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शिमला ,27 जनवरी [ विशाल सूद ] ! एमसी शिक्षक नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। एसएमसी शिक्षक संघ एक बार फिर सड़कों पर उतर गया है। शिक्षक आज से उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं। संघ का कहना है कि वह काफी लंबे समय से सरकार के समक्ष नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि वे धरने से तभी उठेंगे जब उनकी मांगे मान ली जाएगी। एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्म ने कहा कि सरकार ने उनके नियमितिकरण के लिए सब कमेटी बनाई, 31 दिसंबर तक उसमे कोई नीति बनाने की बात कही लेकिन कुछ नही हुआ। मुख्यमंत्री ने स्वयं सार्वजनिक मंच से बात कही लेकिन कुछ नही हुआ। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षक 12 सालों से दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अन्य अध्यापकों को नीति बनाकर रेगुलर किया गया लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि वे तीन दिन तक लगातार दिन रात क्रमिक अनशन पर रहेंगे फिर भी सरकार न जागी तो सभी 2555 अध्यापक कक्षाओं का बहिष्कार कर शिमला में जुटेंगे। सरकार बजट न होने की बात कहती है लेकिन अब बजट सत्र आ रहा है उसमे उनके लिए बजट का प्रावधान कर नियमित। किया जाए।
शिमला ,27 जनवरी [ विशाल सूद ] ! एमसी शिक्षक नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। एसएमसी शिक्षक संघ एक बार फिर सड़कों पर उतर गया है। शिक्षक आज से उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं। संघ का कहना है कि वह काफी लंबे समय से सरकार के समक्ष नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि वे धरने से तभी उठेंगे जब उनकी मांगे मान ली जाएगी।
एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्म ने कहा कि सरकार ने उनके नियमितिकरण के लिए सब कमेटी बनाई, 31 दिसंबर तक उसमे कोई नीति बनाने की बात कही लेकिन कुछ नही हुआ। मुख्यमंत्री ने स्वयं सार्वजनिक मंच से बात कही लेकिन कुछ नही हुआ। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षक 12 सालों से दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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अन्य अध्यापकों को नीति बनाकर रेगुलर किया गया लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि वे तीन दिन तक लगातार दिन रात क्रमिक अनशन पर रहेंगे फिर भी सरकार न जागी तो सभी 2555 अध्यापक कक्षाओं का बहिष्कार कर शिमला में जुटेंगे। सरकार बजट न होने की बात कहती है लेकिन अब बजट सत्र आ रहा है उसमे उनके लिए बजट का प्रावधान कर नियमित। किया जाए।
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