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शिमला , 26 जून [ शिवानी ] ! आज एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों की मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। छात्र मांगों पर विस्तार से बात रखते हुए एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर सह सचिव कामरेड आशीष ने बताया कि 2013 के बाद से हिमाचल प्रदेश के अंदर छात्र संघ चुनाव बंद हैं जिस वजह से छात्र राजनीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है छात्रों को उनका प्रतिनिधित्व न मिल पाने के कारण छात्र अपनी मांगे सही तरीके से प्रशासन के सम्मुख नहीं रख पाते हैं और जिस कारण वर्तमान समय में छात्र राजनीति का स्वरूप लगातार बदलता जा रहा है। अतः स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया साफ तौर पर यह मांग करती है कि छात्रों के जनवादी अधिकार प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव को शीघ्र अति शीघ्र बहाल किया जाए ताकि छात्र राजनीति को वर्तमान समय में एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। एस एफ आई ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की अन्य समस्याओं जैसे कि छात्रावास की समस्या को लेकर उन्हें अवगत कराया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगभग 4000 के करीब छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं लेकिन वर्तमान समय में हम देखते हैं कि प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर तकरीबन 1200 छात्र छात्राओं को ही हॉस्टल की सुविधा मिल पाती है। प्रदेश का एकमात्र प्रमुख सरकारी विश्वविद्यालय होने के बावजूद यहां पर छात्रों को रहने की उचित व्यवस्था नहीं की गई है अतः जल्द से जल्द विश्वविद्यालय के नए छात्रावासों का निर्माण किया जाना चाहिए। एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष कामरेड अमन ने राज्यपाल के सम्मुख मांगे रखते हुए कहा कि आर टी आई के माध्यम से जानकारी मिली है कि विश्वविद्यालय में 70 प्रतिशत शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे भरे गए है जो लगातार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल खराब करने का कार्य करते हुए संघ के एजेंडे को लागू कर रहे है। विश्वविद्यालय के यह फर्जी शिक्षक सरेआम राजनीतिक गतिविधियों में भी भाग ले रहे है जो विश्वविद्यालय ऑर्डिनेंस का भी उल्लंघन है। अतः एस एफ आई मांग करती है कि इस फर्जी भर्ती की न्यायिक जांच की जानी चाहिए तथा राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए। एस एफ आई ने नई शिक्षा नीति को आम जन विरोधी बताते हुए कहा कि एन ई पी 2020 के माध्यम से शिक्षण संस्थानों का भगवाकरण किया जा रहा है। बाजार की वस्तु की तरह शिक्षा को बेचा जा रहा है जिसका उदाहरण हम वर्तमान में देखते हैं कि जो प्रगतिशील लेखक हैं उनकी किताबों को सिलेबस से हटाया जा रहा है उसके साथ-साथ एन ई पी के माध्यम से शिक्षा को लगातार निजी हाथों में सौंपने की कोशिश की जा रही है जिसका एस एफ आई खुले तौर पर विरोध करती है। एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सह सचिव आशीष ने आगे बात रखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 2019 के अंदर गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती की सीटों का विज्ञापन निकाला गया था लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा भर्ती नहीं करवाई गई उसके बाद 2021 के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती का पुन: विज्ञापन निकाला जाता है लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उस भर्ती को करवाने में नाकामयाब होता है जब एस एफ आई द्वारा गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती पर आरटीआई लगाई जाती है तो आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी आती है की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा लगभग 4.50 करोड रुपए छात्रों से लूटने का काम किया गया एसएफआई ने यह मांग की कि जल्द से जल्द गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती को करवाया जाए। इन तमाम मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सह सचिव कामरेड आशीष ने राज्यपाल जी से कहा कि इन तमाम मुद्दों पर संज्ञान लिया जाए ताकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आने वाली छात्रों की समस्याओं को हल किया जा सके।
शिमला , 26 जून [ शिवानी ] ! आज एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों की मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
छात्र मांगों पर विस्तार से बात रखते हुए एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर सह सचिव कामरेड आशीष ने बताया कि 2013 के बाद से हिमाचल प्रदेश के अंदर छात्र संघ चुनाव बंद हैं जिस वजह से छात्र राजनीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है छात्रों को उनका प्रतिनिधित्व न मिल पाने के कारण छात्र अपनी मांगे सही तरीके से प्रशासन के सम्मुख नहीं रख पाते हैं और जिस कारण वर्तमान समय में छात्र राजनीति का स्वरूप लगातार बदलता जा रहा है।
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अतः स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया साफ तौर पर यह मांग करती है कि छात्रों के जनवादी अधिकार प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव को शीघ्र अति शीघ्र बहाल किया जाए ताकि छात्र राजनीति को वर्तमान समय में एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा सकता है।
एस एफ आई ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की अन्य समस्याओं जैसे कि छात्रावास की समस्या को लेकर उन्हें अवगत कराया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगभग 4000 के करीब छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं लेकिन वर्तमान समय में हम देखते हैं कि प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर तकरीबन 1200 छात्र छात्राओं को ही हॉस्टल की सुविधा मिल पाती है।
प्रदेश का एकमात्र प्रमुख सरकारी विश्वविद्यालय होने के बावजूद यहां पर छात्रों को रहने की उचित व्यवस्था नहीं की गई है अतः जल्द से जल्द विश्वविद्यालय के नए छात्रावासों का निर्माण किया जाना चाहिए।
एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष कामरेड अमन ने राज्यपाल के सम्मुख मांगे रखते हुए कहा कि आर टी आई के माध्यम से जानकारी मिली है कि विश्वविद्यालय में 70 प्रतिशत शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे भरे गए है जो लगातार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल खराब करने का कार्य करते हुए संघ के एजेंडे को लागू कर रहे है।
विश्वविद्यालय के यह फर्जी शिक्षक सरेआम राजनीतिक गतिविधियों में भी भाग ले रहे है जो विश्वविद्यालय ऑर्डिनेंस का भी उल्लंघन है। अतः एस एफ आई मांग करती है कि इस फर्जी भर्ती की न्यायिक जांच की जानी चाहिए तथा राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।
एस एफ आई ने नई शिक्षा नीति को आम जन विरोधी बताते हुए कहा कि एन ई पी 2020 के माध्यम से शिक्षण संस्थानों का भगवाकरण किया जा रहा है। बाजार की वस्तु की तरह शिक्षा को बेचा जा रहा है जिसका उदाहरण हम वर्तमान में देखते हैं कि जो प्रगतिशील लेखक हैं उनकी किताबों को सिलेबस से हटाया जा रहा है उसके साथ-साथ एन ई पी के माध्यम से शिक्षा को लगातार निजी हाथों में सौंपने की कोशिश की जा रही है जिसका एस एफ आई खुले तौर पर विरोध करती है।
एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सह सचिव आशीष ने आगे बात रखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 2019 के अंदर गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती की सीटों का विज्ञापन निकाला गया था लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा भर्ती नहीं करवाई गई उसके बाद 2021 के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती का पुन: विज्ञापन निकाला जाता है लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उस भर्ती को करवाने में नाकामयाब होता है जब एस एफ आई द्वारा गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती पर आरटीआई लगाई जाती है तो आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी आती है की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा लगभग 4.50 करोड रुपए छात्रों से लूटने का काम किया गया एसएफआई ने यह मांग की कि जल्द से जल्द गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती को करवाया जाए।
इन तमाम मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सह सचिव कामरेड आशीष ने राज्यपाल जी से कहा कि इन तमाम मुद्दों पर संज्ञान लिया जाए ताकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आने वाली छात्रों की समस्याओं को हल किया जा सके।
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