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चम्बा , 13 सितम्बर [ शिवानी ] ! एक तरफ जहाँ पर मणिमहेश कैलाश मानसरोवर यात्रा का दौर बड़ी जोर शोर से चला हुआ है तो वही जिले के भिन्न भिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में दंगल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा रहा है। आपको बता दे कि वैसे तो इस प्रकार से होने वाली दंगल,प्रतियोगिता जोकि देश के कोने कोने में करवाई जाती है पर चम्बा जिले में करवाई जाने वाली इन कुश्ती प्रतियोगिता का अलग ही महत्व है। सदियों से चली आ रही आपसी भाई चारे का प्रतीक इन दंगल प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष इसी माह में ही किया जाता है और अक्सर वह आयोजन गांव में ही करवाए जाते है। गांव के ग्रामीण लोग दूर दूर से इन दंगल को देखने आते है जिससे आपसी भाईचारा अत्यधिक देखने को मिलता है। पिछले कल भी गांव भनोत्ता में भी एक विशाल दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे दूसरे राज्यों से आए नामी पहलवानों ने इस दंगल प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसको देखकर ग्रामीण लोग काफी खुश थे। इस मौके पर भन्नोत पंचायत के पूर्व प्रधान ने कहा कि हमारे इन ग्रामीण क्षेत्र में इस चिंझ मेले जिनका आयोजन आज से नही बल्कि सदियों से हमारे पूर्वज भी किया करते थे आज भी इस तरह के आयोजन हर ग्रामीण कस्बों में बखूबी किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसमें माली घोल भी करवाया जाता है,और हमारी इच्छा है लिए वाले समय में इन दंगल प्रतियोगिताओं को और भी बढ़ावा दिया जाए ताकि हमारी प्राचीन संस्कृति के साथ यह विरासत का और भी विस्तार हो सके।
चम्बा , 13 सितम्बर [ शिवानी ] ! एक तरफ जहाँ पर मणिमहेश कैलाश मानसरोवर यात्रा का दौर बड़ी जोर शोर से चला हुआ है तो वही जिले के भिन्न भिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में दंगल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा रहा है। आपको बता दे कि वैसे तो इस प्रकार से होने वाली दंगल,प्रतियोगिता जोकि देश के कोने कोने में करवाई जाती है पर चम्बा जिले में करवाई जाने वाली इन कुश्ती प्रतियोगिता का अलग ही महत्व है। सदियों से चली आ रही आपसी भाई चारे का प्रतीक इन दंगल प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष इसी माह में ही किया जाता है और अक्सर वह आयोजन गांव में ही करवाए जाते है।
गांव के ग्रामीण लोग दूर दूर से इन दंगल को देखने आते है जिससे आपसी भाईचारा अत्यधिक देखने को मिलता है। पिछले कल भी गांव भनोत्ता में भी एक विशाल दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे दूसरे राज्यों से आए नामी पहलवानों ने इस दंगल प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसको देखकर ग्रामीण लोग काफी खुश थे। इस मौके पर भन्नोत पंचायत के पूर्व प्रधान ने कहा कि हमारे इन ग्रामीण क्षेत्र में इस चिंझ मेले जिनका आयोजन आज से नही बल्कि सदियों से हमारे पूर्वज भी किया करते थे आज भी इस तरह के आयोजन हर ग्रामीण कस्बों में बखूबी किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसमें माली घोल भी करवाया जाता है,और हमारी इच्छा है लिए वाले समय में इन दंगल प्रतियोगिताओं को और भी बढ़ावा दिया जाए ताकि हमारी प्राचीन संस्कृति के साथ यह विरासत का और भी विस्तार हो सके।
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