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डलहौजी, 14 नवंबर [ सुभाष महाजन ] ! हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी डलहौजी में दिवाली का सीजन नहीं लगा और नाम मात्र ही पर्यटक डलहौजी घूमने आए जिससे यहां के होटल व्यवसाईयों, रेस्टोरेंट मालिकों, दुकानदारों और टैक्सी ऑपरेटर में इस बात को लेकर चिंता सता रही है कि वह अपने परिवारों का पालन पोषण और खर्च कैसे निकालेंगे। कोरोना वायरस के 2 साल बाद भी डलहौजी में अभी तक होटल व्यवसाय पटरी पर नहीं लोटा है जैसा कोरोना वायरस से पहले हुआ करता था। इस साल की बात करें तो अप्रैल और मई महीना बिल्कुल डाउन गया जून में लगभग 70% पर्यटक ही डलहौजी आए। जुलाई महीने हिमाचल में आई बाढ़ और आपदा की त्रासदी की वजह से पर्यटक अगस्त सितंबर और अक्टूबर महीने में ना के बराबर ही आया और हिमाचल में आई इस प्राकृतिक त्रासदी की वजह से पर्यटकों ने उत्तराखंड और कश्मीर जाना बेहतर समझा। अब नवंबर महीने डलहौजी के होटल व्यवसाईयों और अन्य लोगों को यह उम्मीद थी की दिवाली और दुर्गा पूजा का सीजन लगेगा परंतु पर्यटकों के ना आने के कारण यह सीजन भी नहीं लगा अब यहां के व्यवसाईयों को आने वाले बर्फ, क्रिसमस और नए साल के सीजन का इंतजार है। ताकि उन सब की रोजी-रोटी चल सके। यहां यह बताते चले की पर्यटन स्थल डलहौजी का ऐतिहासिक महत्व है और इस पर्यटक स्थल को लॉर्ड डलहौजी के नाम से बसाया गया था। हिमाचल मैं शिमला, धर्मशाला, मनाली पर्यटक स्थल है और दो नए पर्यटक स्थल जैसे अटल टनल और लाहौल स्पीति भी विकसित हुए हैं पर्यटक इन सभी स्थानों में खूब जा रहा है और पर्यटक स्थल डलहौजी इन सब पर्यटन स्थलों से सबसे पीछे रह गया है और खत्म हो रहा है। अगर हिमाचल सरकार ने तुरंत इस बहुत ही खूबसूरत पर्यटक स्थल की तरफ ध्यान नहीं दिया तो वह दिन दूर नहीं जब जहां पर पर्यटक आने बंद हो जाएंगे और डलहौजी पर्यटन की दृष्टि से खत्म हो जाएगा जिससे यहां स्थानीय लोगों को रोजी-रोटी कमाने और अपने बच्चे पालने के लाले पड़ जाएंगे अब वक्त आ गया है की हिमाचल सरकार इस पिझड रहे पर्यटक स्थल की तरफ भी ध्यान दें।
डलहौजी, 14 नवंबर [ सुभाष महाजन ] ! हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी डलहौजी में दिवाली का सीजन नहीं लगा और नाम मात्र ही पर्यटक डलहौजी घूमने आए जिससे यहां के होटल व्यवसाईयों, रेस्टोरेंट मालिकों, दुकानदारों और टैक्सी ऑपरेटर में इस बात को लेकर चिंता सता रही है कि वह अपने परिवारों का पालन पोषण और खर्च कैसे निकालेंगे।
कोरोना वायरस के 2 साल बाद भी डलहौजी में अभी तक होटल व्यवसाय पटरी पर नहीं लोटा है जैसा कोरोना वायरस से पहले हुआ करता था। इस साल की बात करें तो अप्रैल और मई महीना बिल्कुल डाउन गया जून में लगभग 70% पर्यटक ही डलहौजी आए। जुलाई महीने हिमाचल में आई बाढ़ और आपदा की त्रासदी की वजह से पर्यटक अगस्त सितंबर और अक्टूबर महीने में ना के बराबर ही आया और हिमाचल में आई इस प्राकृतिक त्रासदी की वजह से पर्यटकों ने उत्तराखंड और कश्मीर जाना बेहतर समझा। अब नवंबर महीने डलहौजी के होटल व्यवसाईयों और अन्य लोगों को यह उम्मीद थी की दिवाली और दुर्गा पूजा का सीजन लगेगा परंतु पर्यटकों के ना आने के कारण यह सीजन भी नहीं लगा अब यहां के व्यवसाईयों को आने वाले बर्फ, क्रिसमस और नए साल के सीजन का इंतजार है। ताकि उन सब की रोजी-रोटी चल सके। यहां यह बताते चले की पर्यटन स्थल डलहौजी का ऐतिहासिक महत्व है और इस पर्यटक स्थल को लॉर्ड डलहौजी के नाम से बसाया गया था। हिमाचल मैं शिमला, धर्मशाला, मनाली पर्यटक स्थल है और दो नए पर्यटक स्थल जैसे अटल टनल और लाहौल स्पीति भी विकसित हुए हैं पर्यटक इन सभी स्थानों में खूब जा रहा है और पर्यटक स्थल डलहौजी इन सब पर्यटन स्थलों से सबसे पीछे रह गया है और खत्म हो रहा है।
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अगर हिमाचल सरकार ने तुरंत इस बहुत ही खूबसूरत पर्यटक स्थल की तरफ ध्यान नहीं दिया तो वह दिन दूर नहीं जब जहां पर पर्यटक आने बंद हो जाएंगे और डलहौजी पर्यटन की दृष्टि से खत्म हो जाएगा जिससे यहां स्थानीय लोगों को रोजी-रोटी कमाने और अपने बच्चे पालने के लाले पड़ जाएंगे अब वक्त आ गया है की हिमाचल सरकार इस पिझड रहे पर्यटक स्थल की तरफ भी ध्यान दें।
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