद,जाति भेद आदि सामाजिक कुरीतियों पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की और सभी छात्रों को इन गंभीर विषयों के प्रति जागृत किया। मेधा पाटेकर जी ने संपूर्ण महाविद्यालय परिवार के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रदान की। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ जितेंद्र कुमार भनवाल, आपदा प्रबंधन की इस कार्यशाला के आयोजक प्रो राजीव ठाकुर, डॉक्टर प्रमोज शर्मा तथा संपूर्ण महाविद्यालय स्टाफ एवं छात्रगण उपस्थित रहे।
हमीरपुर , 24 नवंबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! आज 25 नवंबर को राजकीय महाविद्यालय सुजानपुर टीहरा में भारतीय समाज सुधारक एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटेकर जी का आगमन हुआ। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ विभा ठाकुर जी ने मेधा पाटेकर जी का महाविद्यालय में आने हेतु स्वागत एवं धन्यवाद किया। मेधा पाटेकर जी ने इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष को ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व को प्रकृति संरक्षण के विषय में गंभीर चिंतन करना चाहिए।
उन्होंने भारतवर्ष सहित यूरोप एवं विश्व के विभिन्न देशों की परिवर्तनशील भौगोलिक स्थिति को छात्रों में सांझा किया और प्राकृतिक बदलावों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और पहाड़ी राज्य जिन्हें कभी बिजली से संबंधित छोटी परियोजनाओं के माध्यम से जाना जाता था आज इन राज्यों में अधिकाधिक वनों का कटाव किया जा रहा है तथा सीमा से अधिक औद्योगि करण किया जा रहा है जिसके फलस्वरुप प्रत्येक वर्ष पहाड़ी राज्यों में अत्यधिक त्रासदी बढ़ रही है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि हम सबको प्रकृति के प्रति सजग रहने की अत्यधिक आवश्यकता है और हम सबको पृथ्वी, जल, वायु इत्यादि अमूल्य संसाधनों का बचाव करते हुए जीवन यापन करना चाहिए जिससे हम स्वयं भी चिरकाल तक स्वस्थ एवं दीर्घायु होंगे। उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो युवाओं में प्रकृति संरक्षण के विषय में जागृति होना बहुत आवश्यक है । साथ में उन्होंने महिला उत्पीडन, लिंग भेद,जाति भेद आदि सामाजिक कुरीतियों पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की और सभी छात्रों को इन गंभीर विषयों के प्रति जागृत किया।
मेधा पाटेकर जी ने संपूर्ण महाविद्यालय परिवार के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रदान की। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ जितेंद्र कुमार भनवाल, आपदा प्रबंधन की इस कार्यशाला के आयोजक प्रो राजीव ठाकुर, डॉक्टर प्रमोज शर्मा तथा संपूर्ण महाविद्यालय स्टाफ एवं छात्रगण उपस्थित रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -