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बिलासपुर, 15 अक्तूबर ! जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बिलासपुर की समीक्षा बैठक का आयोजन बचत भवन में किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने की। बैठक में संपूर्ण प्रदेश सहित जिला बिलासपुर में चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान समर्थ-2025 को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से 1 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक चलाए जा रहे समर्थ-2025 अभियान का प्रमुख उद्देश्य आम जनमानस को भूकंप, अग्निकांड सहित अन्य आपदाओं बारे व्यापक जन जागरूकता लाना है। इस अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण स्तर पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी विभिन्न आपदाओं को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ जुड़े तमाम अधिकारियों को पूरी तत्परता के साथ इस अभियान को सफल बनाने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिला के बरठीं क्षेत्र में हुए दुखद बस हादसे में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने त्वरित कार्य करते हुए बेहतरीन कार्य पद्धति का परिचय दिया है। उन्होंने भविष्य में भी इसी तत्परता के साथ कार्य करने का आग्रह किया ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सके। उन्होंने बैठक में आगामी 17 अक्तूबर को होने वाली जिला एवं उपमंडल स्तरीय मॉक ड्रिल पर भी सभी विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय में मॉक ड्रिल का आयोजन राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर तथा राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर के परिसरों में किया जा रहा है। इस दौरान भूकंप तथा अग्निकांड जैसे परिदृश्यों के तहत आपदा की तैयारी को परखा जाएगा। उन्होंने मॉकड्रिल को लेकर सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों से आपातकालीन कार्य योजना के तहत कार्य करने तथा इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों से समर्थ-2025 अभियान के तहत चलाई जा रही सभी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने तथा आपदा प्रबंधन में सभी के समन्वित प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने आपदा के दौरान सही एवं समयबद्ध सूचनाओं के संप्रेषण पर भी जोर दिया ताकि मीडिया के साथ-साथ आम जनमानस को भी सही व तथ्यात्मक जानकारी समयबद्ध प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त बैठक में राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के तहत विभागों को कार्य स्थिति रिपोर्ट और व्यय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए। साथ ही, जिला आपदा प्रबंधन योजना (डीडीएमपी) 2025-26 के तहत विभिन्न विभागों से अपने विभागीय इनपुट्स तथा हानि और क्षति रिपोर्ट भी 31 अक्टूबर तक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रस्तुत करने को भी कहा गया। बैठक में आपदा उपरांत आवश्यकता मूल्यांकन (पीडीएनए) पर भी चर्चा की गई, जिसमें भविष्य में आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण और पुनर्वास कार्यों के लिए पीडीएनए फ्रेमवर्क को लागू करने और सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया गया।बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ओम कांत ठाकुर, एसडीएम सदर राजदीप सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ जुड़े तमाम अधिकारियों को पूरी तत्परता के साथ इस अभियान को सफल बनाने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिला के बरठीं क्षेत्र में हुए दुखद बस हादसे में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने त्वरित कार्य करते हुए बेहतरीन कार्य पद्धति का परिचय दिया है। उन्होंने भविष्य में भी इसी तत्परता के साथ कार्य करने का आग्रह किया ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सके।
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उन्होंने बैठक में आगामी 17 अक्तूबर को होने वाली जिला एवं उपमंडल स्तरीय मॉक ड्रिल पर भी सभी विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय में मॉक ड्रिल का आयोजन राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर तथा राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर के परिसरों में किया जा रहा है। इस दौरान भूकंप तथा अग्निकांड जैसे परिदृश्यों के तहत आपदा की तैयारी को परखा जाएगा। उन्होंने मॉकड्रिल को लेकर सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों से आपातकालीन कार्य योजना के तहत कार्य करने तथा इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये।
उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों से समर्थ-2025 अभियान के तहत चलाई जा रही सभी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने तथा आपदा प्रबंधन में सभी के समन्वित प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने आपदा के दौरान सही एवं समयबद्ध सूचनाओं के संप्रेषण पर भी जोर दिया ताकि मीडिया के साथ-साथ आम जनमानस को भी सही व तथ्यात्मक जानकारी समयबद्ध प्राप्त हो सके।
इसके अतिरिक्त बैठक में राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के तहत विभागों को कार्य स्थिति रिपोर्ट और व्यय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए। साथ ही, जिला आपदा प्रबंधन योजना (डीडीएमपी) 2025-26 के तहत विभिन्न विभागों से अपने विभागीय इनपुट्स तथा हानि और क्षति रिपोर्ट भी 31 अक्टूबर तक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रस्तुत करने को भी कहा गया।
बैठक में आपदा उपरांत आवश्यकता मूल्यांकन (पीडीएनए) पर भी चर्चा की गई, जिसमें भविष्य में आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण और पुनर्वास कार्यों के लिए पीडीएनए फ्रेमवर्क को लागू करने और सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया गया।बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ओम कांत ठाकुर, एसडीएम सदर राजदीप सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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