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सिरमौर , 01 सितंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में बारिश आफत बनकर बरस रही है। सिरमौर ज़िले में नेशनल हाईवे-707 पर कच्ची ढांग का 10 फुट से भी ज्यादा हिस्सा ध्वस्त हो गया है। हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है और हालात इतने भयावह हैं कि लोगों को अब अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।यह सड़क पांवटा साहिब से शिलाई, गुमा होते हुए शिमला को जोड़ती है। अब इसके ठप होने से हजारों लोग फंस गए हैं। आसपास के 100 से अधिक पंचायतों का संपर्क टूट गया है। बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल ले जाना अब पहाड़ सा मुश्किल हो गया है। बरसात के बीच अभी सेब और टमाटर का सीजन चल रहा है। लेकिन हाईवे बंद होने से किसान अपनी नगदी फसलें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। कई क्विंटल सब्ज़ियां और फल खराब होने की कगार पर हैं। इससे किसानों की मेहनत और कमाई दोनों पर गहरी चोट लग रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कच्ची ढांग का हिस्सा पिछले पांच वर्षों से लगातार खतरा बना हुआ है। हर बरसात में हालात बिगड़ते हैं लेकिन स्थायी समाधान कभी नहीं हुआ। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार कब तक उन्हें ऐसे संकटों से जूझना पड़ेगा। हालात की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार पांवटा मौके पर पहुंच गए हैं और नुकसान का जायज़ा ले रहे हैं। लेकिन लोगों का गुस्सा यह है कि सिर्फ निरीक्षण से राहत नहीं मिलेगी, प्रशासन को जल्द स्थायी हल निकालना होगा।
सिरमौर , 01 सितंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में बारिश आफत बनकर बरस रही है। सिरमौर ज़िले में नेशनल हाईवे-707 पर कच्ची ढांग का 10 फुट से भी ज्यादा हिस्सा ध्वस्त हो गया है। हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है और हालात इतने भयावह हैं कि लोगों को अब अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।यह सड़क पांवटा साहिब से शिलाई, गुमा होते हुए शिमला को जोड़ती है। अब इसके ठप होने से हजारों लोग फंस गए हैं। आसपास के 100 से अधिक पंचायतों का संपर्क टूट गया है। बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल ले जाना अब पहाड़ सा मुश्किल हो गया है।
बरसात के बीच अभी सेब और टमाटर का सीजन चल रहा है। लेकिन हाईवे बंद होने से किसान अपनी नगदी फसलें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। कई क्विंटल सब्ज़ियां और फल खराब होने की कगार पर हैं। इससे किसानों की मेहनत और कमाई दोनों पर गहरी चोट लग रही है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कच्ची ढांग का हिस्सा पिछले पांच वर्षों से लगातार खतरा बना हुआ है। हर बरसात में हालात बिगड़ते हैं लेकिन स्थायी समाधान कभी नहीं हुआ। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार कब तक उन्हें ऐसे संकटों से जूझना पड़ेगा।
हालात की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार पांवटा मौके पर पहुंच गए हैं और नुकसान का जायज़ा ले रहे हैं। लेकिन लोगों का गुस्सा यह है कि सिर्फ निरीक्षण से राहत नहीं मिलेगी, प्रशासन को जल्द स्थायी हल निकालना होगा।
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