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सोलन , ( बद्दी ) 24 दिसंबर [ पंकज गोल्डी ] ! दून विधानसभा क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र में खुले दफतरों को डी-नोटिफाइड करने पर महलोग सभा भडक गई है। सभा का कहना है कि भाजपा सरकार ने यह दफतर जनता की चिर लंबित मांगों पर पहाड़ी क्षेत्र की 26 पंचायतों के लोगों को सुविधा देने के लिए खोले थे न की अपनी मर्जी से । इन कार्यालयों के लिए जनता ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर लंबा संघर्ष किया था और चार दशक बाद यह दफ्तर तो कांग्रेस सरकार ने इनको बंद करके हमारे साथ कुठाराघात किया है। महलोग सभा (पंजी) के अध्यक्ष बुद्धि राम वर्मा और महामंत्री किशोर ठाकुर ने कहा कि दून विधानसभा का पहाडी क्षेत्र जहां औद्योगिक क्षेत्रों से मरहूम है वहीं वहां पर विकास नाम की भी बयार धीरे धीरे पहुंची है। जयराम सरकार ने यह कार्यालय जनता व पंचायत प्रतिनिधियों की मांग व कई बार ज्ञापन देने के बाद खोले थे। इन दफ्तरों में कोई बहुत बडा कार्यालय भी नहीं था बल्कि वो थे जिसमें छोटे छोटे काम होते थे और आम, गरीब व जरूरतमंद लोगों को फायदा था। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों के पटवार सर्कल बहुत दूर दराज थे और पहाड़ में 15-20 किमी दूर सफर करके जाना पडता था अब वही 1990 वाली स्थिति पैदा हो गई है। इसके अलावा कुठाड तहसील का दर्जा घटाकर उप तहसील करना पहाडी लोगों से सरासर धोखा है। पहाड़ी क्षेत्रों की सड़कों की दशा सुधारने के लिए पूर्व सरकार ने पटटा महलोग में लोक निर्माण विभाग का डिवीजन खोला था जहां से पूरा दून विस कंट्रोल होना था उसको अब हटा दिया गया है। अब लोगों को नालागढ़ व कसौली जाना पडेगा। किशोर ठाकुर ने कहा कि लोगों को यह भी आशंका है कि अगर पटटा में बैठा पंचायती राज विभाग का बीडीओ कार्यालय भी षड्यंत्रकारी चालों के चक्कर में बंद कर दिया जाएगा। किशोर ठाकुर ने कहा कि एक दून विस ही ऐसा था जहां का बीडीओ आफिस नहीं था और पंचायत प्रतिनिधियों को कसौली व नालागढ़ जाना पडता था। महलोग सभा ने कहा कि दफतर बंद करना दून की अवाम व पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों से सरासर धोखा है। सरकारी नियुक्तियों व प्रतिनिधियों पर सरकार हर माह करोडों रुपये खर्च करती है और उनको पेंशन तक का प्रावधान है लेकिन जो दफ्तर आम जनमानस से जुडा है उनको बंद करना तर्कसंगत नहीं है। --- बाक्स --- रविवार को होंगी हंगामी बैठक :- एकाएक प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा दून विधानसभा के विभिन्न सरकारी कार्यालयों को डी-नोटिफाइड करने को लेकर महलोग सभा की बैठक रविवार को पटटा महलोग में रखी गई है। इसमें 26 पंचायतों के नुमाइंदे शिरकत करेंगे और इस जनविरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। किशोर ठाकुर ने कहा कि पहले सरकार को इस दून विरोधी निर्णय बारे चेताया जाएगा और अगर फिर भी कांग्रेस सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला तो धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन , ( बद्दी ) 24 दिसंबर [ पंकज गोल्डी ] ! दून विधानसभा क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र में खुले दफतरों को डी-नोटिफाइड करने पर महलोग सभा भडक गई है। सभा का कहना है कि भाजपा सरकार ने यह दफतर जनता की चिर लंबित मांगों पर पहाड़ी क्षेत्र की 26 पंचायतों के लोगों को सुविधा देने के लिए खोले थे न की अपनी मर्जी से । इन कार्यालयों के लिए जनता ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर लंबा संघर्ष किया था और चार दशक बाद यह दफ्तर तो कांग्रेस सरकार ने इनको बंद करके हमारे साथ कुठाराघात किया है।
महलोग सभा (पंजी) के अध्यक्ष बुद्धि राम वर्मा और महामंत्री किशोर ठाकुर ने कहा कि दून विधानसभा का पहाडी क्षेत्र जहां औद्योगिक क्षेत्रों से मरहूम है वहीं वहां पर विकास नाम की भी बयार धीरे धीरे पहुंची है। जयराम सरकार ने यह कार्यालय जनता व पंचायत प्रतिनिधियों की मांग व कई बार ज्ञापन देने के बाद खोले थे।
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इन दफ्तरों में कोई बहुत बडा कार्यालय भी नहीं था बल्कि वो थे जिसमें छोटे छोटे काम होते थे और आम, गरीब व जरूरतमंद लोगों को फायदा था। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों के पटवार सर्कल बहुत दूर दराज थे और पहाड़ में 15-20 किमी दूर सफर करके जाना पडता था अब वही 1990 वाली स्थिति पैदा हो गई है। इसके अलावा कुठाड तहसील का दर्जा घटाकर उप तहसील करना पहाडी लोगों से सरासर धोखा है।
पहाड़ी क्षेत्रों की सड़कों की दशा सुधारने के लिए पूर्व सरकार ने पटटा महलोग में लोक निर्माण विभाग का डिवीजन खोला था जहां से पूरा दून विस कंट्रोल होना था उसको अब हटा दिया गया है। अब लोगों को नालागढ़ व कसौली जाना पडेगा। किशोर ठाकुर ने कहा कि लोगों को यह भी आशंका है कि अगर पटटा में बैठा पंचायती राज विभाग का बीडीओ कार्यालय भी षड्यंत्रकारी चालों के चक्कर में बंद कर दिया जाएगा।
किशोर ठाकुर ने कहा कि एक दून विस ही ऐसा था जहां का बीडीओ आफिस नहीं था और पंचायत प्रतिनिधियों को कसौली व नालागढ़ जाना पडता था। महलोग सभा ने कहा कि दफतर बंद करना दून की अवाम व पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों से सरासर धोखा है। सरकारी नियुक्तियों व प्रतिनिधियों पर सरकार हर माह करोडों रुपये खर्च करती है और उनको पेंशन तक का प्रावधान है लेकिन जो दफ्तर आम जनमानस से जुडा है उनको बंद करना तर्कसंगत नहीं है।
--- बाक्स --- रविवार को होंगी हंगामी बैठक :- एकाएक प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा दून विधानसभा के विभिन्न सरकारी कार्यालयों को डी-नोटिफाइड करने को लेकर महलोग सभा की बैठक रविवार को पटटा महलोग में रखी गई है। इसमें 26 पंचायतों के नुमाइंदे शिरकत करेंगे और इस जनविरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। किशोर ठाकुर ने कहा कि पहले सरकार को इस दून विरोधी निर्णय बारे चेताया जाएगा और अगर फिर भी कांग्रेस सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला तो धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया जाएगा।
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