अटल बिहारी वाजपेयी ने सुशासन, संवेदनशील राजनीति और मजबूत संगठन की नींव रखी: अर्की में अटल जयंती कार्यक्रम
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शिमला , 29 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया सह–प्रभारी प्यार सिंह कंवर ने विश्राम गृह अर्की में आयोजित अटल जयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर अर्की विधानसभा क्षेत्र के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। उन्होंने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्हें एक संवेदनशील पत्रकार, ओजस्वी कवि, अद्वितीय संगठनकर्ता और लोकप्रिय सुशासन का प्रतीक बताया। प्यार सिंह कंवर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी का कवि हृदय उनकी राजनीति की आत्मा था, जिसने उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग पहचान दी। वे केवल सत्ता के नहीं, बल्कि संवेदना और विचार के नेता थे। उनकी कविताओं में राष्ट्रवाद, मानवीय मूल्य और भारतीय संस्कृति की गहरी छाप दिखाई देती है। उनका प्रसिद्ध काव्य संग्रह “मेरी 51 कविताएँ” और आपातकाल के दौरान जेल में लिखी गई “कैदी कविराज की कुण्डलियाँ” आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” जैसी पंक्तियाँ अटल जी की अदम्य इच्छाशक्ति और संघर्षशील जीवन-दर्शन को दर्शाती हैं। अटल जी का मानना था कि साहित्य और राजनीति एक-दूसरे के पूरक हैं और साहित्य राजनेता को मानवीय बनाता है। भाजपा प्रदेश मीडिया सह–प्रभारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी एक अद्वितीय संगठन शिल्पी भी थे। उन्होंने शून्य से शिखर तक भारतीय जनता पार्टी और उसके पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ को खड़ा करने में निर्णायक भूमिका निभाई। 1980 में भाजपा की स्थापना कर वे इसके पहले अध्यक्ष बने और पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया। उन्हें गठबंधन राजनीति का शिल्पी कहा जाता है, जिन्होंने नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के माध्यम से 20 से अधिक विविध विचारधारा वाले दलों को एकजुट कर देश को पहली स्थिर गठबंधन सरकार दी। उन्होंने कहा कि अटल जी ने संगठन के माध्यम से भविष्य के नेतृत्व को तैयार किया। प्रमोद महाजन, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे अनेक नेताओं को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही। प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, पोखरण–II परमाणु परीक्षण, नई दूरसंचार नीति जैसे निर्णय लेकर आधुनिक भारत की मजबूत नींव रखी। उनकी पारदर्शी, लोक–केंद्रित और जवाबदेह शासन शैली के सम्मान में ही उनकी जन्मतिथि 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा, मंडल अध्यक्ष रीना भारद्वाज, राकेश ठाकुर, राजेश महाजन, महामंत्री यशपाल कश्यप, रूपराम शर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष कृष्ण चंद्र शर्मा, जिला सचिव बी.एस. ठाकुर, किसान मोर्चा अध्यक्ष गौतम, सुरेश जोशी, अनेक भाजपा कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में आम जनमानस उपस्थित रहा। सभी उपस्थित जनों ने अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को आत्मसात करने और राष्ट्रसेवा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
शिमला , 29 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया सह–प्रभारी प्यार सिंह कंवर ने विश्राम गृह अर्की में आयोजित अटल जयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर अर्की विधानसभा क्षेत्र के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। उन्होंने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्हें एक संवेदनशील पत्रकार, ओजस्वी कवि, अद्वितीय संगठनकर्ता और लोकप्रिय सुशासन का प्रतीक बताया।
प्यार सिंह कंवर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी का कवि हृदय उनकी राजनीति की आत्मा था, जिसने उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग पहचान दी। वे केवल सत्ता के नहीं, बल्कि संवेदना और विचार के नेता थे। उनकी कविताओं में राष्ट्रवाद, मानवीय मूल्य और भारतीय संस्कृति की गहरी छाप दिखाई देती है। उनका प्रसिद्ध काव्य संग्रह “मेरी 51 कविताएँ” और आपातकाल के दौरान जेल में लिखी गई “कैदी कविराज की कुण्डलियाँ” आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
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उन्होंने कहा कि “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” जैसी पंक्तियाँ अटल जी की अदम्य इच्छाशक्ति और संघर्षशील जीवन-दर्शन को दर्शाती हैं। अटल जी का मानना था कि साहित्य और राजनीति एक-दूसरे के पूरक हैं और साहित्य राजनेता को मानवीय बनाता है।
भाजपा प्रदेश मीडिया सह–प्रभारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी एक अद्वितीय संगठन शिल्पी भी थे। उन्होंने शून्य से शिखर तक भारतीय जनता पार्टी और उसके पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ को खड़ा करने में निर्णायक भूमिका निभाई। 1980 में भाजपा की स्थापना कर वे इसके पहले अध्यक्ष बने और पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया। उन्हें गठबंधन राजनीति का शिल्पी कहा जाता है, जिन्होंने नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के माध्यम से 20 से अधिक विविध विचारधारा वाले दलों को एकजुट कर देश को पहली स्थिर गठबंधन सरकार दी।
उन्होंने कहा कि अटल जी ने संगठन के माध्यम से भविष्य के नेतृत्व को तैयार किया। प्रमोद महाजन, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे अनेक नेताओं को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही। प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, पोखरण–II परमाणु परीक्षण, नई दूरसंचार नीति जैसे निर्णय लेकर आधुनिक भारत की मजबूत नींव रखी। उनकी पारदर्शी, लोक–केंद्रित और जवाबदेह शासन शैली के सम्मान में ही उनकी जन्मतिथि 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा, मंडल अध्यक्ष रीना भारद्वाज, राकेश ठाकुर, राजेश महाजन, महामंत्री यशपाल कश्यप, रूपराम शर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष कृष्ण चंद्र शर्मा, जिला सचिव बी.एस. ठाकुर, किसान मोर्चा अध्यक्ष गौतम, सुरेश जोशी, अनेक भाजपा कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में आम जनमानस उपस्थित रहा।
सभी उपस्थित जनों ने अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को आत्मसात करने और राष्ट्रसेवा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
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