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धर्मशाला , 01 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! में आज एंटी-चिट्टा वॉकथॉन के मंच पर मुख्यमंत्री सुख्विन्द्र सिंह सुख्खू ने “राधे-राधे” विवाद पर खुलकर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं स्टेज पर “राधे-राधे” के नारे लगाए और विपक्ष को स्पष्ट संदेश दिया कि धार्मिक नारों पर राजनीति करने की कोशिश अब नहीं चलेगी बीते दिनों धर्मशाला स्टेडियम में बच्चों के राधे-राधे कहने पर राजनीतिक माहौल गर्मा गया था, और आज मुख्यमंत्री ने इसी विवाद को संबोधित करते हुए भाजपा पर सीधा हमला बोला धर्मशाला एंटी-चिट्टा वॉकथॉन में आज बड़ी संख्या में युवा, विद्यार्थी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। गौर रहे दो दिन पहले जब वे सुबह धर्मशाला स्टेडियम पहुंचे थे और बच्चों ने “राधे-राधे” कहा था, तब उन्होंने सिर्फ यह पूछा था कि “आप राधे-राधे क्यों कहते हो?”लेकिन इस सामान्य बातचीत को भाजपा ने राजनीतिक रंग दे दिया और अनावश्यक विवाद खड़ा कर दिया मुख्यमंत्री का आरोप था कि भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे हर छोटी-बड़ी बात को तूल देकर सुर्खियाँ बटोरना चाहती है उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा में किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने से कतराती है, लेकिन बाहर धार्मिक प्रतीकों और नारों को उछालकर राजनीति करने में लगी रहती है। मुख्यमंत्री ने मंच से यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की पूर्व सरकार ने प्रदेश को आर्थिक रूप से कमजोर किया, कीमती संपत्तियों को कौड़ियों के भाव बेचा और हिमाचल की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुँचाया। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ चलाई जा रही इस महत्वपूर्ण मुहिम को भी भाजपा राजनीतिक चश्मे से देख रही है, जबकि यह समाज और युवाओं के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है "मैं किसी के घर खाना खाऊँ या किसी कार्यक्रम में चला जाऊँ… भाजपा राजनीति ढूंढ ही लेती है जिनके पास कोई मुद्दा नहीं होता, वही सनातन धर्म जैसे पवित्र विषय को भी राजनीति का साधन बना देते हैं।जो लोग सनातन धर्म को राजनीतिक रंग देते हैं, वे असली सनातनी हिंदू हो ही नहीं सकते।"
धर्मशाला , 01 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! में आज एंटी-चिट्टा वॉकथॉन के मंच पर मुख्यमंत्री सुख्विन्द्र सिंह सुख्खू ने “राधे-राधे” विवाद पर खुलकर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं स्टेज पर “राधे-राधे” के नारे लगाए और विपक्ष को स्पष्ट संदेश दिया कि धार्मिक नारों पर राजनीति करने की कोशिश अब नहीं चलेगी बीते दिनों धर्मशाला स्टेडियम में बच्चों के राधे-राधे कहने पर राजनीतिक माहौल गर्मा गया था, और आज मुख्यमंत्री ने इसी विवाद को संबोधित करते हुए भाजपा पर सीधा हमला बोला धर्मशाला एंटी-चिट्टा वॉकथॉन में आज बड़ी संख्या में युवा, विद्यार्थी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।
गौर रहे दो दिन पहले जब वे सुबह धर्मशाला स्टेडियम पहुंचे थे और बच्चों ने “राधे-राधे” कहा था, तब उन्होंने सिर्फ यह पूछा था कि “आप राधे-राधे क्यों कहते हो?”लेकिन इस सामान्य बातचीत को भाजपा ने राजनीतिक रंग दे दिया और अनावश्यक विवाद खड़ा कर दिया मुख्यमंत्री का आरोप था कि भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे हर छोटी-बड़ी बात को तूल देकर सुर्खियाँ बटोरना चाहती है उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा में किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने से कतराती है, लेकिन बाहर धार्मिक प्रतीकों और नारों को उछालकर राजनीति करने में लगी रहती है।
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मुख्यमंत्री ने मंच से यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की पूर्व सरकार ने प्रदेश को आर्थिक रूप से कमजोर किया, कीमती संपत्तियों को कौड़ियों के भाव बेचा और हिमाचल की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुँचाया। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ चलाई जा रही इस महत्वपूर्ण मुहिम को भी भाजपा राजनीतिक चश्मे से देख रही है, जबकि यह समाज और युवाओं के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है "मैं किसी के घर खाना खाऊँ या किसी कार्यक्रम में चला जाऊँ… भाजपा राजनीति ढूंढ ही लेती है जिनके पास कोई मुद्दा नहीं होता, वही सनातन धर्म जैसे पवित्र विषय को भी राजनीति का साधन बना देते हैं।जो लोग सनातन धर्म को राजनीतिक रंग देते हैं, वे असली सनातनी हिंदू हो ही नहीं सकते।"
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