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सोलन, 25 जून [ विशाल सूद ] ! भाजपा सोलन जिला द्वारा आयोजित आपातकाल के 50 वर्ष के कार्यक्रम का आयोजन बद्दी में होटल ज्योति में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप उपस्थित रहे।इस अवसर पर आपातकाल से संबधित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर सुरेश कश्यप ने कहा 1975 में आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया। इंदिरा गांधी ने 'आंतरिक अशांति' की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया, जबकि न उस समय कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी। जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया। कांग्रेस सरकार ने कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सहित लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को बंधक बनाकर सत्ता के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। प्रेस की स्वतंत्रता पर ऐसा हमला हुआ कि बड़े-बड़े अखबारों की बिजली काट दी गई, सेंसरशिप लगाई गई और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि वहां विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टीकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है। यह सब आपातकालीन सोच की ही उपज है। 'इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा' जैसे नारे कांग्रेस की उस मानसिकता को दर्शाते थे जिसके तहत इंदिरा गांधी ने देश को व्यक्ति-पूजा और परिवारवाद की प्रयोगशाला बना दिया था। इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप के साथ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव सहजल, प्रदेश उपाध्यक्ष रशिम धर सूद,जिला अध्यक्ष रतनसिंह पाल,पूर्व विधायक परमजीत सिंह,के.एल. ठाकुर,लखविंदर राणा, विनोद चंदेल,डॉ राजेश कश्यप,जिला परिषद के चेयरमैन रमेश ठाकुर,जिला महामंत्री बलबीर ठाकुर, भरत साहनी,डिप्टी मेयर मीरा आनंदउपाध्यक्ष अमर संधू,मण्डल अध्यक्ष मान सिंह मेहता,शैलेन्द्र गुप्ता,मदन मोहन मेहता,जोगिंद जिन्दू,शालिनी शर्मा,रीना भारद्वाज,राकेश ठाकुर, मदन ठाकुर,खेम चंद ठाकुर,शिव लाल वर्मा,प्रेम चंद ठाकुर,लक्ष्मी दत्त अत्रि,चन्द्रकान्त,सरवन चंदेल,इंदु वैध,संजीव ठाकूर, तरसेम चौधरी,डी आर चंदेल,राम गोपाल शर्मा,शिव लाल वर्मा,मोहन लाल गोयला,हरिचंद बटेढ़, देब राज चौधरी,रामदित्ता ठाकुर,पदम चाचा,मेहर चंद,सुरजन सैनी उपस्थित रहे।
सोलन, 25 जून [ विशाल सूद ] ! भाजपा सोलन जिला द्वारा आयोजित आपातकाल के 50 वर्ष के कार्यक्रम का आयोजन बद्दी में होटल ज्योति में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आपातकाल से संबधित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर सुरेश कश्यप ने कहा 1975 में आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया।
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इंदिरा गांधी ने 'आंतरिक अशांति' की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया, जबकि न उस समय कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी।
जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया।
कांग्रेस सरकार ने कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सहित लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को बंधक बनाकर सत्ता के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। प्रेस की स्वतंत्रता पर ऐसा हमला हुआ कि बड़े-बड़े अखबारों की बिजली काट दी गई, सेंसरशिप लगाई गई और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया।
आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि वहां विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टीकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है। यह सब आपातकालीन सोच की ही उपज है। 'इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा' जैसे नारे कांग्रेस की उस मानसिकता को दर्शाते थे जिसके तहत इंदिरा गांधी ने देश को व्यक्ति-पूजा और परिवारवाद की प्रयोगशाला बना दिया था।
इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप के साथ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव सहजल, प्रदेश उपाध्यक्ष रशिम धर सूद,जिला अध्यक्ष रतनसिंह पाल,पूर्व विधायक परमजीत सिंह,के.एल. ठाकुर,लखविंदर राणा, विनोद चंदेल,डॉ राजेश कश्यप,जिला परिषद के चेयरमैन रमेश ठाकुर,जिला महामंत्री बलबीर ठाकुर, भरत साहनी,डिप्टी मेयर मीरा आनंदउपाध्यक्ष अमर संधू,मण्डल अध्यक्ष मान सिंह मेहता,शैलेन्द्र गुप्ता,मदन मोहन मेहता,जोगिंद जिन्दू,शालिनी शर्मा,रीना भारद्वाज,राकेश ठाकुर, मदन ठाकुर,खेम चंद ठाकुर,शिव लाल वर्मा,प्रेम चंद ठाकुर,लक्ष्मी दत्त अत्रि,चन्द्रकान्त,सरवन चंदेल,इंदु वैध,संजीव ठाकूर, तरसेम चौधरी,डी आर चंदेल,राम गोपाल शर्मा,शिव लाल वर्मा,मोहन लाल गोयला,हरिचंद बटेढ़, देब राज चौधरी,रामदित्ता ठाकुर,पदम चाचा,मेहर चंद,सुरजन सैनी उपस्थित रहे।
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