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शिमला , 31 मई ! आज हिमाचल प्रदेश एसएफआई का हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में राज्य अधिवेशन सम्पन हुआ। एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी का राज्य अधिवेशन विश्वविद्यालय शिमला में संपन्न हुआ। इस राज्य अधिवेशन में हिमाचल प्रदेश में छात्रों के मुद्दों और सरकार की नीतियों के चलते आ रही विभिन्न दिक्क्तो पर चर्चा की गई। इस राज्य अधिवेशन में बात रखते हुए एसएफआई अखिल भारतीय सह सचिव सृजन भट्टाचार्य ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आज पूरे देश में भाजपा सरकार सांप्रदायिकता का ज़हर घोलते हुए देश की एकता और अखंडता को तोड़ने का काम कर रही है। इसके साथ इन्होंने बात रखते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम भाजपा सरकार देश के लाखो युवाओ के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है देश में स्थाई रोजगार की नीति न लाकर आउटसोर्स जैसी नीतिया बनाने का काम कर रही है और इसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सस्ती लेबर तैयार करने जा रही है। इसके खिलाफ आने वाले समय में मजबूती के साथ लड़ने की ज़रूरत है। इस राज्य अधिवेशन में नवनियुक्त राज्य कमेटी का चयन किया गया जिसमें 33 सदस्य कमेटी का चुनाव किया गया और 11 सदस्य सचिवालय का चयन किया गया जिसमें अनिल ठाकुर, सन्नी सेकटा, उपेंद्र कुमार, कमल, सरिता राणा, पवन, रितेश, रोहित, दीपक, शिवांगी और नावेद का चुनाव किया गया। इस राज्य अधिवेशन से एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी अनिल ठाकुर को और राज्य सचिव की जिम्मेदारी सन्नी सेकटा को दी। इस राज्य अधिवेशन में अनिल ठाकुर और सन्नी सेकटा ने बात रखते हुए कहा कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चलते शिक्षा का निजीकरण करते हुए सार्वजनिक शिक्षा को खत्म करने का पूर्व में भाजपा सरकार ने और वर्तमान में कांग्रेस सरकार द्वारा करने का काम किया जा रहा है। जिसकी चलते आज छात्रों के जनवादी अधिकारों एससीए चुनाव को प्रदेश में बैन कर दिया गया है ताकि छात्रों की आवाज़ को दबाया जा सके। प्रदेश में आने वाले समय में छात्र संघ चुनाव की बहाली के लिए हिमाचल प्रदेश में छात्रों को लामबंद करते हुए इसकी बहाली के लिए आंदोलन तैयार किया जाएगा। इसके साथ-साथ प्रदेश में कुछ छात्रों के कुछ प्रमुख मुद्दे है जिसमें कॉलेजो में पीटीए फंड के नाम से छात्रों से लूट की जा रही है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पिछले तीन सालों से स्थाई कुलपति न होने के चलते विश्वविद्यालय में छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके साथ प्रदेश में स्थाई रोजगार बहुत बड़ा मुद्दा है जिस कारण प्रदेश का युवा बेरोजगार है। उन्होंने कहा की आने वाले समय में प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन तैयार करेंगे।
शिमला , 31 मई ! आज हिमाचल प्रदेश एसएफआई का हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में राज्य अधिवेशन सम्पन हुआ। एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी का राज्य अधिवेशन विश्वविद्यालय शिमला में संपन्न हुआ। इस राज्य अधिवेशन में हिमाचल प्रदेश में छात्रों के मुद्दों और सरकार की नीतियों के चलते आ रही विभिन्न दिक्क्तो पर चर्चा की गई।
इस राज्य अधिवेशन में बात रखते हुए एसएफआई अखिल भारतीय सह सचिव सृजन भट्टाचार्य ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आज पूरे देश में भाजपा सरकार सांप्रदायिकता का ज़हर घोलते हुए देश की एकता और अखंडता को तोड़ने का काम कर रही है। इसके साथ इन्होंने बात रखते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम भाजपा सरकार देश के लाखो युवाओ के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है देश में स्थाई रोजगार की नीति न लाकर आउटसोर्स जैसी नीतिया बनाने का काम कर रही है और इसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सस्ती लेबर तैयार करने जा रही है। इसके खिलाफ आने वाले समय में मजबूती के साथ लड़ने की ज़रूरत है।
इस राज्य अधिवेशन में नवनियुक्त राज्य कमेटी का चयन किया गया जिसमें 33 सदस्य कमेटी का चुनाव किया गया और 11 सदस्य सचिवालय का चयन किया गया जिसमें अनिल ठाकुर, सन्नी सेकटा, उपेंद्र कुमार, कमल, सरिता राणा, पवन, रितेश, रोहित, दीपक, शिवांगी और नावेद का चुनाव किया गया।
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इस राज्य अधिवेशन से एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी अनिल ठाकुर को और राज्य सचिव की जिम्मेदारी सन्नी सेकटा को दी। इस राज्य अधिवेशन में अनिल ठाकुर और सन्नी सेकटा ने बात रखते हुए कहा कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चलते शिक्षा का निजीकरण करते हुए सार्वजनिक शिक्षा को खत्म करने का पूर्व में भाजपा सरकार ने और वर्तमान में कांग्रेस सरकार द्वारा करने का काम किया जा रहा है। जिसकी चलते आज छात्रों के जनवादी अधिकारों एससीए चुनाव को प्रदेश में बैन कर दिया गया है ताकि छात्रों की आवाज़ को दबाया जा सके। प्रदेश में आने वाले समय में छात्र संघ चुनाव की बहाली के लिए हिमाचल प्रदेश में छात्रों को लामबंद करते हुए इसकी बहाली के लिए आंदोलन तैयार किया जाएगा।
इसके साथ-साथ प्रदेश में कुछ छात्रों के कुछ प्रमुख मुद्दे है जिसमें कॉलेजो में पीटीए फंड के नाम से छात्रों से लूट की जा रही है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पिछले तीन सालों से स्थाई कुलपति न होने के चलते विश्वविद्यालय में छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके साथ प्रदेश में स्थाई रोजगार बहुत बड़ा मुद्दा है जिस कारण प्रदेश का युवा बेरोजगार है। उन्होंने कहा की आने वाले समय में प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन तैयार करेंगे।
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