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ऊना ! भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण भारी जानमाल का नुकसान हुआ है। प्रदेश में भय की स्थिति पैदा हो गई है, राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बंद पड़ी है। आने जाने का साधन नहीं है, यहां तक कि ऊपरी हिमाचल में सेब की बंपर क्रॉप बगीचों में ही ठप पड़ी है उनको मंडियों तक पहुंचाना असंभव हो गया है। उन्होंने ओह की ऐसे समय में बिना विलंब मॉनसून सत्र बुलाना चाहिए और सभी विधायकों की खुली चर्चा होना अनिवार्य है। इस मॉनसून सत्र में सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों का नुकसान सदन के समक्ष रख सकते हैं और आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक ठोस नीति बनाई जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस विषय को पहले ही विधायक दल के माध्यम से उठाया है और भाजपा लगातार यह मांग कर रही है की मॉनसून सत्र होना चाहिए, पर सवाल यह उठता है कि सरकार इस विषय से क्यों बच रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू कहते हैं पहले आपदा से निपट लेंगे फिर मॉनसून सत्र बुलाएंगे यह गलत है, पहले इस सरकार ने सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई और अब मॉनसून सत्र को ताल रही हैं। कंवर ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि तुरंत मॉनसून बुलाना चाहिए, अब तो काग्रेस पार्टी में भी अलग-अलग स्वर उठने शुरू हो गए हैं। सुधीर शर्मा जो कि धर्मशाला से विधायक हैं उन्होंने भी साफ कहा है कि मॉनसून सत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का हनीमून पीरियड समाप्त हो गया है पर हनी तो बिल्कुल भी नहीं निकली है। कांग्रेस के विधायक स्वयं कह रहे हैं कि 8 महीने गुजर गए हैं पर धरातल पर कोई काम नहीं हो पा रहा है, सरकार मस्त है और जनता त्रस्त है। मैं साफ कहना चाहता हूं कि इस सरकार में आने वाले समय में भी कुछ नहीं होगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
ऊना ! भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण भारी जानमाल का नुकसान हुआ है। प्रदेश में भय की स्थिति पैदा हो गई है, राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बंद पड़ी है। आने जाने का साधन नहीं है, यहां तक कि ऊपरी हिमाचल में सेब की बंपर क्रॉप बगीचों में ही ठप पड़ी है उनको मंडियों तक पहुंचाना असंभव हो गया है।
उन्होंने ओह की ऐसे समय में बिना विलंब मॉनसून सत्र बुलाना चाहिए और सभी विधायकों की खुली चर्चा होना अनिवार्य है। इस मॉनसून सत्र में सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों का नुकसान सदन के समक्ष रख सकते हैं और आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक ठोस नीति बनाई जा सकती है।
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस विषय को पहले ही विधायक दल के माध्यम से उठाया है और भाजपा लगातार यह मांग कर रही है की मॉनसून सत्र होना चाहिए, पर सवाल यह उठता है कि सरकार इस विषय से क्यों बच रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू कहते हैं पहले आपदा से निपट लेंगे फिर मॉनसून सत्र बुलाएंगे यह गलत है, पहले इस सरकार ने सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई और अब मॉनसून सत्र को ताल रही हैं। कंवर ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि तुरंत मॉनसून बुलाना चाहिए, अब तो काग्रेस पार्टी में भी अलग-अलग स्वर उठने शुरू हो गए हैं। सुधीर शर्मा जो कि धर्मशाला से विधायक हैं उन्होंने भी साफ कहा है कि मॉनसून सत्र की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार का हनीमून पीरियड समाप्त हो गया है पर हनी तो बिल्कुल भी नहीं निकली है। कांग्रेस के विधायक स्वयं कह रहे हैं कि 8 महीने गुजर गए हैं पर धरातल पर कोई काम नहीं हो पा रहा है, सरकार मस्त है और जनता त्रस्त है। मैं साफ कहना चाहता हूं कि इस सरकार में आने वाले समय में भी कुछ नहीं होगा।
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