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उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को प्रदेश के समृद्ध हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में ऑनलाइन माध्यमों से उपलब्ध करवाने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह ग्रामीण स्तर पर प्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प, हथकरघा और पारम्परिक खिलौना कला से जुड़े कारीगरों के कलस्टर तैयार कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करें और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के खिलौना उद्योग को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाए। उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री दस्तकार योजना और मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजनाओं के अन्तर्गत पारम्परिक हस्तकला, हस्तशिल्प, लकड़ी और धातु शिल्प कलाओं को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर युवाओं को लाभप्रद रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। इन योजनाओं के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल परम्परागत कलाओं, शिल्प और संस्कृति के पुनरूद्धार की दिशा में कार्य कर रही है बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के हरकरघा एवं हस्तशिल्प के संवर्द्धन में बेहतर काम करने वाले कारीगरों को सम्मानित करने के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना का प्रारूप तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि निगम राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेताओं को उनके उत्पादों के विपणन के लिए समुचित सुविधाएं प्रदान करने के लिए समुचित प्रयास करें। हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग रामसुभग सिंह, प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को प्रदेश के समृद्ध हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में ऑनलाइन माध्यमों से उपलब्ध करवाने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह ग्रामीण स्तर पर प्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प, हथकरघा और पारम्परिक खिलौना कला से जुड़े कारीगरों के कलस्टर तैयार कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करें और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के खिलौना उद्योग को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाए।
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उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री दस्तकार योजना और मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजनाओं के अन्तर्गत पारम्परिक हस्तकला, हस्तशिल्प, लकड़ी और धातु शिल्प कलाओं को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर युवाओं को लाभप्रद रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। इन योजनाओं के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल परम्परागत कलाओं, शिल्प और संस्कृति के पुनरूद्धार की दिशा में कार्य कर रही है बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है।
उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के हरकरघा एवं हस्तशिल्प के संवर्द्धन में बेहतर काम करने वाले कारीगरों को सम्मानित करने के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना का प्रारूप तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि निगम राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेताओं को उनके उत्पादों के विपणन के लिए समुचित सुविधाएं प्रदान करने के लिए समुचित प्रयास करें।
हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग रामसुभग सिंह, प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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