*पावर कॉरपोरेशन और केसीसी बैंक बने भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे*
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हमीरपुर, 1 अक्तूबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सुक्खू सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट, झूठी और नाकाम सरकार साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में प्रदेश में भ्रष्टाचार और परिवारवाद की फैक्ट्री खुल चुकी है और इसका सबसे बड़ा खामियाजा जनता भुगत रही है। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक और पावर कॉरपोरेशन भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे बन गए हैं और यहां भ्रष्टाचार और घोटालों के नित नए खुलासे हो रहे हैं. आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जहां कई जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी घटाकर करोड़ों देशवासियों को राहत दी है, वहीं हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ाकर आम जनता की जेब पर सीधा डाका डाला है। जनता को राहत देने के बजाय यह सरकार केवल अपने मित्रों पर मेहरबान है और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। राजेंद्र राणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को अपनी निजी संपत्ति समझ बैठी है और देहरा विधानसभा उपचुनाव में तो सुक्खू सरकार ने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाकर सरकारी खजाने को भी लूट लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी के पक्ष में वोट बटोरने के लिए कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक के जरिये 67 महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपये बांटे। यह न केवल भ्रष्टाचार है बल्कि लोकतंत्र की हत्या भी है। उन्होंने कहा कि न तो सरकार इसे घोटाला मान रही है और न ही खंडन कर रही है। इससे साफ है कि सुक्खू सरकार ने भ्रष्टाचार को जैसे कानूनी मान्यता दे दी हो।राजेंद्र राणा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के इशारे पर 44 करोड़ रुपये का एक होटल मात्र 24 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे प्रदेश के खजाने की लूट और डकैती है, जिससे सरकार की नीयत साफ झलकती है। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा पर सरकार को घेरते हुए राणा ने कहा कि हजारों घर उजड़ गए, परिवार तबाह हो गए, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी रही। उन्होंने कहा कि इसका कारण है अवैध बनकटन और वन माफिया का संरक्षण। नदियों में बहते कटे पेड़ और स्लीपर इस बात का सबूत हैं कि या तो सरकार असफल रही या फिर उसने खुद माफिया को संरक्षण दिया। राजेंद्र राणा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पावर कॉरपोरेशन में करोड़ों-अरबों रुपये के घोटाले खुलेआम चल रहे हैं। जब एक ईमानदार अफसर ने सच उजागर करना चाहा तो उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह सरकार सत्य बोलने वालों के लिए जानलेवा बन चुकी है। राजेंद्र राणा ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने न केवल जनता का विश्वास तोड़ा है बल्कि हिमाचल को कंगाली और तबाही की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रदेश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप साबित हुई है। राणा ने कटाक्ष किया— “जनता राहत चाहती है, लेकिन सरकार भ्रष्टाचार में राहत ढूंढ रही है। हिमाचल के लोग सब देख रहे हैं और आने वाले समय में इसका हिसाब जरूर देंगे।”
हमीरपुर, 1 अक्तूबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सुक्खू सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट, झूठी और नाकाम सरकार साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में प्रदेश में भ्रष्टाचार और परिवारवाद की फैक्ट्री खुल चुकी है और इसका सबसे बड़ा खामियाजा जनता भुगत रही है। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक और पावर कॉरपोरेशन भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे बन गए हैं और यहां भ्रष्टाचार और घोटालों के नित नए खुलासे हो रहे हैं.
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जहां कई जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी घटाकर करोड़ों देशवासियों को राहत दी है, वहीं हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ाकर आम जनता की जेब पर सीधा डाका डाला है। जनता को राहत देने के बजाय यह सरकार केवल अपने मित्रों पर मेहरबान है और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है।
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राजेंद्र राणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को अपनी निजी संपत्ति समझ बैठी है और देहरा विधानसभा उपचुनाव में तो सुक्खू सरकार ने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाकर सरकारी खजाने को भी लूट लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी के पक्ष में वोट बटोरने के लिए कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक के जरिये 67 महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपये बांटे। यह न केवल भ्रष्टाचार है बल्कि लोकतंत्र की हत्या भी है।
उन्होंने कहा कि न तो सरकार इसे घोटाला मान रही है और न ही खंडन कर रही है। इससे साफ है कि सुक्खू सरकार ने भ्रष्टाचार को जैसे कानूनी मान्यता दे दी हो।राजेंद्र राणा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के इशारे पर 44 करोड़ रुपये का एक होटल मात्र 24 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे प्रदेश के खजाने की लूट और डकैती है, जिससे सरकार की नीयत साफ झलकती है।
हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा पर सरकार को घेरते हुए राणा ने कहा कि हजारों घर उजड़ गए, परिवार तबाह हो गए, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी रही। उन्होंने कहा कि इसका कारण है अवैध बनकटन और वन माफिया का संरक्षण। नदियों में बहते कटे पेड़ और स्लीपर इस बात का सबूत हैं कि या तो सरकार असफल रही या फिर उसने खुद माफिया को संरक्षण दिया।
राजेंद्र राणा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पावर कॉरपोरेशन में करोड़ों-अरबों रुपये के घोटाले खुलेआम चल रहे हैं। जब एक ईमानदार अफसर ने सच उजागर करना चाहा तो उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह सरकार सत्य बोलने वालों के लिए जानलेवा बन चुकी है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने न केवल जनता का विश्वास तोड़ा है बल्कि हिमाचल को कंगाली और तबाही की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रदेश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप साबित हुई है।
राणा ने कटाक्ष किया— “जनता राहत चाहती है, लेकिन सरकार भ्रष्टाचार में राहत ढूंढ रही है। हिमाचल के लोग सब देख रहे हैं और आने वाले समय में इसका हिसाब जरूर देंगे।”
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