
• मॉक पार्लियामेंट में कॉलेज और स्कूलों के युवाओं ने लिया भाग • आपातकाल के समय जेल केट चुके प्रहरियों को केंद्र मंत्री ने किया सम्मानित
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शिमला, 26 जून [ विशाल सूद ] ! केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश द्वारा होटल पीटरहॉफ में किए गए। केंद्रीय मंत्री प्रार्थना 10:15 बजे सभा स्थल पर पहुंचे जहां उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया, उसके उपरांत उन्होंने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, साथ ही भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तिलक राज द्वारा आयोजित एक मॉक पार्लियामेंट का भी उद्घाटन किया जिसमें कालेज और स्कूलों के युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अंतिम कार्यक्रम आपातकाल पर संगोष्ठी का रहा। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, शिमला से सांसद सुरेश कश्यप, विधायक बलबीर वर्मा, कार्यक्रम सह योजक संजय सूद, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, जिला अध्यक्ष अरुण, केशव , शिमला जिला के प्रत्याशीगण, प्रदेश जिला एवं मंडल पदाधिकारी उपस्थित रहे, यह जानकारी भाजपा प्रदेश प्रभारी कर्ण नंदा द्वारा दी गई। इस दौरान एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया इसको संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक डॉ राजीव बिंदल कहा कि देश में संविधान की हत्या के 50 वर्ष आपातकाल का दंश याद रखना और याद दिलाना, दोनों जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस आज भी उसी तानाशाही मानसिकता के साथ जी रही है। हम सबको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए कि किस प्रकार कांग्रेस ने देश के लोकतंत्र को कुचलने की साजिश रची थी। लोकतंत्र के उपासकों ने किस प्रकार अपने प्राणों की परवाह न करते हुए संघर्ष को प्रकाशित कर कांग्रेस की इस साजिश को विफल किया था। "इंडिया इज़ इंदिरा और इंदिरा इज़ इंडिया" जैसे नारे कांग्रेस की उस मानसिकता को दर्शाते थे, जिसके तहत इंदिरा गांधी ने देश को व्यक्तिवाद और परिवारवाद की प्रयोगशाला बना दिया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस समझती है कि इस देश की सत्ता पर केवल एक और एक परिवार का ही हक है। तभी तो उसने अपनी सरकार के प्रधानमंत्री के ऊपर भी सुपर पीएम बिठा दिया था। आज भी कांग्रेस की मानसिकता वैसी ही है। एक गरीब का देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुँचना कांग्रेस से हज़म नहीं हो रहा है। कांग्रेस-शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल आज भी वही है, जो आपातकाल में था। विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टिकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है। इंदिरा गांधी जी ने जस्टिस एच.आर. खन्ना जैसे ईमानदार जज को सीनियर होने के बावजूद, मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया, क्योंकि उन्होंने इंदिरा सरकार के खिलाफ़ फैसला सुनाया था। कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया था कि जो भी अधिकारी या जज उनके इशारों पर न चले, उन्हें या तो हटा दिया जाए या तबादला कर दिया जाए। इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को महफूज़ रखने के लिए संविधान में अलोकतांत्रिक संशोधन कर उसकी मूल आत्मा को ही बदल दिया था। आपातकाल के दौरान यदि किसी नागरिक को गोली मार दी जाए, तब भी उसे अदालत में जाने का अधिकार नहीं था। किरेन रिजिजू ने कहा कि आज राहुल गांधी और कांग्रेस संविधान की झूठी दुहाई दे रहे हैं। आपातकाल के दौरान जेलों में बंद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम क्रिया-कर्म में शामिल होने तक की अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस ने आज तक आपातकाल लगाने और अपने किए पर कभी माफी नहीं माँगी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बाकायदा बहिष्कृत पत्रकारों की सूची जारी की थी, जिनकी डिबेट में भागीदारी पर कांग्रेस प्रवक्ताओं को रोक दिया गया था। जहाँ एक ओर वे अपने शासन में पत्रकारों पर मुकदमा करते हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष में होने पर उनका बहिष्कार करते हैं। आज के इस अवसर पर, मैं मेरी ओर से और भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से उन लोकतंत्र के सच्चे सिपाहियों को श्रद्धांजलि और धन्यवाद अर्पित करता हूँ, जिन्होंने आपातकाल जैसे अभिशाप से देश को मुक्त कराने के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने न केवल संविधान की रक्षा की, बल्कि देश की भी रक्षा की। कार्यक्रम में भाजपा ने आपातकाल के दौरान जेल में रहे इन लोगों को किया सम्मानित आपातकाल के समय जेल में रहे प्रहरियों या उनके परिवारजनों को सम्मानित किया गया। श्री सुरेश भारद्वाज, पूर्व मंत्री राधा रमण शास्त्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, स्व० श्री दौलत राम चौहान, पूर्व विधायक अत्र सिंह ठाकुर, भारत भूषण वैद, के०डी० श्रीधर, कृष्ण चंद शर्मा, स्व० श्री रमेश जोशी, स्व० श्री मदन गोपाल चितकारा, आचार्य प्रियतोष जी, गोकुल चंद मेहता, दुर्गा सिंह राठौर और स्व० श्री नारायण सिंह स्वामी को और उनके परिवार को सम्मानित किया गया।
शिमला, 26 जून [ विशाल सूद ] ! केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश द्वारा होटल पीटरहॉफ में किए गए। केंद्रीय मंत्री प्रार्थना 10:15 बजे सभा स्थल पर पहुंचे जहां उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया, उसके उपरांत उन्होंने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, साथ ही भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तिलक राज द्वारा आयोजित एक मॉक पार्लियामेंट का भी उद्घाटन किया जिसमें कालेज और स्कूलों के युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अंतिम कार्यक्रम आपातकाल पर संगोष्ठी का रहा।
उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, शिमला से सांसद सुरेश कश्यप, विधायक बलबीर वर्मा, कार्यक्रम सह योजक संजय सूद, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, जिला अध्यक्ष अरुण, केशव , शिमला जिला के प्रत्याशीगण, प्रदेश जिला एवं मंडल पदाधिकारी उपस्थित रहे, यह जानकारी भाजपा प्रदेश प्रभारी कर्ण नंदा द्वारा दी गई।
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इस दौरान एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया इसको संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक डॉ राजीव बिंदल कहा कि देश में संविधान की हत्या के 50 वर्ष आपातकाल का दंश याद रखना और याद दिलाना, दोनों जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस आज भी उसी तानाशाही मानसिकता के साथ जी रही है। हम सबको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए कि किस प्रकार कांग्रेस ने देश के लोकतंत्र को कुचलने की साजिश रची थी।
लोकतंत्र के उपासकों ने किस प्रकार अपने प्राणों की परवाह न करते हुए संघर्ष को प्रकाशित कर कांग्रेस की इस साजिश को विफल किया था। "इंडिया इज़ इंदिरा और इंदिरा इज़ इंडिया" जैसे नारे कांग्रेस की उस मानसिकता को दर्शाते थे, जिसके तहत इंदिरा गांधी ने देश को व्यक्तिवाद और परिवारवाद की प्रयोगशाला बना दिया था।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस समझती है कि इस देश की सत्ता पर केवल एक और एक परिवार का ही हक है। तभी तो उसने अपनी सरकार के प्रधानमंत्री के ऊपर भी सुपर पीएम बिठा दिया था। आज भी कांग्रेस की मानसिकता वैसी ही है। एक गरीब का देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुँचना कांग्रेस से हज़म नहीं हो रहा है। कांग्रेस-शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल आज भी वही है, जो आपातकाल में था। विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टिकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है।
इंदिरा गांधी जी ने जस्टिस एच.आर. खन्ना जैसे ईमानदार जज को सीनियर होने के बावजूद, मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया, क्योंकि उन्होंने इंदिरा सरकार के खिलाफ़ फैसला सुनाया था। कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया था कि जो भी अधिकारी या जज उनके इशारों पर न चले, उन्हें या तो हटा दिया जाए या तबादला कर दिया जाए। इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को महफूज़ रखने के लिए संविधान में अलोकतांत्रिक संशोधन कर उसकी मूल आत्मा को ही बदल दिया था। आपातकाल के दौरान यदि किसी नागरिक को गोली मार दी जाए, तब भी उसे अदालत में जाने का अधिकार नहीं था।
किरेन रिजिजू ने कहा कि आज राहुल गांधी और कांग्रेस संविधान की झूठी दुहाई दे रहे हैं। आपातकाल के दौरान जेलों में बंद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम क्रिया-कर्म में शामिल होने तक की अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस ने आज तक आपातकाल लगाने और अपने किए पर कभी माफी नहीं माँगी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बाकायदा बहिष्कृत पत्रकारों की सूची जारी की थी, जिनकी डिबेट में भागीदारी पर कांग्रेस प्रवक्ताओं को रोक दिया गया था।
जहाँ एक ओर वे अपने शासन में पत्रकारों पर मुकदमा करते हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष में होने पर उनका बहिष्कार करते हैं। आज के इस अवसर पर, मैं मेरी ओर से और भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से उन लोकतंत्र के सच्चे सिपाहियों को श्रद्धांजलि और धन्यवाद अर्पित करता हूँ, जिन्होंने आपातकाल जैसे अभिशाप से देश को मुक्त कराने के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने न केवल संविधान की रक्षा की, बल्कि देश की भी रक्षा की।
कार्यक्रम में भाजपा ने आपातकाल के दौरान जेल में रहे इन लोगों को किया सम्मानित आपातकाल के समय जेल में रहे प्रहरियों या उनके परिवारजनों को सम्मानित किया गया। श्री सुरेश भारद्वाज, पूर्व मंत्री राधा रमण शास्त्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, स्व० श्री दौलत राम चौहान, पूर्व विधायक अत्र सिंह ठाकुर, भारत भूषण वैद, के०डी० श्रीधर, कृष्ण चंद शर्मा, स्व० श्री रमेश जोशी, स्व० श्री मदन गोपाल चितकारा, आचार्य प्रियतोष जी, गोकुल चंद मेहता, दुर्गा सिंह राठौर और स्व० श्री नारायण सिंह स्वामी को और उनके परिवार को सम्मानित किया गया।
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