इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे संजीव गांधी, विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच।
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शिमला , 03 जून [ विशाल सूद ] ! एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में शिमला के एसपी की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच ने एसपी शिमला की कार्यशैली पर गंभीर संदेह जताया है और पूछा है कि किसके इशारे पर एसपी संजीव गांधी हाई कोर्ट कोर्ट गए हैं। जब मामला सीबीआई को को सौंपे जाने के बाद आखिर एसपी संजीव कुमार गांधी इसमें दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं इसके पीछे कौन लोग हैं। शिमला में विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच की पत्रकार वार्ता के दौरान विमल नेगी के मामा राजेंद्र नेगी ने कहा कि आखिर एसपी शिमला किसके दबाव में काम कर रहे थे? शुरुआत से ही पुलिस की कारवाई में पारदर्शिता का अभाव रहा है और एफआईआर दर्ज होने के बावजूद शिमला पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है जैसे एसपी किसी विशेष दिशा में जांच को मोड़ना चाहते थे। जब पूरे प्रदेश की जनता सीबीआई जांच की मांग कर रही थी, तब भी एसपी शिमला की रिपोर्ट ने सच्चाई को दबाने का काम किया। एक जिला पुलिस प्रमुख को आखिर इस मामले में इतनी "उत्सुकता" क्यों थी, जबकि सरकार चुप्पी साधे बैठे थे? मामले की निष्पक्ष जांच केवल सीबीआई ही कर सकती है और अब जनता को सीबीआई से ही न्याय की उम्मीद है। ऐसे में अब सरकार सीबीआई जांच में रोड़े अटकाने के बजाय सहयोग देने का काम करे।
शिमला , 03 जून [ विशाल सूद ] ! एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में शिमला के एसपी की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच ने एसपी शिमला की कार्यशैली पर गंभीर संदेह जताया है और पूछा है कि किसके इशारे पर एसपी संजीव गांधी हाई कोर्ट कोर्ट गए हैं। जब मामला सीबीआई को को सौंपे जाने के बाद आखिर एसपी संजीव कुमार गांधी इसमें दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं इसके पीछे कौन लोग हैं।
शिमला में विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच की पत्रकार वार्ता के दौरान विमल नेगी के मामा राजेंद्र नेगी ने कहा कि आखिर एसपी शिमला किसके दबाव में काम कर रहे थे? शुरुआत से ही पुलिस की कारवाई में पारदर्शिता का अभाव रहा है और एफआईआर दर्ज होने के बावजूद शिमला पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है जैसे एसपी किसी विशेष दिशा में जांच को मोड़ना चाहते थे।
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जब पूरे प्रदेश की जनता सीबीआई जांच की मांग कर रही थी, तब भी एसपी शिमला की रिपोर्ट ने सच्चाई को दबाने का काम किया। एक जिला पुलिस प्रमुख को आखिर इस मामले में इतनी "उत्सुकता" क्यों थी, जबकि सरकार चुप्पी साधे बैठे थे? मामले की निष्पक्ष जांच केवल सीबीआई ही कर सकती है और अब जनता को सीबीआई से ही न्याय की उम्मीद है। ऐसे में अब सरकार सीबीआई जांच में रोड़े अटकाने के बजाय सहयोग देने का काम करे।
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