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शिमला , 28 नवंबर [ विशाल सूद ] ! राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ पिछले 37 दिनों से शिमला में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। संघ का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। दृष्टिहीन संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 3 और 4 दिसंबर को सचिवालय के बाहर एक बार फिर से महाधरना किया जाएगा। शिमला के कालीबाड़ी के नजदीक रेन शेल्टर में पिछले 38 दिनों से धरने पर बैठे राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के सदस्यों का कहना है कि पिछली सरकार से लेकर वर्तमान की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने धरने, चक्का जाम करके अपनी मांगी सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन विफल रहे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सीएम बोल रहे हैं कि धरने से समाधान नहीं होगा लेकिन कंपकपाती ठंड में पिछले 37 दिन से सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि बैकलॉग भर्तियों को एकमुश्त भर्ती मेले के द्वारा भरा जाए लेकिन सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर सचिवालय का घेराव किया जायेगा और पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती है।
शिमला , 28 नवंबर [ विशाल सूद ] ! राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ पिछले 37 दिनों से शिमला में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। संघ का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। दृष्टिहीन संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 3 और 4 दिसंबर को सचिवालय के बाहर एक बार फिर से महाधरना किया जाएगा।
शिमला के कालीबाड़ी के नजदीक रेन शेल्टर में पिछले 38 दिनों से धरने पर बैठे राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के सदस्यों का कहना है कि पिछली सरकार से लेकर वर्तमान की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने धरने, चक्का जाम करके अपनी मांगी सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन विफल रहे।
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उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सीएम बोल रहे हैं कि धरने से समाधान नहीं होगा लेकिन कंपकपाती ठंड में पिछले 37 दिन से सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि बैकलॉग भर्तियों को एकमुश्त भर्ती मेले के द्वारा भरा जाए लेकिन सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर सचिवालय का घेराव किया जायेगा और पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती है।
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