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शिमला , 11 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल कांग्रेस में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार अपने ही बेटे से परेशान नजर आ रहे हैं। चौधरी चंद्र कुमार ने बीते रोज अपने बेटे नीरज की और से टिप्पणी पर कहा कि मुख्यमंत्री का कोई खास विधायक नहीं होता। सभी विधायक ही मुख्यमंत्री के खास होते हैं। प्रशासन को बदलने में वक्त लगता है और सरकार प्राथमिकता के साथ काम करती है। चंद्र कुमार अपने बेटे से परेशान नजर आए। उन्होंने कहा कि आप सभी उसके बारे में जानते हैं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि जब बाप का जूता बेटे को फिट आने लग जाए, तो उसे कोई नसीहत नहीं देनी चाहिए। बता दें कि वीरवार को पूर्व मुख्य संसदीय सचिव और कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती ने कहा था कि चंद्र कुमार को दूसरे विधायकों को नसीहत न देते हुए अपने इलाके पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाए थे कि आखिर सत्ता परिवर्तन के बाद भी पुराने अधिकारियों के साथ काम क्यों चलाया जा रहा है? चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती ने सवाल खड़े किए थे कि आज की कांग्रेस सरकार में भाजपा नेताओं के ही काम हो रहे हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं है। नीरज भारती ने यह टिप्पणी विधायक राजिंदर राणा और सुधीर शर्मा के गीता ज्ञान के बाद चंद्र कुमार के बयान पर की थी। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश का मुख्यमत्री राजपूत है उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण है और दोनो एक ही संसदीय क्षेत्र से है शिमला क्षेत्र में पहली बार इतने मंत्री बने है। मंत्रिमंडल में 3 सीटे खाली चल रही है लेकिन सरकार फिर भी चल रही है। उन्होंने कहा कि छोटा परिवार सुख का आधार है और यह नारा मैने दिया है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार मंत्रीमंडल 10 फीसदी से ऊपर नहीं होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की सरकार में भी मंत्रीमंडल का अंत में विस्तार हुआ था ऐसे में विधायकों को इंतजार करना चाहिए। पिछली सरकार में ओबीसी का कोई भी व्यक्ति मंत्रीमंडल में नहीं था। लेकिन कांग्रेस की सरकार में 2-2 मंत्री रहे है हमने तो कभी शिकायत नहीं की ऐसे में सभी को धैर्य रखना चाहिए। ऐसे में जो कार्य एमएलए को दिए है वह करें। लोगों की समस्याओं को सुने उनका निपटारा करें। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 11 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल कांग्रेस में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार अपने ही बेटे से परेशान नजर आ रहे हैं। चौधरी चंद्र कुमार ने बीते रोज अपने बेटे नीरज की और से टिप्पणी पर कहा कि मुख्यमंत्री का कोई खास विधायक नहीं होता। सभी विधायक ही मुख्यमंत्री के खास होते हैं।
प्रशासन को बदलने में वक्त लगता है और सरकार प्राथमिकता के साथ काम करती है। चंद्र कुमार अपने बेटे से परेशान नजर आए। उन्होंने कहा कि आप सभी उसके बारे में जानते हैं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि जब बाप का जूता बेटे को फिट आने लग जाए, तो उसे कोई नसीहत नहीं देनी चाहिए।
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बता दें कि वीरवार को पूर्व मुख्य संसदीय सचिव और कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती ने कहा था कि चंद्र कुमार को दूसरे विधायकों को नसीहत न देते हुए अपने इलाके पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाए थे कि आखिर सत्ता परिवर्तन के बाद भी पुराने अधिकारियों के साथ काम क्यों चलाया जा रहा है?
चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती ने सवाल खड़े किए थे कि आज की कांग्रेस सरकार में भाजपा नेताओं के ही काम हो रहे हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं है। नीरज भारती ने यह टिप्पणी विधायक राजिंदर राणा और सुधीर शर्मा के गीता ज्ञान के बाद चंद्र कुमार के बयान पर की थी। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश का मुख्यमत्री राजपूत है उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण है और दोनो एक ही संसदीय क्षेत्र से है शिमला क्षेत्र में पहली बार इतने मंत्री बने है। मंत्रिमंडल में 3 सीटे खाली चल रही है लेकिन सरकार फिर भी चल रही है।
उन्होंने कहा कि छोटा परिवार सुख का आधार है और यह नारा मैने दिया है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार मंत्रीमंडल 10 फीसदी से ऊपर नहीं होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की सरकार में भी मंत्रीमंडल का अंत में विस्तार हुआ था ऐसे में विधायकों को इंतजार करना चाहिए।
पिछली सरकार में ओबीसी का कोई भी व्यक्ति मंत्रीमंडल में नहीं था। लेकिन कांग्रेस की सरकार में 2-2 मंत्री रहे है हमने तो कभी शिकायत नहीं की ऐसे में सभी को धैर्य रखना चाहिए। ऐसे में जो कार्य एमएलए को दिए है वह करें। लोगों की समस्याओं को सुने उनका निपटारा करें।
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