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शिमला , 29 सितंबर [ विशाल सूद ] ! मानसून खत्म होने के बाद भी सेब सीजन अव्यवस्थित रहा है । एक और जहां बाजार में सेब के दाम काफी ज्यादा गिरे हैं वही हिमाचल बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) द्वारा किसानों से खरीदा गया हजारों टन सेब खरीद केन्द्रो पर ही सड़कों के किनारे सड़ता हुआ नजर आ रहा है। सेब की इस दुर्दशा का मुख्य कारण ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था का ठप्प होना और एचपीएमसी द्वारा समय पर नीलामी प्रक्रिया न कर पाना है। भाजपा प्रवक्ता व बागवान चेतन बराग़टा ने एचपीएमसी पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा है कि सड़कों में पडा सेब बागवानों का है और यदि इसे समय पर नीलाम अथवा प्रसंस्कृत नहीं किया गया तो आने वाले समय में बागवानों को एचपीएमसी से इसकी पेमेंट भी नहीं मिल पाएगी। एचपीएमसी बीते वर्ष की सेब की पेमेंट भी अभी तक नहीं कर पाया है ऐसे में इस वर्ष सड़कों में सड रहा यह सेब सरकार के लिए बड़ा राजस्व घाटा लेकर आ रहा है। भाजपा प्रवक्ता के अनुसार समय पर एचपीएमसी खरीद केंद्र न खुलना और नीलामी व ट्रांसपोर्टेशन में अव्यवस्था के चलते बागवानों ने खुली मंडीयो में सी ग्रेड सेब भेजना शुरू कर दिया इसलिए इस वर्ष अच्छे सेब के भाव में भारी गिरावट रही । जिस कारण बागवानों को उनकी अच्छी फसल का भी उचित मूल्य नहीं मिल पाया। अब तक एचपीएमसी प्रदेशभर में तकरीबन 40 हजार मीट्रिक टन सेब खरीद चुका हैं। खरीदे गए सेब में से करीब 25 मीट्रिक टन सेब का एचपीएमसी के प्रोसेसिंग प्लांट में प्रसंस्करण होना था जबकि बाकी सेब को नीलामी के माध्यम से बेचा जाना है ।
शिमला , 29 सितंबर [ विशाल सूद ] ! मानसून खत्म होने के बाद भी सेब सीजन अव्यवस्थित रहा है । एक और जहां बाजार में सेब के दाम काफी ज्यादा गिरे हैं वही हिमाचल बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) द्वारा किसानों से खरीदा गया हजारों टन सेब खरीद केन्द्रो पर ही सड़कों के किनारे सड़ता हुआ नजर आ रहा है। सेब की इस दुर्दशा का मुख्य कारण ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था का ठप्प होना और एचपीएमसी द्वारा समय पर नीलामी प्रक्रिया न कर पाना है।
भाजपा प्रवक्ता व बागवान चेतन बराग़टा ने एचपीएमसी पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा है कि सड़कों में पडा सेब बागवानों का है और यदि इसे समय पर नीलाम अथवा प्रसंस्कृत नहीं किया गया तो आने वाले समय में बागवानों को एचपीएमसी से इसकी पेमेंट भी नहीं मिल पाएगी। एचपीएमसी बीते वर्ष की सेब की पेमेंट भी अभी तक नहीं कर पाया है ऐसे में इस वर्ष सड़कों में सड रहा यह सेब सरकार के लिए बड़ा राजस्व घाटा लेकर आ रहा है।
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भाजपा प्रवक्ता के अनुसार समय पर एचपीएमसी खरीद केंद्र न खुलना और नीलामी व ट्रांसपोर्टेशन में अव्यवस्था के चलते बागवानों ने खुली मंडीयो में सी ग्रेड सेब भेजना शुरू कर दिया इसलिए इस वर्ष अच्छे सेब के भाव में भारी गिरावट रही । जिस कारण बागवानों को उनकी अच्छी फसल का भी उचित मूल्य नहीं मिल पाया।
अब तक एचपीएमसी प्रदेशभर में तकरीबन 40 हजार मीट्रिक टन सेब खरीद चुका हैं। खरीदे गए सेब में से करीब 25 मीट्रिक टन सेब का एचपीएमसी के प्रोसेसिंग प्लांट में प्रसंस्करण होना था जबकि बाकी सेब को नीलामी के माध्यम से बेचा जाना है ।
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