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चम्बा 18 मई [ शिवानी ] ! चम्बा जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के बहुत से इलाके ऐसे हैं जहां पर जंगली सुअरों ने किसानों की नाक में दम कर दिया है । रात के समय यह जंगली सूअर झुंडों में लोगों के खेतों में पहुंचते हैं और वहां पर पूरी तरह से तबाही मचा के चले जाते हैं । आजकल मक्की की बिजाई का काम जोरों पर है और यह जंगली सुअर लोगों के खेतों में बुरी तरह से उत्पाद मचा रहे हैं। इससे पहले लोगों को बंदरों की वजह से परेशानी हो रही थी अब इन सुअरों ने उनकी नाक में दम कर रखा है । किसानों ने यह सुअर जहां जंगल के रास्ते से खेतों में घुसते हैं वहां पर उन्होंने कपड़े के बड़े-बड़े पुतले भी लगाए हैं लेकिन लगता है कि वह पुतले भी अब उन सुअरों को नहीं चकमा दे पा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने किसानों ने बताया कि उनके खेतों को सूअर पूरी तरह से बर्बाद कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि रात के समय यह सुअर झुंड में इकट्ठे होकर वहां पहुंचते हैं और खेतों में पूरी तरह तबाही मचा जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन्हें भगाने के लिए खेतों में पुतले भी लगाए गए हैं लेकिन उन पुतलों का भी असर नहीं दिख रहा है ।उन्होंने वन विभाग से आग्रह किया कि इन सुअरों से उन्हें निजात दिलाई जाए ताकि वह चैन से अपनी खेतीबाड़ी कर पाएं।
चम्बा 18 मई [ शिवानी ] ! चम्बा जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के बहुत से इलाके ऐसे हैं जहां पर जंगली सुअरों ने किसानों की नाक में दम कर दिया है । रात के समय यह जंगली सूअर झुंडों में लोगों के खेतों में पहुंचते हैं और वहां पर पूरी तरह से तबाही मचा के चले जाते हैं । आजकल मक्की की बिजाई का काम जोरों पर है और यह जंगली सुअर लोगों के खेतों में बुरी तरह से उत्पाद मचा रहे हैं। इससे पहले लोगों को बंदरों की वजह से परेशानी हो रही थी अब इन सुअरों ने उनकी नाक में दम कर रखा है ।
किसानों ने यह सुअर जहां जंगल के रास्ते से खेतों में घुसते हैं वहां पर उन्होंने कपड़े के बड़े-बड़े पुतले भी लगाए हैं लेकिन लगता है कि वह पुतले भी अब उन सुअरों को नहीं चकमा दे पा रहे हैं।
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स्थानीय लोगों ने किसानों ने बताया कि उनके खेतों को सूअर पूरी तरह से बर्बाद कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि रात के समय यह सुअर झुंड में इकट्ठे होकर वहां पहुंचते हैं और खेतों में पूरी तरह तबाही मचा जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन्हें भगाने के लिए खेतों में पुतले भी लगाए गए हैं लेकिन उन पुतलों का भी असर नहीं दिख रहा है ।उन्होंने वन विभाग से आग्रह किया कि इन सुअरों से उन्हें निजात दिलाई जाए ताकि वह चैन से अपनी खेतीबाड़ी कर पाएं।
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