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चम्बा , 31 दिसंबर [ शिवानी ] ! भरमौर की खणी पंचायत में भालुओं के बढ़ते आतंक और वन विभाग व प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने के विरोध में मंगलवार को भरमौर के लाहल में लोगों ने चक्का जाम किया। इस प्रदर्शन में महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। चक्का जाम के दौरान दोनों और वाहनों की लंबी कतारे लग गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सभी गाड़ियों को रोक दिया। लोगों का सीधा कहना की या तो भालुओं को पाले विभाग या हमें यहां से शिफ्ट किया जाए। हालांकि विभाग की ओर से वन विभाग के अधिकारियों को भेजा गया लेकिन प्रदर्शनकारी उच्च अधिकारियों के आने पर अड़े रहे। प्रदर्शन को चक्का जाम 12:00 बजे से लेकर अभी तक भी जारी है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चंबा से वन मंडल अधिकारी यहां पर पहुंच रहे हैं। सूचना मिलने के बाद भी भरमौर प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।हालांकि इस समय भरमौर में ए डी एम वह डी एफ ओ दोनों ही अतिरिक्त चार्ज लेकर काम चला रहे हैं। प्रदर्शनकारी बहुत धरना प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई भी बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा जिस पर धरने पर बैठे लोगों ने में कड़ा एतराज जताया। ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक माह के भीतर भालू के हमले में दो महिलाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरी महिला गंभीर रूप से घायल है और उनका उपचार मेडिकल कॉलेज टांडा में चल रहा है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे बार-बार विभाग और प्रशासन को भालुओं के आतंक के बारे में अवगत करवा चुके हैं, लेकिन अब तक समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। इसके चलते पंचायत के लोग लगातार दहशत में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों के अनुसार महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। भालू सुबह, दोपहर और शाम के समय रिहायशी बस्तियों में खुलेआम दिखाई दे रहे हैं, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है। लगभग तीन घंटों के बाद डी एफ ओ भरमौर तथा पुलिस के आश्वासनों के बाद चक्का जाम खोल दिया गया।
चम्बा , 31 दिसंबर [ शिवानी ] ! भरमौर की खणी पंचायत में भालुओं के बढ़ते आतंक और वन विभाग व प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने के विरोध में मंगलवार को भरमौर के लाहल में लोगों ने चक्का जाम किया। इस प्रदर्शन में महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। चक्का जाम के दौरान दोनों और वाहनों की लंबी कतारे लग गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सभी गाड़ियों को रोक दिया। लोगों का सीधा कहना की या तो भालुओं को पाले विभाग या हमें यहां से शिफ्ट किया जाए।
हालांकि विभाग की ओर से वन विभाग के अधिकारियों को भेजा गया लेकिन प्रदर्शनकारी उच्च अधिकारियों के आने पर अड़े रहे। प्रदर्शन को चक्का जाम 12:00 बजे से लेकर अभी तक भी जारी है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चंबा से वन मंडल अधिकारी यहां पर पहुंच रहे हैं।
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सूचना मिलने के बाद भी भरमौर प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।हालांकि इस समय भरमौर में ए डी एम वह डी एफ ओ दोनों ही अतिरिक्त चार्ज लेकर काम चला रहे हैं। प्रदर्शनकारी बहुत धरना प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई भी बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा जिस पर धरने पर बैठे लोगों ने में कड़ा एतराज जताया।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक माह के भीतर भालू के हमले में दो महिलाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरी महिला गंभीर रूप से घायल है और उनका उपचार मेडिकल कॉलेज टांडा में चल रहा है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे बार-बार विभाग और प्रशासन को भालुओं के आतंक के बारे में अवगत करवा चुके हैं, लेकिन अब तक समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। इसके चलते पंचायत के लोग लगातार दहशत में जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों के अनुसार महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। भालू सुबह, दोपहर और शाम के समय रिहायशी बस्तियों में खुलेआम दिखाई दे रहे हैं, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है। लगभग तीन घंटों के बाद डी एफ ओ भरमौर तथा पुलिस के आश्वासनों के बाद चक्का जाम खोल दिया गया।
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