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शिमला , 18 नवंबर [ विशाल सूद ] !हिमाचल प्रदेश के 6297 स्कूलों में प्री-प्राइमरी (नर्सरी) शिक्षकों के पद रिक्त होने के मद्देनज़र, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व प्रांत महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर ने सरकार से जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को नर्सरी शिक्षक के रूप में नियुक्त करने की मांग की है। डॉ. पुंडीर ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में जूनियर बेसिक ट्रेनिंग कर चुके युवा दो वर्षों का सघन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद लंबे समय से बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर हजारों स्कूल प्री-प्राइमरी शिक्षकों के अभाव में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में भेजे गए 10,000 से अधिक नियुक्ति निवेदनों में से 9986 आवेदन अस्वीकृत किए जाने से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे के प्रति अपेक्षित संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है। डॉ. पुंडीर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रारंभिक बाल शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए स्थानीय, प्रशिक्षित एवं योग्य जेबीटी युवा नर्सरी स्तर पर सबसे उपयुक्त हैं। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश में बेरोजगारी में भी कमी आएगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस विषय पर एक स्थायी नीति बनाई जाए तथा हर स्कूल में प्री-प्राइमरी शिक्षक की अनिवार्य तैनाती सुनिश्चित की जाए।
शिमला , 18 नवंबर [ विशाल सूद ] !हिमाचल प्रदेश के 6297 स्कूलों में प्री-प्राइमरी (नर्सरी) शिक्षकों के पद रिक्त होने के मद्देनज़र, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व प्रांत महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर ने सरकार से जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को नर्सरी शिक्षक के रूप में नियुक्त करने की मांग की है।
डॉ. पुंडीर ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में जूनियर बेसिक ट्रेनिंग कर चुके युवा दो वर्षों का सघन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद लंबे समय से बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर हजारों स्कूल प्री-प्राइमरी शिक्षकों के अभाव में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
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उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में भेजे गए 10,000 से अधिक नियुक्ति निवेदनों में से 9986 आवेदन अस्वीकृत किए जाने से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे के प्रति अपेक्षित संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है।
डॉ. पुंडीर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रारंभिक बाल शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए स्थानीय, प्रशिक्षित एवं योग्य जेबीटी युवा नर्सरी स्तर पर सबसे उपयुक्त हैं। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश में बेरोजगारी में भी कमी आएगी।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस विषय पर एक स्थायी नीति बनाई जाए तथा हर स्कूल में प्री-प्राइमरी शिक्षक की अनिवार्य तैनाती सुनिश्चित की जाए।
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