Bootstrap
  • हिमाचल टीवी !
    • यूट्यूब चैनल !
    • लाइव टीवी चैनल !
  • क्षेत्र चुनें !
    • सभी
    • अन्य
    • बिलासपुर
    • चंबा
    • हमीरपुर
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • लाहौल-स्पिति
    • मंडी
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • उना
  • वीडियो !
  • मैं भी पत्रकार !
    • मैं भी पत्रकार !
    • डाउनलोड एंड्राइड ऐप !
    • डाउनलोड एप्पल ऐप !
    • विज्ञापन अपलोड करें !
  • शिकायत / सुझाव !
    • शिकायत समाधान अधिकारी !
    • शिकायत दर्ज करें !
    • सुझाव दे !
  • हमारे बारे में !
  • संपर्क करे !
  • हिमाचल टीवी !
    • यूट्यूब चैनल !
    • लाइव टीवी चैनल !
  • क्षेत्र चुनें !
      • सभी
      • अन्य
      • बिलासपुर
      • चंबा
      • हमीरपुर
      • काँगड़ा
      • किन्नौर
      • कुल्लू
      • लाहौल-स्पिति
      • मंडी
      • शिमला
      • सिरमौर
      • सोलन
      • उना

      Khabar Himachal Se

      शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !

      Khabar Himachal Se

      शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !

      Khabar Himachal Se

      लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !

      Khabar Himachal Se

      शिमला ! सीएम सुक्खू का विपक्ष पर पलटवार,बोले - विपक्ष में जाने के बाद आई कर्मचारियों की याद !

  • वीडियो !
    • खबर हिमाचल से ,वीडियो

      शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      शिमला ! सीएम सुक्खू का विपक्ष पर पलटवार,बोले - विपक्ष में जाने के बाद आई कर्मचारियों की याद !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      शिमला ! शरारती तत्वों ने तोड़े एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के शीशे,लोगों ने रात्रि गश्त लगाने की उठाई मांग !

  • मैं भी पत्रकार !
    • मैं भी पत्रकार !
    • डाउनलोड एंड्राइड ऐप !
    • डाउनलोड एप्पल ऐप !
    • विज्ञापन अपलोड करें !
  • शिकायत / सुझाव !
    • शिकायत समाधान अधिकारी !
    • शिकायत दर्ज करें !
    • सुझाव दे !
  • हमारे बारे में !
  • संपर्क करे !
खोजें

अभी प्रचलित

  • चम्बा ! भरमौर की पंचायत खणी के प्रसिद्ध पतरोडू मेला हुआ सम्पन्न !
  • चम्बा ! भरमौर की पंचायत खणी के प्रसिद्ध पतरोडू मेला हुआ सम्पन्न !
  • शिमला ! राजधानी में जल्द हटाए जाएंगे ख़तरा बन चुके पेड़- हरीश जनारथा !
  • शिमला ! राजधानी में जल्द हटाए जाएंगे ख़तरा बन चुके पेड़- हरीश जनारथा !
  • चम्बा ! राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय चम्बा में रक्तदान शिविर आयोजित !
  • शिमला ! नशा मुक्ति भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम आयोजित !
  • !! राशिफल 21 अगस्त 2025 गुरुवार !!
  • शिमला ! कर्मचारियों के डीए देनदारी पर विधानसभा में हंगामा,सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष,सदन से किया वॉकआउट !
  • शिमला ! शरारती तत्वों ने तोड़े एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के शीशे,लोगों ने रात्रि गश्त लगाने की उठाई मांग !
  • शिमला ! सीएम सुक्खू का विपक्ष पर पलटवार,बोले - विपक्ष में जाने के बाद आई कर्मचारियों की याद !
  • लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !
  • शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !
  • शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !
  • शिमला ! सरकार ने बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद् की स्थापना को मंज़ूरी दी !
  • शिमला ! हिमाचल में जल्द गठित हो सकता है कॉग्रेस का संगठन - नरेश चौहान !
  • चम्बा ! वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में ज़िला में विभिन्न परियोजनाओं पर 1500 करोड़ व्यय - कुलदीप सिंह पठानिया !
  • चम्बा ! भाजपा ने बनीखेत के सुभाष चंद व भरमौर के विनोद को सौंपा महामंत्री दायित्व !
  • शिमला ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ एवं गैर शिक्षक संघ ने कुलपति कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन !
  • मंडी ! भाजपा महामंत्री बनी मांचली ठाकुर व करण वीर, लगातार दूसरी बार राकेश वालिया को मिली भाजपा मीडिया प्रभारी की कमान !
  • कुल्लू ! नागरिक आपूर्ति निगम के थोक बिक्री केंद्र में घुसा पानी,गोदाम में रखा हुआ राशन हुआ खराब !
और अधिक खबरें

शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !

August 21, 2025 @ 08:18 pm

शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !

August 21, 2025 @ 08:10 pm

लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !

August 21, 2025 @ 07:48 pm

शिमला ! सीएम सुक्खू का विपक्ष पर पलटवार,बोले - विपक्ष में जाने के बाद आई कर्मचारियों की याद !

August 21, 2025 @ 07:11 pm
होम Khabar Himachal Seशिमला ! भारत के गौरवमयी इतिहास के रचयिता ‘‘ठाकुर राम सिंह’’106वीं जयंती !
  • खबर हिमाचल से

शिमला ! भारत के गौरवमयी इतिहास के रचयिता ‘‘ठाकुर राम सिंह’’106वीं जयंती !

द्वारा
विशाल सूद -
शिमला ( शिमला ) - February 15, 2021 @ 06:41 pm
0

- विज्ञापन (Article Top Ad) -

शिमला ! कुछ लोग इतिहास लिखते हैं और कुछ इतिहास रचते हैं और ऐसे ही इतिहास रचयिता थे ठाकुर राम सिंह। आज हम जानते हैं कि विश्वसनीयता को खोते जा रहे पाश्चात्य पैमानों पर जिस तरह इतिहासकार भारत के इतिहास का लेखन कर रहे आ रहे हैं वह न केवल भारत के गौरव को नष्ट करने वाला रहा, बल्कि विश्वगुरू के रूप भारत से विश्व को अध्यात्म, विज्ञान, कला, संस्कृति, योग, साहित्य और दर्शन के रूप में मिलने वाले मार्गदर्शन को भी अवरूद्ध करता रहा है। ठाकुर राम सिंह ने राष्ट्रीय विचार के धरातल पर भारतीय इतिहास के लेखन में मौजूद इन खामियों को न केवल पहचाना बल्कि उसके निराकरण के लिए साक्ष्यों के आधार पर भारतीय इतिहास-शास्त्र को विश्व पटल पर रखा। वेदों और मनवंतरों के आधार पर महाकाल, वर्ष प्रतिपदा, सृष्टि की उत्पत्ति और कालगणना जैसे जटिल सिद्धांतों को नवीन मापदंड़ों अनुसार सटिक व सरल शब्दों में रखा। परिणामस्वरूप इतिहासकारों को अब सही दिशा में इतिहास लिखने का अवसर मिल रहा है और भारतवासी को भी अपने गौरवमयी, कालजयी इतिहास को पहचान कर स्वाभिमान हो रहा है। वीरव्रती यशस्वी इतिहास पुरूष ठाकुर राम सिंह जी का जन्म विक्रमी संवत् 1971 के फाल्गुन मास की 4 प्रविष्टे तदनुसार माघ शुक्ल तृतीय, कलियुगाब्ध 5016 एवं ईस्वी सन् 16 फरवरी 1915 को वर्तमान हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के झण्डवीं गांव में माता नियातु की कोख से पिता भाग सिंह के घर में हुआ था। वहीं इस वर्ष 15 फरवरी 2021 को ठाकुर राम सिंह की 106वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर ठाकुर जगदेव सिंह शोध संस्थान नेरी, हमीरपुर में संस्थान और हिमाचल प्रदेश भाषा कला संस्कृति अकादमी, शिमला के तत्वावधान में तीसरे राज्य स्तरीय जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है। भारतवर्ष का गौरवशाली इतिहास सत्य तथ्यों के साथ प्रकाश में लाना ठाकुर रामसिंह जी का परम लक्ष्य रहा है। इसके लिए वे देशभर में निरंतर प्रवास करते रहे। लक्ष्य पूर्ति के ध्येय से वे आजीवन अपनी 96 वर्ष की आयु पर्यन्त कार्य करते रहे और असंख्य विद्वानों को लक्ष्य पूर्ति की अदम्य प्रेरणा देकर 6 सितम्बर, 2010 को इस लोक से चले गए। देशभक्ति की प्रेरणा से बने संघ के प्रचारक ठाकुर राम सिंह बाल्यकाल से ही प्रतिभाशाली और कुशाग्र बुद्धि से सम्पन्न थे। सन् 1941 में वे लाहौर में एफ.सी. महाविद्यालय में एम.ए. (इतिहास) के छात्र थे। उसी बीच वे सितम्बर 1941 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने। सन् 1942 में एम.ए. की अंतिम परीक्षा में इन्हें प्रथम स्थान अर्जित किया। इन्हें इसी महाविद्यालय द्वारा इतिहास प्रवक्ता के पद पर कार्य करने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उसको स्वीकार नहीं किया और राष्ट्रभक्ति प्रेरणा से ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बन गए। 1942 में लाहौर संघ शिक्षा वर्ग से 58 स्वयंसेवकों को प्रचारक का दायित्व दिया गया, जिसमें ठाकुर राम सिंह भी एक थे। इन्हें पंजाब के तत्कालीन प्रांत प्रचारक माधव राम मूले ने कांगड़ा के प्रचारक के तौर पर नियुक्त किया। ठाकुर राम सिंह सन् 1946 से 1971 तक करीब 22 वर्ष असम के प्रान्त प्रचारक रहे। इस दौरान इन्होंने पूर्वोत्तर भारत में संघ कार्य का कोने-कोने तक विस्तार किया। ठाकुर राम सिंह को सन् 1988 में भारतीय इतिहास संकलन की महत्वकांक्षी योजना को समुचित दिशा प्रदान करने की जिम्मेवारी मिली। 1992 में ये सर्वसम्मति से अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए और वर्ष सन् 2002 तक इस पद पर रहे। महाकाल सिद्धांत ठाकुर रामसिंह जी पाश्चात्य जगत के उस आरोप से बेहद आहत थे जिसमें पाश्चात्य चिन्तक ये सिद्ध करने में लगे रहे कि भारत का इतिहास कालगणना रहित है। उन्होंने पाश्चात्य जगत के इस चिन्तन को प्रमाणों के आधार पर निरस्त किया। उन्होंने वैदिक सिद्धांतों के प्रबल प्रमाणों के आधार पर 197 करोड़ वर्ष के भारतीय इतिहास के गौरवमयी प्रमाण विश्व के समक्ष रखे। पाश्चात्य जगत के सिद्धांतकारों के उस विचार पक्ष को समझा जहां से यह भ्रांति फैली कि भारत के चिन्तकों का कालक्रमिक इतिहास लिखना नहीं आता। ठाकुर रामसिंह जी ने अपने सिद्धांत में यह स्पष्ट किया कि भारत का कालक्रमिक इतिहास चार-पांच हजार वर्ष का नहीं, वह तो 197 करोड़ वर्ष के आदि बिन्दुओं से प्रारम्भ होता है। उन्होंने वैदिक प्रमाणों के आधार पर कहा- ‘‘हिरण्यगर्भ के विस्फोटित विश्व द्रव्य से जब सृष्टि का चक्र शुरू हुआ तो सर्वप्रथम कालपुरूष (काल) की स्थापना हुई और लाखों वर्षाें के बाद जब मनुष्य जीवनयापन करने की सभी साधनभूत आवश्यकताएं पूर्ण हो गई तो मानव उत्पत्ति हुई। अतः भारत में प्रकृति का इतिहास और पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति का इतिहास कालक्रम में ऋषि दर्शन में आया। ऋषियों ने दोनों प्रकार के इतिहास को श्रौत परम्परा से छन्दोबद्ध किया। इसी कारण भारत के गौरवमयी इतिहास को ईसा पूर्व (बी.सी.) और ईस्वी सन् (ए.डी.) के कालक्रम से नहीं लिखा जा सकता।’’ सृष्टि एवं वर्ष प्रतिपदा (नववर्ष) ठाकुर रामसिंह जी की चिन्तनभूमि का दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष है सृष्टि की उत्पति। वेदों और शास्त्रों के प्रबल प्रमाणों के आधार पर उनका चिन्तन था कि सृष्टि, स्थिति और लय इतिहास के तीन महान बिन्दु हैं। ब्रह्मपुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है ; चैत्र मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेऽहिन्। शुक्ल पक्षे समग्रं तु तदा सूर्योदये सति।। अर्थात ब्रह्मा ने चैत्र मास में शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन सूर्योदय काल में सृष्टि की रचना की। काल का यह क्षण चैत्र मास शुक्ल पक्ष वर्ष प्रतिपदा (नववर्ष) के रूप में था। इस तरह आज से 1 अरब, 97 करोड़, 29 लाख, 46 हजार, 127 वर्ष पूर्व (ईस्वी सन् के अनुसार) भारत भूमि पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही पहले मानव का अर्विभाव हुआ। अतः यह दिन सम्पूर्ण मानव कुल का प्रथम दिवस है। भारतीय इतिहास शास्त्र की चिन्तनधारा ठाकुर राम सिंह इतिहास को शास्त्र करते थे। उन्होंने प्रमाणित किया कि भारतीय चिन्तनधारा इतिहास को कला नहीं अपितु विज्ञान और शास्त्र मानती है। इसके वे दो कारण व प्रमाण प्रस्तुत करते हैं- पहला इतिहास की विषय वस्तु प्रकृति अथवा सृष्टि के इतिहास से आरंभ होती है। जिसमें सम्पूर्ण विज्ञान निहित है। इसी कारण भारतीय परम्परा में इतिहास-पुराण को पञ्चम वेद कहा गया है- इतिहासपुराणे पञ्चमो वेदः। दूसरा कारण है मानव की उत्पत्ति और उसका प्रसारण है। इसी कारण मानव वंश परम्परा पुराणों में प्रतिपादित है। इन्ही दो कारणों के बल पर इतिहास को शास्त्र की संज्ञा दी गई। ईसापूर्व और ईस्वीसन् के आधार पर भारतीय इतिहास लिखने पर आपत्ति ठाकुर राम सिंह का मत था कि इतिहासकार ईसापूर्व और ईस्वीसन् के आधार पर अपने-अपने देशों का इतिहास लिखें, इस पर हमें आपत्ति नहीं। लेकिन जब ये चिंतक भारत के इतिहास को भी इसी दृष्टिकोण से लिखने का प्रयास करते हैं तो वह मिथ्या साबित होता है। जो साबित करता है कि इतिहास की तत्व दृष्टि काल के तत्वदर्शन पर आधारित है। जिससे महर्षि कणाद् ने काल को 9 तत्वों में परिगणित किया। बाईबल ग्रंथ ने पृथ्वी की उत्पत्ति 6000 वर्ष पूर्व होने का संकेत किया। अशर नामक पादरी ने 16वीं शताब्दी में ये घोषणा कर दी थी कि विश्व की उत्पत्ति 4000 वर्ष पूर्व हुई। यह मिथक आगे चलकर इतिहास लेखन का तत्व बन गया। विज्ञान ने जैसे-जैसे सृष्टि और ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के प्रमाण खोजने आरम्भ किए वैसे-वैसे इतिहास लेखन के ये दृष्टिकोण स्वयं ही निरस्त होने लगे। इतिहास शास्त्र के चिंतन पर अवश्य निकट आएगा पाश्चात्य जगत पाश्चात्य वैज्ञानिक हैम्होल्टज ने अपने शोध में पृथ्वी की आयु 1 करोड़ 70 लाख वर्ष पूर्व घोषित कर डाली तो वहां उनका विरोध होना स्वाभाविक था। जबकि आज विज्ञान भारत के ऋषियों द्वारा दर्शित कालगणना के सिद्धांतों के निकट है। ठाकुर राम सिंह अपने वैचारिक चिन्तन से बहुत स्पष्ट थे कि पाश्चात्य जगत का इतिहास चिन्तन एक दिन भारत के इतिहास शास्त्र के चिन्तन के निकट अवश्व ही आएगा।

शिमला ! कुछ लोग इतिहास लिखते हैं और कुछ इतिहास रचते हैं और ऐसे ही इतिहास रचयिता थे ठाकुर राम सिंह। आज हम जानते हैं कि विश्वसनीयता को खोते जा रहे पाश्चात्य पैमानों पर जिस तरह इतिहासकार भारत के इतिहास का लेखन कर रहे आ रहे हैं वह न केवल भारत के गौरव को नष्ट करने वाला रहा, बल्कि विश्वगुरू के रूप भारत से विश्व को अध्यात्म, विज्ञान, कला, संस्कृति, योग, साहित्य और दर्शन के रूप में मिलने वाले मार्गदर्शन को भी अवरूद्ध करता रहा है। ठाकुर राम सिंह ने राष्ट्रीय विचार के धरातल पर भारतीय इतिहास के लेखन में मौजूद इन खामियों को न केवल पहचाना बल्कि उसके निराकरण के लिए साक्ष्यों के आधार पर भारतीय इतिहास-शास्त्र को विश्व पटल पर रखा। वेदों और मनवंतरों के आधार पर महाकाल, वर्ष प्रतिपदा, सृष्टि की उत्पत्ति और कालगणना जैसे जटिल सिद्धांतों को नवीन मापदंड़ों अनुसार सटिक व सरल शब्दों में रखा। परिणामस्वरूप इतिहासकारों को अब सही दिशा में इतिहास लिखने का अवसर मिल रहा है और भारतवासी को भी अपने गौरवमयी, कालजयी इतिहास को पहचान कर स्वाभिमान हो रहा है।

वीरव्रती यशस्वी इतिहास पुरूष ठाकुर राम सिंह जी का जन्म विक्रमी संवत् 1971 के फाल्गुन मास की 4 प्रविष्टे तदनुसार माघ शुक्ल तृतीय, कलियुगाब्ध 5016 एवं ईस्वी सन् 16 फरवरी 1915 को वर्तमान हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के झण्डवीं गांव में माता नियातु की कोख से पिता भाग सिंह के घर में हुआ था। वहीं इस वर्ष 15 फरवरी 2021 को ठाकुर राम सिंह की 106वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर ठाकुर जगदेव सिंह शोध संस्थान नेरी, हमीरपुर में संस्थान और हिमाचल प्रदेश भाषा कला संस्कृति अकादमी, शिमला के तत्वावधान में तीसरे राज्य स्तरीय जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है। भारतवर्ष का गौरवशाली इतिहास सत्य तथ्यों के साथ प्रकाश में लाना ठाकुर रामसिंह जी का परम लक्ष्य रहा है। इसके लिए वे देशभर में निरंतर प्रवास करते रहे। लक्ष्य पूर्ति के ध्येय से वे आजीवन अपनी 96 वर्ष की आयु पर्यन्त कार्य करते रहे और असंख्य विद्वानों को लक्ष्य पूर्ति की अदम्य प्रेरणा देकर 6 सितम्बर, 2010 को इस लोक से चले गए।

- विज्ञापन (Article Inline Ad) -

देशभक्ति की प्रेरणा से बने संघ के प्रचारक

ठाकुर राम सिंह बाल्यकाल से ही प्रतिभाशाली और कुशाग्र बुद्धि से सम्पन्न थे। सन् 1941 में वे लाहौर में एफ.सी. महाविद्यालय में एम.ए. (इतिहास) के छात्र थे। उसी बीच वे सितम्बर 1941 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने। सन् 1942 में एम.ए. की अंतिम परीक्षा में इन्हें प्रथम स्थान अर्जित किया। इन्हें इसी महाविद्यालय द्वारा इतिहास प्रवक्ता के पद पर कार्य करने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उसको स्वीकार नहीं किया और राष्ट्रभक्ति प्रेरणा से ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बन गए। 1942 में लाहौर संघ शिक्षा वर्ग से 58 स्वयंसेवकों को प्रचारक का दायित्व दिया गया, जिसमें ठाकुर राम सिंह भी एक थे। इन्हें पंजाब के तत्कालीन प्रांत प्रचारक माधव राम मूले ने कांगड़ा के प्रचारक के तौर पर नियुक्त किया। ठाकुर राम सिंह सन् 1946 से 1971 तक करीब 22 वर्ष असम के प्रान्त प्रचारक रहे। इस दौरान इन्होंने पूर्वोत्तर भारत में संघ कार्य का कोने-कोने तक विस्तार किया। ठाकुर राम सिंह को सन् 1988 में भारतीय इतिहास संकलन की महत्वकांक्षी योजना को समुचित दिशा प्रदान करने की जिम्मेवारी मिली। 1992 में ये सर्वसम्मति से अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए और वर्ष सन् 2002 तक इस पद पर रहे।

महाकाल सिद्धांत

ठाकुर रामसिंह जी पाश्चात्य जगत के उस आरोप से बेहद आहत थे जिसमें पाश्चात्य चिन्तक ये सिद्ध करने में लगे रहे कि भारत का इतिहास कालगणना रहित है। उन्होंने पाश्चात्य जगत के इस चिन्तन को प्रमाणों के आधार पर निरस्त किया। उन्होंने वैदिक सिद्धांतों के प्रबल प्रमाणों के आधार पर 197 करोड़ वर्ष के भारतीय इतिहास के गौरवमयी प्रमाण विश्व के समक्ष रखे। पाश्चात्य जगत के सिद्धांतकारों के उस विचार पक्ष को समझा जहां से यह भ्रांति फैली कि भारत के चिन्तकों का कालक्रमिक इतिहास लिखना नहीं आता। ठाकुर रामसिंह जी ने अपने सिद्धांत में यह स्पष्ट किया कि भारत का कालक्रमिक इतिहास चार-पांच हजार वर्ष का नहीं, वह तो 197 करोड़ वर्ष के आदि बिन्दुओं से प्रारम्भ होता है। उन्होंने वैदिक प्रमाणों के आधार पर कहा- ‘‘हिरण्यगर्भ के विस्फोटित विश्व द्रव्य से जब सृष्टि का चक्र शुरू हुआ तो सर्वप्रथम कालपुरूष (काल) की स्थापना हुई और लाखों वर्षाें के बाद जब मनुष्य जीवनयापन करने की सभी साधनभूत आवश्यकताएं पूर्ण हो गई तो मानव उत्पत्ति हुई। अतः भारत में प्रकृति का इतिहास और पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति का इतिहास कालक्रम में ऋषि दर्शन में आया। ऋषियों ने दोनों प्रकार के इतिहास को श्रौत परम्परा से छन्दोबद्ध किया। इसी कारण भारत के गौरवमयी इतिहास को ईसा पूर्व (बी.सी.) और ईस्वी सन् (ए.डी.) के कालक्रम से नहीं लिखा जा सकता।’’

सृष्टि एवं वर्ष प्रतिपदा (नववर्ष)

ठाकुर रामसिंह जी की चिन्तनभूमि का दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष है सृष्टि की उत्पति। वेदों और शास्त्रों के प्रबल प्रमाणों के आधार पर उनका चिन्तन था कि सृष्टि, स्थिति और लय इतिहास के तीन महान बिन्दु हैं। ब्रह्मपुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है ; चैत्र मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेऽहिन्। शुक्ल पक्षे समग्रं तु तदा सूर्योदये सति।। अर्थात ब्रह्मा ने चैत्र मास में शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन सूर्योदय काल में सृष्टि की रचना की। काल का यह क्षण चैत्र मास शुक्ल पक्ष वर्ष प्रतिपदा (नववर्ष) के रूप में था। इस तरह आज से 1 अरब, 97 करोड़, 29 लाख, 46 हजार, 127 वर्ष पूर्व (ईस्वी सन् के अनुसार) भारत भूमि पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही पहले मानव का अर्विभाव हुआ। अतः यह दिन सम्पूर्ण मानव कुल का प्रथम दिवस है।

भारतीय इतिहास शास्त्र की चिन्तनधारा

ठाकुर राम सिंह इतिहास को शास्त्र करते थे। उन्होंने प्रमाणित किया कि भारतीय चिन्तनधारा इतिहास को कला नहीं अपितु विज्ञान और शास्त्र मानती है। इसके वे दो कारण व प्रमाण प्रस्तुत करते हैं- पहला इतिहास की विषय वस्तु प्रकृति अथवा सृष्टि के इतिहास से आरंभ होती है। जिसमें सम्पूर्ण विज्ञान निहित है। इसी कारण भारतीय परम्परा में इतिहास-पुराण को पञ्चम वेद कहा गया है- इतिहासपुराणे पञ्चमो वेदः। दूसरा कारण है मानव की उत्पत्ति और उसका प्रसारण है। इसी कारण मानव वंश परम्परा पुराणों में प्रतिपादित है। इन्ही दो कारणों के बल पर इतिहास को शास्त्र की संज्ञा दी गई।

ईसापूर्व और ईस्वीसन् के आधार पर भारतीय इतिहास लिखने पर आपत्ति

ठाकुर राम सिंह का मत था कि इतिहासकार ईसापूर्व और ईस्वीसन् के आधार पर अपने-अपने देशों का इतिहास लिखें, इस पर हमें आपत्ति नहीं। लेकिन जब ये चिंतक भारत के इतिहास को भी इसी दृष्टिकोण से लिखने का प्रयास करते हैं तो वह मिथ्या साबित होता है। जो साबित करता है कि इतिहास की तत्व दृष्टि काल के तत्वदर्शन पर आधारित है। जिससे महर्षि कणाद् ने काल को 9 तत्वों में परिगणित किया। बाईबल ग्रंथ ने पृथ्वी की उत्पत्ति 6000 वर्ष पूर्व होने का संकेत किया। अशर नामक पादरी ने 16वीं शताब्दी में ये घोषणा कर दी थी कि विश्व की उत्पत्ति 4000 वर्ष पूर्व हुई। यह मिथक आगे चलकर इतिहास लेखन का तत्व बन गया। विज्ञान ने जैसे-जैसे सृष्टि और ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के प्रमाण खोजने आरम्भ किए वैसे-वैसे इतिहास लेखन के ये दृष्टिकोण स्वयं ही निरस्त होने लगे।

इतिहास शास्त्र के चिंतन पर अवश्य निकट आएगा पाश्चात्य जगत

पाश्चात्य वैज्ञानिक हैम्होल्टज ने अपने शोध में पृथ्वी की आयु 1 करोड़ 70 लाख वर्ष पूर्व घोषित कर डाली तो वहां उनका विरोध होना स्वाभाविक था। जबकि आज विज्ञान भारत के ऋषियों द्वारा दर्शित कालगणना के सिद्धांतों के निकट है। ठाकुर राम सिंह अपने वैचारिक चिन्तन से बहुत स्पष्ट थे कि पाश्चात्य जगत का इतिहास चिन्तन एक दिन भारत के इतिहास शास्त्र के चिन्तन के निकट अवश्व ही आएगा।

साझा

- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -

अगला लेख शिमला ! आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ओर सहायिकाओं ने धरना प्रदर्शन किया !
पिछला लेख ऊना ! (जेबीटी) के 40 पद बैच आधार पर अनुबंध पर भरे जाने हैं।

- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -

लोकप्रिय खबरें/Popular News

चम्बा ! भरमौर की पंचायत खणी के प्रसिद्ध पतरोडू मेला हुआ सम्पन्न !

August 20, 2025 @ 08:10 pm

चम्बा ! भरमौर की पंचायत खणी के प्रसिद्ध पतरोडू मेला हुआ सम्पन्न !

August 20, 2025 @ 08:10 pm

शिमला ! राजधानी में जल्द हटाए जाएंगे ख़तरा बन चुके पेड़- हरीश जनारथा !

August 20, 2025 @ 08:47 pm

शिमला ! राजधानी में जल्द हटाए जाएंगे ख़तरा बन चुके पेड़- हरीश जनारथा !

August 20, 2025 @ 09:05 pm

- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -

वीडियो/Videos

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! सीएम सुक्खू का विपक्ष पर पलटवार,बोले - विपक्ष में जाने के बाद आई कर्मचारियों की याद !

- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -

ताज़ा खबरें/Latest News
  • सभी
  • अन्य
  • बिलासपुर
  • चंबा
  • हमीरपुर
  • काँगड़ा
  • किन्नौर
  • अधिक
    • अन्य
    • बिलासपुर
    • चंबा
    • हमीरपुर
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • लाहौल-स्पिति
    • मंडी
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • उना

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !

विशाल सूद-August 21, 2025 @ 08:18 pm

0
शिमला , 21 अगस्त [ विशाल सूद ] !हिमाचल प्रदेश में बिजली के बिलों को लेकर सदन से

शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !

August 21, 2025 @ 08:10 pm

लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !

August 21, 2025 @ 07:48 pm

शिमला ! सीएम सुक्खू का विपक्ष पर पलटवार,बोले - विपक्ष में जाने के बाद आई कर्मचारियों की याद !

August 21, 2025 @ 07:11 pm

शिमला ! शरारती तत्वों ने तोड़े एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के शीशे,लोगों ने रात्रि गश्त लगाने की उठाई मांग !

August 21, 2025 @ 02:46 pm
संबंधित लेख लेखक से और अधिक

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! हिमाचल में बिजली के लाखों के बिलों पर सियासत,10 माननीयों को आया 17 लाख से ज्यादा का बिल !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! सदन में गूंजा अटल आयुर्वेदिक एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट करने का मामला !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

लाहौल ! सैनिक सम्मान के साथ दी गई शहीद अरुण को आखिरी विदाई, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान !

साक्षात्कार और रिपोर्ट/Interviews & Reports

खबर हिमाचल से ,Video,रिपोर्ट और साक्षात्कार

लाहौल ! भुंतर भवन स्ट्रांग रूम में शिफ्ट की गई ईवीएम मशीनें !

खबर हिमाचल से ,Video,रिपोर्ट,रिपोर्ट और साक्षात्कार

मंडी की मुरारी धार को पर्यटन की दृष्टि से देश के मानचित्र पर लाने की जरूरत !

Video,रिपोर्ट और साक्षात्कार

ननखड़ी ! सरकार के दो साल का कार्यकाल पुरा होने पर हिम आधार लोक कला मंच ने चलाया जागरूकता अभियान।

Video,रिपोर्ट और साक्षात्कार

मंडी ! राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद पीएम मोदी का आभार व्यक्त करता है- लेखराज राणा !

- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -

रोजगार/Employment

  • चम्बा ! जिला रोजगार कार्यालय चम्बा द्वारा 16 व 17 अप्रैल को होगा कैंपस इंटरव्यू का आयोजन !

    April 7, 2025 @ 09:33 pm
  • शिमला ! राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, शिमला में रोज़गार मेले का किया आयोजन  ! 

    August 7, 2024 @ 09:27 pm
  • शिमला ! विदेश में नौकरी करने के लिए होने जा रहे हैं साक्षात्कार !   

    May 6, 2024 @ 06:24 pm

नतीजे/Results

  • हिमाचल ! बिजली बोर्ड को मिले 154 कनिष्ठ अभियंता, स्टाफ नर्स भर्ती का परिणाम घोषित !

    March 30, 2022 @ 12:23 pm
  • हमीरपुर ! इलेक्ट्रीशियन और रिस्टोरर के पदों के लिए ली गई परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित !

    January 4, 2022 @ 06:04 pm
  • हमीरपुर ! स्टोर कीपर पोस्ट कोड 878 की परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित !

    January 4, 2022 @ 11:29 am

मोबाइल एप्लिकेशन/Mobile App

प्रस्तावना !

#KhabarHimachalSe आपके सामने प्रस्तुत है एक सच्चे और ईमानदार प्रयास के साथ ! "खबर हिमाचल से" समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सदैव प्रयतनशील है ! यह मात्र सामान्य न्यूज़ पोर्टल ही नहीं जो ख़बरें कापी पेस्ट करता रहेगा बल्कि जनता की आवाज़ को प्रदेश के हाकिमों तक पहुँचाने की लड़ाई भी लड़ेगा । "खबर हिमाचल से" किसी विभाग/ अधिकारी/ सरकार के उत्पीड़न के विरूद्ध जनता के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर खड़ा नज़र आएगा।

"सबका स्थान, एक समान" - "हमारी शक्ति, आपका प्रोत्साहन" !

हमें संपर्क करें: [email protected]

हमारा अनुसरण करे ! !

© 2017 - 2025 Khabar Himachal Se
  • Privacy Policy
  • Rules & Regulation
  • हमारे बारे में !
  • विज्ञापन
  • संपर्क करे !