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मंडी , 05 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! भारत सरकार द्वारा दिया गया पैसा सुक्खू सरकार खर्च नहीं कर पा रही है इसलिए वापस कर रही है। इस सरकार का फोकस विकास की बजाय केंद्र सरकार पर आरोप लगाना है। पैसे ना देने का रोना रोते रहना है। इस बार जब हिमाचल प्रदेश के दौरे पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल आए तो 123 करोड़ रुपए मातृ शिशु सुरक्षा योजना के लिए दिया। साथ ही नड्डा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र द्वारा प्रदेशवासियों के भले के लिए भेजा गया पैसा भी खर्च करें। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 954 करोड़ रुपए की धनराशि हिमाचल सरकार को दी गई थी लेकिन दुर्भाग्य से सुक्खू सरकार व धन राशि आधी भी नहीं खर्च पाई। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को 1050 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृति दी गई है, अब तक की सरकार की कारगुजारी से यह स्पष्ट है कि इस बार का बजट भी सरकार खर्च नहीं कर पाएगी। देश का स्वास्थ्य मंत्री जाकर हिमाचल में कह रहा है कि केंद्र द्वारा दिया गया पैसा हिमाचल के हित में लगाइए लेकिन सुक्खू सरकार नहीं लगा पा रही है। इस निकम्मेपन के लिए जिम्मेदार कौन है? यह प्रदेश के बदहाल होते स्वास्थ्य विभाग की ही बात नहीं है यह प्रदेश के हर विभाग की स्थित है। जिसे सुधारना होगा सरकार अपना फोकस केंद्र सरकार और भाजपा को गाली देने के बजाय विकास पर करे।
मंडी , 05 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! भारत सरकार द्वारा दिया गया पैसा सुक्खू सरकार खर्च नहीं कर पा रही है इसलिए वापस कर रही है। इस सरकार का फोकस विकास की बजाय केंद्र सरकार पर आरोप लगाना है। पैसे ना देने का रोना रोते रहना है।
इस बार जब हिमाचल प्रदेश के दौरे पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल आए तो 123 करोड़ रुपए मातृ शिशु सुरक्षा योजना के लिए दिया।
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साथ ही नड्डा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र द्वारा प्रदेशवासियों के भले के लिए भेजा गया पैसा भी खर्च करें। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 954 करोड़ रुपए की धनराशि हिमाचल सरकार को दी गई थी लेकिन दुर्भाग्य से सुक्खू सरकार व धन राशि आधी भी नहीं खर्च पाई।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को 1050 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृति दी गई है, अब तक की सरकार की कारगुजारी से यह स्पष्ट है कि इस बार का बजट भी सरकार खर्च नहीं कर पाएगी।
देश का स्वास्थ्य मंत्री जाकर हिमाचल में कह रहा है कि केंद्र द्वारा दिया गया पैसा हिमाचल के हित में लगाइए लेकिन सुक्खू सरकार नहीं लगा पा रही है। इस निकम्मेपन के लिए जिम्मेदार कौन है?
यह प्रदेश के बदहाल होते स्वास्थ्य विभाग की ही बात नहीं है यह प्रदेश के हर विभाग की स्थित है। जिसे सुधारना होगा सरकार अपना फोकस केंद्र सरकार और भाजपा को गाली देने के बजाय विकास पर करे।
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