नियम 62 के अंतर्गत सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा सुन्दरनगर जवाहर पार्क में स्थानीय व्यपारियों को ताक में रख इस तरह के आयोजन नही होंगे बर्दाश्त*
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मंडी , 03 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! विधायक राकेश जमवाल ने आज सदन में नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाते हुए सुंदरनगर सहित पूरे प्रदेश में लगाए जा रहे निजी व्यापारी मेलों को स्थानीय व्यापार के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने हर किसी समय बाहरी राज्यों के व्यपारियों के लिए मेले आयोजन पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मार्केट के भारी दबाव में पहले से जूझ रहे हिमाचल के व्यापारी अब इन निजी मेलों के कारण पूरी तरह नुकसान में जा रहे हैं, और सरकार तमाशबीन बनी बैठी है। जमवाल ने स्पष्ट कहा कि सुंदरनगर के जवाहर पार्क में एक निजी व्यापारी मेले को पूरे एक महीने की अनुमति देना पूरी तरह तर्कहीन और व्यापारी-विरोधी फैसला है। व्यापार मंडल, दुकानदार और मजदूर संगठन इसका तीखा विरोध कर रहे हैं और स्वयं विधायक को ज्ञापन सौंप चुके हैं। उन्होंने बताया कि जहाँ नलवाड़ जैसे पारंपरिक मेलों की नीलामी एक करोड़ से अधिक धनराशि में होती , वहीं निजी मेले को 3.41 लाख में पूरा महीना दे दिया गया—जिससे न सरकार को कोई ठोस राजस्व लाभ, न स्थानीय बाजार को सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने सदन में चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे निजी मेलों से न केवल व्यापारिक गतिविधियाँ ध्वस्त हो रहीं हैं बल्कि प्रदेशभर में व्यापार मंडलों में भारी रोष है और कानून-व्यवस्था पर भी संकट पैदा हो रहा है। बाहर से आए व्यापारी होटल किराये पर लेकर “सेल बाजार” खोल देते हैं, जबकि स्थानीय व्यापारी टैक्स, किराया और नियमों का बोझ उठाता है।उन्होंने कहा कि यह विषय मात्र सुन्दरनगर का ही नही प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे आयोजन वहां की व्यवस्था को तहस नहस करते है। शिमला का उदाहरण देते हुए विधायक राकेश जमवाल ने कहा गर्मियां हो सर्दीयां ज़ब भी टूरिस्ट सीजन पीक पर होता तो इस तरह की दुकाने महीनों रिज और मॉल रोड पर सजा दी जाती है जिसके कारण टूरिस्ट स्थानीय व्यपारियों और दुकानों का रुख ही नही कर पाता। अच्छे खासे सीजन के बाद स्थानीय व्यापारी ग्राहकों का रस्ता ताकते रहा जाते हैं। जमवाल ने कहा कि सत्र समाप्त होते ही वे सुंदरनगर जाकर व्यापारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे। सदन में मंत्री द्वारा भविष्य में नीति बनाने के आश्वासन पर जमवाल ने कहा कि केवल बयान देने से काम नहीं चलेगा—सुंदरनगर मेले की अनुमति तुरंत रद्द की जाए और पूरे प्रदेश में निजी व्यापारिक मेलों को रोकने के लिए कड़े नियम लागू हों। पारंपरिक और धार्मिक मेले जारी रहें, लेकिन व्यापारी-विरोधी निजी मेलों की आड़ में स्थानीय बाजार को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। अंत में विधायक जमवाल ने सरकार को दो-टूक चेतावनी दी कि यदि अनुमति रद्द नहीं हुई तो इस मुद्दे को सड़क से सदन तक और ज्यादा आक्रामक तरीके से उठाया जाएगा। स्थानीय व्यापारी की रोज़ी-रोटी पर हमला किसी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा।
मंडी , 03 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! विधायक राकेश जमवाल ने आज सदन में नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाते हुए सुंदरनगर सहित पूरे प्रदेश में लगाए जा रहे निजी व्यापारी मेलों को स्थानीय व्यापार के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने हर किसी समय बाहरी राज्यों के व्यपारियों के लिए मेले आयोजन पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मार्केट के भारी दबाव में पहले से जूझ रहे हिमाचल के व्यापारी अब इन निजी मेलों के कारण पूरी तरह नुकसान में जा रहे हैं, और सरकार तमाशबीन बनी बैठी है।
जमवाल ने स्पष्ट कहा कि सुंदरनगर के जवाहर पार्क में एक निजी व्यापारी मेले को पूरे एक महीने की अनुमति देना पूरी तरह तर्कहीन और व्यापारी-विरोधी फैसला है। व्यापार मंडल, दुकानदार और मजदूर संगठन इसका तीखा विरोध कर रहे हैं और स्वयं विधायक को ज्ञापन सौंप चुके हैं। उन्होंने बताया कि जहाँ नलवाड़ जैसे पारंपरिक मेलों की नीलामी एक करोड़ से अधिक धनराशि में होती , वहीं निजी मेले को 3.41 लाख में पूरा महीना दे दिया गया—जिससे न सरकार को कोई ठोस राजस्व लाभ, न स्थानीय बाजार को सुरक्षा मिल रही है।
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उन्होंने सदन में चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे निजी मेलों से न केवल व्यापारिक गतिविधियाँ ध्वस्त हो रहीं हैं बल्कि प्रदेशभर में व्यापार मंडलों में भारी रोष है और कानून-व्यवस्था पर भी संकट पैदा हो रहा है। बाहर से आए व्यापारी होटल किराये पर लेकर “सेल बाजार” खोल देते हैं, जबकि स्थानीय व्यापारी टैक्स, किराया और नियमों का बोझ उठाता है।उन्होंने कहा कि यह विषय मात्र सुन्दरनगर का ही नही प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे आयोजन वहां की व्यवस्था को तहस नहस करते है।
शिमला का उदाहरण देते हुए विधायक राकेश जमवाल ने कहा गर्मियां हो सर्दीयां ज़ब भी टूरिस्ट सीजन पीक पर होता तो इस तरह की दुकाने महीनों रिज और मॉल रोड पर सजा दी जाती है जिसके कारण टूरिस्ट स्थानीय व्यपारियों और दुकानों का रुख ही नही कर पाता। अच्छे खासे सीजन के बाद स्थानीय व्यापारी ग्राहकों का रस्ता ताकते रहा जाते हैं। जमवाल ने कहा कि सत्र समाप्त होते ही वे सुंदरनगर जाकर व्यापारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे।
सदन में मंत्री द्वारा भविष्य में नीति बनाने के आश्वासन पर जमवाल ने कहा कि केवल बयान देने से काम नहीं चलेगा—सुंदरनगर मेले की अनुमति तुरंत रद्द की जाए और पूरे प्रदेश में निजी व्यापारिक मेलों को रोकने के लिए कड़े नियम लागू हों। पारंपरिक और धार्मिक मेले जारी रहें, लेकिन व्यापारी-विरोधी निजी मेलों की आड़ में स्थानीय बाजार को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।
अंत में विधायक जमवाल ने सरकार को दो-टूक चेतावनी दी कि यदि अनुमति रद्द नहीं हुई तो इस मुद्दे को सड़क से सदन तक और ज्यादा आक्रामक तरीके से उठाया जाएगा। स्थानीय व्यापारी की रोज़ी-रोटी पर हमला किसी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा।
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