- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! खेम राज ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 20 नवंबर 2025 को युनानी लेखकों के द्वारा वर्णित भारत पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें मेगास्थनीज तथा स्ट्रैबो को प्रमुख केंद्र बिंदु बताया गया था। यह शोध पत्र जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की युनानी पीठ के द्वारा Indo-Greek: Reverberation in History, Society, Trades and Economy विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में पढ़ा गया। इस शोध पत्र का प्रमुख केंद्र बिंदु मेगास्थनीज जो भारत में लगभग 15 वर्ष तक रहा तथा इंडिका नामक पुस्तक में उसने भारत का विवरण दिया। उसकी इस रचना को आधार बनाकर स्ट्रैबो, जो कभी भारत नहीं आया ने, ज्योग्राफी नामक पुस्तक लिखी जिसमें उसने इंडिका को आधार बनाकर भारत का एक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। स्ट्रैबो उन अद्भुत युनानी लेखकों में रहा जिसने मेगास्थनीज की इंडिका की कई कमियों को उजागर किया तथा एक आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत किया। इंडिका के वास्तविक स्वरूप खो जाने की दशा में स्ट्रैबो की ज्योग्राफी एक महत्त्वपूर्ण शोध ग्रंथ बना हुआ है। इसी विचार को आगे रखते हुए खेम ने यह शोध पत्र पढ़ा। खेम का यह प्रयास शोधकर्ताओं तथा युनानी पीठ के प्राध्यापकों द्वारा अत्यंत सराहनीय माना गया। खेम ने, प्रश्न इस शोध पत्र के बाद अन्य शोधकर्ताओं के द्वारा पूछे गए, उनका सटीक तथा गर्भित स्त्रोत आधारित उत्तर दिया। खेम राज चंबा जिला के चुराह क्षेत्र के चांजू से संबंध रखता है तथा इतिहास विभाग हिमाचल प्रदेश विवि से एम.ए. 2024 में उत्तीर्ण कर चुका है। यह शोध पत्र डॉ. अंजलि वर्मा जो इतिहास विभाग हिमाचल प्रदेश विवि में प्राध्यापिका के तौर पर कार्यरत हैं के निर्देशन में तैयार किया गया है
चम्बा ! खेम राज ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 20 नवंबर 2025 को युनानी लेखकों के द्वारा वर्णित भारत पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें मेगास्थनीज तथा स्ट्रैबो को प्रमुख केंद्र बिंदु बताया गया था। यह शोध पत्र जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की युनानी पीठ के द्वारा Indo-Greek: Reverberation in History, Society, Trades and Economy विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में पढ़ा गया। इस शोध पत्र का प्रमुख केंद्र बिंदु मेगास्थनीज जो भारत में लगभग 15 वर्ष तक रहा तथा इंडिका नामक पुस्तक में उसने भारत का विवरण दिया। उसकी इस रचना को आधार बनाकर स्ट्रैबो, जो कभी भारत नहीं आया ने, ज्योग्राफी नामक पुस्तक लिखी जिसमें उसने इंडिका को आधार बनाकर भारत का एक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। स्ट्रैबो उन अद्भुत युनानी लेखकों में रहा जिसने मेगास्थनीज की इंडिका की कई कमियों को उजागर किया तथा एक आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत किया।
इंडिका के वास्तविक स्वरूप खो जाने की दशा में स्ट्रैबो की ज्योग्राफी एक महत्त्वपूर्ण शोध ग्रंथ बना हुआ है। इसी विचार को आगे रखते हुए खेम ने यह शोध पत्र पढ़ा। खेम का यह प्रयास शोधकर्ताओं तथा युनानी पीठ के प्राध्यापकों द्वारा अत्यंत सराहनीय माना गया। खेम ने, प्रश्न इस शोध पत्र के बाद अन्य शोधकर्ताओं के द्वारा पूछे गए, उनका सटीक तथा गर्भित स्त्रोत आधारित उत्तर दिया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
खेम राज चंबा जिला के चुराह क्षेत्र के चांजू से संबंध रखता है तथा इतिहास विभाग हिमाचल प्रदेश विवि से एम.ए. 2024 में उत्तीर्ण कर चुका है। यह शोध पत्र डॉ. अंजलि वर्मा जो इतिहास विभाग हिमाचल प्रदेश विवि में प्राध्यापिका के तौर पर कार्यरत हैं के निर्देशन में तैयार किया गया है
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -