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चम्बा , 14 सितम्बर [ शिवानी ] !साइबर ठगों द्वारा लोगों के व्हाट्सएप एकाऊंट को हैक कर उनके मित्रों से किसी आपातकालीन समस्या का हवाला देते हुए अवैध रुप से पैसे की मांग की जा रही है। अपराधियों द्वारा इस प्रकार के अपराध को अंजाम देने के लिए नए नए तरीके का प्रयोग किया जा रहा है, साइबर पुलिस ने इस बारे में लोगों के लिए एडवाईजरी जारी की है। साईबर ठगों द्वारा लोगों के सिम को टू जी से फोर जी में अपग्रेड करने या नेटवर्क कनेक्टविटी को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए लोगों के पास ग्राहक सेवा अधिकारी बनकर फोन किया जाता है। जिसमें उपरोक्त समस्याओं के निराकरण हेतु लोगों को बेवकूफ बनाकर उनसे कॉल फावर्डिंग का कोड डायल कराया जाता है। जिससे सामने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर आने वाले सभी फोन , डायल कराये गये नंबर पर डायवर्ट हो जाती है। उदाहरण के लिए जैसे यदि किसी रिलायंस जियो के नंबर पर आने वाले सभी कॉल को डायवर्ट करना है तो मोबाइल में 401 (वह मोबाइल नंबर जिस पर कॉल डायवर्ट करनी है, डायल करने पर कॉल डायवर्ट हो जाती है। इसी प्रकार सभी टेलीकॉम कंपनियों के अलग-अलग डायवर्ट कोड हैं। इसके बाद साइबर अपराधियों द्वारा अपने मोबाइल में व्हाट्सएप को खोलकर उसमें पीडि़त के मोबाइल नंबर को डाला जाता है, मोबाइल नंबर वेरीफिकेशन व व्हाट्सएप एक्सेस के लिए सर्वप्रथम टेक्स्ट मैसेज जाता है। जब एप में ओटीपी नही डाली जाती तो कुछ समय पश्चात ओटीपी प्राप्त करने हेतु कॉल का ऑप्शन साइबर अपराधियों द्वारा चुना जाता है, जिसपर व्हाट्सएप द्वारा ओटीपी डिलीवर्ड करने हेतु कॉल किया!
चम्बा , 14 सितम्बर [ शिवानी ] !साइबर ठगों द्वारा लोगों के व्हाट्सएप एकाऊंट को हैक कर उनके मित्रों से किसी आपातकालीन समस्या का हवाला देते हुए अवैध रुप से पैसे की मांग की जा रही है। अपराधियों द्वारा इस प्रकार के अपराध को अंजाम देने के लिए नए नए तरीके का प्रयोग किया जा रहा है, साइबर पुलिस ने इस बारे में लोगों के लिए एडवाईजरी जारी की है।
साईबर ठगों द्वारा लोगों के सिम को टू जी से फोर जी में अपग्रेड करने या नेटवर्क कनेक्टविटी को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए लोगों के पास ग्राहक सेवा अधिकारी बनकर फोन किया जाता है। जिसमें उपरोक्त समस्याओं के निराकरण हेतु लोगों को बेवकूफ बनाकर उनसे कॉल फावर्डिंग का कोड डायल कराया जाता है। जिससे सामने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर आने वाले सभी फोन , डायल कराये गये नंबर पर डायवर्ट हो जाती है।
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उदाहरण के लिए जैसे यदि किसी रिलायंस जियो के नंबर पर आने वाले सभी कॉल को डायवर्ट करना है तो मोबाइल में 401 (वह मोबाइल नंबर जिस पर कॉल डायवर्ट करनी है, डायल करने पर कॉल डायवर्ट हो जाती है। इसी प्रकार सभी टेलीकॉम कंपनियों के अलग-अलग डायवर्ट कोड हैं। इसके बाद साइबर अपराधियों द्वारा अपने मोबाइल में व्हाट्सएप को खोलकर उसमें पीडि़त के मोबाइल नंबर को डाला जाता है, मोबाइल नंबर वेरीफिकेशन व व्हाट्सएप एक्सेस के लिए सर्वप्रथम टेक्स्ट मैसेज जाता है।
जब एप में ओटीपी नही डाली जाती तो कुछ समय पश्चात ओटीपी प्राप्त करने हेतु कॉल का ऑप्शन साइबर अपराधियों द्वारा चुना जाता है, जिसपर व्हाट्सएप द्वारा ओटीपी डिलीवर्ड करने हेतु कॉल किया!
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