फतेहपुर की बैठक में राकेश सिंघा का हमला — 339 गांव डूबे, 75 हजार एकड़ जमीन गई, पर न्याय आज भी दूर 18 दिसंबर को फिर जुटेगी महापंचायत; विधानसभा सत्र में भी गूंजेगा विस्थापितों का मुद्दा ,पंचायत चुनावों में गरमाएगा माहौल पौंग बांध विस्थापितों की पीड़ा पर गरजे राकेश सिंघा
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धर्मशाला , 22 नवंबर [ विशाल सूद ] ! पौंग बांध विस्थापितों का 70 साल पुराना जख्म एक बार फिर हरा हो गया है। जिला कांगड़ा के फतेहपुर के राजा का तालाब में हुई बैठक में प्रदेश किसान सभा के सचिव और ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने विस्थापितों की पीड़ा को लेकर बड़ा हमला बोला। 18 दिसंबर को महापंचायत फिर जुटेगी, और विस्थापितों का मुद्दा अब विधानसभा से लेकर पंचायत चुनावों तक गूंजने वाला है। इस पर विधानसभा का घेराब भी किया जाएगा ।राजा का तालाब में आयोजित इस बड़ी बैठक में पौंग बांध विस्थापितों ने दशकों से चली आ रही अपनी पीड़ा और गुस्सा खुलकर जाहिर किया। राकेश सिंघा ने कहा—विस्थापितों को वह सजा मिली है जो अपराधियों को भी नहीं दी जाती। उन्होंने आरोप लगाया कि बांध से फायदा पंजाब को मिला, लेकिन असली हिमाचली आज भी अंधेरे में है। सिंघा ने कहा कि विस्थापित परिवार आज भी पटवारी, डीसी, हाई कोर्ट–सुप्रीम कोर्ट और जोधपुर कोर्ट के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। “तीन-तीन पीढ़ियों को जिंदा मार दिया गया है। 339 गांव डुबो दिए, 75 हजार एकड़ जमीन छीन ली… और आज भी इंसाफ नहीं मिला। यह देश का पहला मामला था जहाँ हिमाचल के लोगों को दूसरे राज्य में जाकर जमीन खरीदने पर मजबूर किया गया। हम हर रिश्वतखोरी, हर धांधली का रिकॉर्ड सामने लाकर रहेंगे।बैठक में तय हुआ कि अब विस्थापितों के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। 18 दिसंबर को फिर राजा का तालाब में महापंचायत होगी। सिंघा ने कहा कि किसान और मजदूर 26 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे । बैठक में जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए कनवीनर कमेटी भी बनाई गई। “अब यह संघर्ष रुकेगा नहीं। हम सभी कमेटियों को साथ लेकर बड़े जन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।विधानसभा से लेकर पंचायत चुनावों तक—पौंग बांध विस्थापितों की आवाज़ हर मंच पर गूंजेगी।”
धर्मशाला , 22 नवंबर [ विशाल सूद ] ! पौंग बांध विस्थापितों का 70 साल पुराना जख्म एक बार फिर हरा हो गया है। जिला कांगड़ा के फतेहपुर के राजा का तालाब में हुई बैठक में प्रदेश किसान सभा के सचिव और ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने विस्थापितों की पीड़ा को लेकर बड़ा हमला बोला। 18 दिसंबर को महापंचायत फिर जुटेगी, और विस्थापितों का मुद्दा अब विधानसभा से लेकर पंचायत चुनावों तक गूंजने वाला है। इस पर विधानसभा का घेराब भी किया जाएगा ।राजा का तालाब में आयोजित इस बड़ी बैठक में पौंग बांध विस्थापितों ने दशकों से चली आ रही अपनी पीड़ा और गुस्सा खुलकर जाहिर किया।
राकेश सिंघा ने कहा—विस्थापितों को वह सजा मिली है जो अपराधियों को भी नहीं दी जाती। उन्होंने आरोप लगाया कि बांध से फायदा पंजाब को मिला, लेकिन असली हिमाचली आज भी अंधेरे में है। सिंघा ने कहा कि विस्थापित परिवार आज भी पटवारी, डीसी, हाई कोर्ट–सुप्रीम कोर्ट और जोधपुर कोर्ट के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।
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“तीन-तीन पीढ़ियों को जिंदा मार दिया गया है। 339 गांव डुबो दिए, 75 हजार एकड़ जमीन छीन ली… और आज भी इंसाफ नहीं मिला। यह देश का पहला मामला था जहाँ हिमाचल के लोगों को दूसरे राज्य में जाकर जमीन खरीदने पर मजबूर किया गया। हम हर रिश्वतखोरी, हर धांधली का रिकॉर्ड सामने लाकर रहेंगे।बैठक में तय हुआ कि अब विस्थापितों के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। 18 दिसंबर को फिर राजा का तालाब में महापंचायत होगी। सिंघा ने कहा कि किसान और मजदूर 26 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे । बैठक में जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए कनवीनर कमेटी भी बनाई गई।
“अब यह संघर्ष रुकेगा नहीं। हम सभी कमेटियों को साथ लेकर बड़े जन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।विधानसभा से लेकर पंचायत चुनावों तक—पौंग बांध विस्थापितों की आवाज़ हर मंच पर गूंजेगी।”
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