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शिमला , 18 नवंबर [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में देरी हुई जबकि सरकार राजनीतिक कार्यक्रमों और उत्सवों में जुटी रही। 2023 से 2025 के बीच लगभग 480 लोगों की मौत हुई, 41 लोग लापता हैं, और 30,000 से अधिक पशु-पक्षियों की मृत्यु हुई। हजारों परिवार प्रभावित हुए और कई स्थानों पर बुनियादी सेवाएं अब भी बहाल नहीं हुई हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा बताए गए 1800 पूर्ण क्षतिग्रस्त और 300 आंशिक क्षतिग्रस्त घरों के आंकड़े जमीनी स्थिति से कम हैं। पांच महीने बाद भी कई प्रभावित परिवारों को पर्याप्त सहायता नहीं मिली।उन्होंने मंडी में सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आपदा में 50 से अधिक लोगों की मौतें जिला में हुई है ऐसे में मंडी में जश्न मनाना उचित नहीं है। उनका कहना है कि 1513 पूर्ण क्षतिग्रस्त घरों को दी गई राहत वास्तविक जरूरत से कम है और कई प्रभावित परिवार किसी योजना के दायरे में नहीं आए हैं।जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि कई बड़ी घटनाओं पर मंत्री स्तर पर मौके का दौरा नहीं किया गया। उन्होंने सुंदरनगर में सात मौतों और बिलासपुर में पहाड़ गिरने से 16 लोगों की मौत का उदाहरण दिया। विकास कार्य धीमे पड़े हैं, कर्मचारियों और पेंशनरों के भुगतान लंबित हैं।ठेकेदारों के बिल समय पर नहीं निपटाए जा रहे। पंचायत और नगर निकाय चुनावों पर टिप्पणी करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने डिज़ास्टर एक्ट का हवाला देकर चुनाव टालने की कोशिश की, लेकिन अदालत और चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद बाउंड्री नोटिफिकेशन जारी करना पड़ा।कांग्रेस नेतृत्व पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के पास उपलब्धियों का अभाव है और वह अब चुनावी मुद्दों को भटकाने का प्रयास कर रही है। बिहार चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति कमजोर है और ऐसी परिस्थिति में सरकार को राज्य में उत्सव कार्यक्रम रद्द कर देने चाहिए और आपदा प्रभावितों को राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
शिमला , 18 नवंबर [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में देरी हुई जबकि सरकार राजनीतिक कार्यक्रमों और उत्सवों में जुटी रही। 2023 से 2025 के बीच लगभग 480 लोगों की मौत हुई, 41 लोग लापता हैं, और 30,000 से अधिक पशु-पक्षियों की मृत्यु हुई। हजारों परिवार प्रभावित हुए और कई स्थानों पर बुनियादी सेवाएं अब भी बहाल नहीं हुई हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा बताए गए 1800 पूर्ण क्षतिग्रस्त और 300 आंशिक क्षतिग्रस्त घरों के आंकड़े जमीनी स्थिति से कम हैं। पांच महीने बाद भी कई प्रभावित परिवारों को पर्याप्त सहायता नहीं मिली।उन्होंने मंडी में सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आपदा में 50 से अधिक लोगों की मौतें जिला में हुई है ऐसे में मंडी में जश्न मनाना उचित नहीं है।
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उनका कहना है कि 1513 पूर्ण क्षतिग्रस्त घरों को दी गई राहत वास्तविक जरूरत से कम है और कई प्रभावित परिवार किसी योजना के दायरे में नहीं आए हैं।जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि कई बड़ी घटनाओं पर मंत्री स्तर पर मौके का दौरा नहीं किया गया। उन्होंने सुंदरनगर में सात मौतों और बिलासपुर में पहाड़ गिरने से 16 लोगों की मौत का उदाहरण दिया। विकास कार्य धीमे पड़े हैं, कर्मचारियों और पेंशनरों के भुगतान लंबित हैं।ठेकेदारों के बिल समय पर नहीं निपटाए जा रहे।
पंचायत और नगर निकाय चुनावों पर टिप्पणी करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने डिज़ास्टर एक्ट का हवाला देकर चुनाव टालने की कोशिश की, लेकिन अदालत और चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद बाउंड्री नोटिफिकेशन जारी करना पड़ा।कांग्रेस नेतृत्व पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के पास उपलब्धियों का अभाव है और वह अब चुनावी मुद्दों को भटकाने का प्रयास कर रही है।
बिहार चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति कमजोर है और ऐसी परिस्थिति में सरकार को राज्य में उत्सव कार्यक्रम रद्द कर देने चाहिए और आपदा प्रभावितों को राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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